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बांग्लादेश ने भारत से लगाई गुहार, हो गया बुरा हाल

शेख हसीना सरकार में हुए समझौतों को रद्द करने की धमकी देने वाली अंतरिम सरकार ने अपने देश में खाने के संकट से निपटने के लिए भारते से 50 हज़ार टन चावल आयात करने का फ़ैसला किया है…जिससे देश के फ़ूड स्टॉक को भरा जा सके

24 Nov, 2024
( Updated: 24 Nov, 2024
07:35 PM )
बांग्लादेश ने भारत से लगाई गुहार, हो गया बुरा हाल
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में बने हालातों के बाद भी जो तेवर वहां की अंतरिम सरकार दिखा रही थी वो भारत के सामने नर्म होते नज़र आ रहे हैं..चौतरफ़ा मुश्किलों से घिरा बांग्लादेश भारत को आंखें दिखा रहा था…लेकिन चाहे जितने तेवर बांग्लादेश दिखा ले उसे अच्छी तरह मालूम है…कि भारत की मदद के बिना उनके मुल्क का गुज़ारा मुश्किल है…ऊल जलूल बयान जो भारत पर दिए जाते रहे अगर भारत बांग्लादेश से मुँह फेर ले तो बांग्लादेश का दाना - पानी तक संकट में आजाएगा…

शेख़ हसीने के लिए भारत से पंगा लेने वाले बांग्लादेश को कहीं ना कहीं अब समझ आ गया है…कि भारत के ख़िलाफ़ बोलना…कितना ख़तरनाक हो सकता है..भारत के ख़िलाफ़ एजेंडा चलाना उनके लिए ही मुश्किल‌ खड़ी करेगा…शेख हसीना सरकार में हुए समझौतों को रद्द करने की धमकी देने वाली अंतरिम सरकार ने अपने देश में खाने के संकट से निपटने के लिए भारते से 50 हज़ार टन चावल आयात करने का फ़ैसला किया है…जिससे देश के फ़ूड स्टॉक को भरा जा सके… बांग्लादेश का खाद्य मंत्रालय भारत के SAEL एग्री कमोडिटीज के जरिए करीब 39 हजार रुपए प्रति टन की कीमत से चावल आयात करेगा…

खाद्य मंत्रालय के डाटा के मुताबिक़ बांग्लादेश में इस वक्त 12.36 लाख टन अनाज भंडार है..जिसमें से 8.08 लाख टन चावल है…खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि अंतरिम सरकार ने इस वित्त वर्ष में कुल 5 लाख टन चावल के आयात की योजना बनाई है…

शेख़ हसीना सरकार के समय भारत और बांग्लादेश के रिश्ते मज़बूती से आगे बढ़ रहे थे..दक्षिणी एशिया में बांग्लादेश, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी रहा है..इस मामले में भारत, बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. एशिया में बांग्लादेश का सबसे ज्यादा माल भारत में निर्यात किया जाता है…लेकिन वहां तख्तापलट होने के बाद हालात बिगड़ गए…शेख़ हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी…

बांग्लादेश में सबसे बुरे हालात बनो तो वो अल्पसंख्यकों के लिए ख़ासकर हिन्दुओं के लिए..वहां हिन्दुओं के आस्था स्थलों को नुक़सान पहुंचाया गया..हिन्दुओं के घरों पर हमले कर उनके साथ मारपीट की गई…लेकिन वहां की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री 

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