NPS एग्जिट नियम में बड़ा बदलाव... रिटायरमेंट के बाद अब हाथ में आएगा ज्यादा पैसा, जानें नए गाइडलाइन की पूरी गणित
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने NPS से एग्जिट के नियम आसान कर दिए हैं. अब गैर-सरकारी निवेशकों को रिटायरमेंट पर सिर्फ 20% राशि से एन्युटी खरीदनी होगी, जबकि 80% रकम एकमुश्त निकाली जा सकेगी. यह सुविधा कम से कम 15 साल NPS में निवेश करने वालों को मिलेगी.
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अगर आप अपने रिटायरमेंट को सुरक्षित और तनावमुक्त बनाने के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS में निवेश कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है. पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने NPS से एग्जिट के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. इन नए नियमों का सीधा फायदा करोड़ों निवेशकों को मिलेगा, क्योंकि अब उन्हें अपने ही पैसे के इस्तेमाल की ज्यादा आजादी मिल गई है. सरकार का मकसद साफ है कि रिटायरमेंट के बाद लोगों की जेब मजबूत रहे और वे अपनी जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकें.
अब सिर्फ 20 फीसदी रकम से खरीदनी होगी पेंशन
अब तक NPS के पुराने नियमों के तहत जब कोई निवेशक रिटायर होता था या स्कीम से बाहर निकलता था, तो उसे अपनी कुल जमा पूंजी का कम से कम 40 फीसदी हिस्सा एन्युटी खरीदने में लगाना जरूरी होता था. यानी उस रकम से नियमित पेंशन प्लान लेना अनिवार्य था और हाथ में सिर्फ 60 फीसदी पैसा ही आता था. लेकिन नए नियमों ने इस गणित को पूरी तरह बदल दिया है. अब गैर-सरकारी क्षेत्र के निवेशकों को केवल 20 फीसदी रकम से ही एन्युटी खरीदनी होगी. इसका मतलब साफ है कि अब आप अपनी कुल जमा राशि का 80 फीसदी हिस्सा एकमुश्त निकाल सकते हैं. हालांकि, यह सुविधा उन्हीं निवेशकों को मिलेगी जिन्होंने NPS में कम से कम 15 साल पूरे कर लिए हैं.
8 लाख रुपये तक पूरी निकासी की छूट
छोटे निवेशकों के लिए भी PFRDA ने राहत भरा फैसला लिया है. अगर किसी निवेशक की कुल पेंशन जमा राशि 8 लाख रुपये या उससे कम है, तो उसे एन्युटी खरीदने की कोई जरूरत नहीं होगी. ऐसे निवेशक अपनी पूरी रकम एक साथ या किश्तों में निकाल सकते हैं. इसके अलावा, एक और स्लैब तय किया गया है. अगर आपकी कुल जमा राशि 8 लाख रुपये से ज्यादा लेकिन 12 लाख रुपये से कम है, तो आप 6 लाख रुपये तक एकमुश्त निकाल सकते हैं. बची हुई रकम आपको नियमित भुगतान के तौर पर मिलेगी. यह व्यवस्था उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिनकी रिटायरमेंट जरूरतें अलग तरह की होती हैं.
जल्दी एग्जिट करने वालों के लिए नियम सख्त
जहां लंबे समय तक निवेश करने वालों को इनाम मिला है, वहीं बीच में स्कीम छोड़ने वालों के लिए नियम सख्त रखे गए हैं. सरकार चाहती है कि NPS का पैसा मुख्य रूप से बुढ़ापे के काम आए. इसलिए अगर कोई निवेशक 15 साल पूरे होने से पहले या 60 साल की उम्र से पहले NPS से बाहर निकलता है, तो उसे अपनी जमा राशि का 80 फीसदी हिस्सा एन्युटी में लगाना होगा. ऐसे मामलों में हाथ में सिर्फ 20 फीसदी नकद ही मिलेगा. हालांकि, अगर कुल जमा राशि 5 लाख रुपये से कम है, तो निवेशक पूरी रकम निकाल सकता है.
85 साल तक फैसले को टालने का विकल्प
नए नियमों में एक और अहम सुविधा जोड़ी गई है. अब निवेशकों को एन्युटी खरीदने और पैसा निकालने के फैसले को 85 साल की उम्र तक टालने यानी डिफर करने का विकल्प मिलेगा. सरकारी कर्मचारियों को भी रिटायरमेंट के बाद 85 साल तक NPS में बने रहने की छूट दी गई है. हालांकि, सरकारी कर्मचारियों के लिए एग्जिट के समय पुराना नियम ही लागू रहेगा, यानी उन्हें 40 फीसदी रकम से एन्युटी खरीदनी होगी.
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बताते चलें कि NPS के नए एग्जिट नियम निवेशकों के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं. इससे न सिर्फ रिटायरमेंट प्लानिंग ज्यादा लचीली बनेगी, बल्कि लोगों को अपने पैसों पर बेहतर नियंत्रण भी मिलेगा. यह बदलाव उन लोगों के लिए खास तौर पर फायदेमंद है, जो रिटायरमेंट के बाद अपने सपनों और जरूरतों को बिना आर्थिक दबाव के पूरा करना चाहते हैं.
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