8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! नए वेतन आयोग से मिलेगी बड़ी राहत
कुल मिलाकर, जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना के साथ, आठवां वेतन आयोग न केवल सैलरी में सुधार लाएगा, बल्कि कर्मचारियों की जीवनशैली पर भी असर डालेगा. आने वाले महीनों में आयोग की नियुक्ति और सिफारिशों को लेकर और स्पष्टता मिलेगी, जिसका इंतजार पूरे देश के सरकारी कर्मचारियों को है.

8th Pay Commission: देश के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की निगाहें इस समय सरकार की अगली बड़ी घोषणा पर टिकी हैं – आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission). मौजूदा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें दिसंबर 2025 तक लागू हैं और अब चर्चा जोरों पर है कि 1 जनवरी 2026 से आठवां वेतन आयोग लागू किया जा सकता है. हालांकि अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है.
2026 से लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग
ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि केंद्र सरकार 2025 के मध्य तक आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अंतिम रूप दे सकती है. सरकार जल्द ही आयोग के गठन की प्रक्रिया पूरी करने वाली है, जिसमें चेयरमैन समेत लगभग 42 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी. आयोग का औपचारिक काम अगले कुछ महीनों में शुरू हो सकता है. यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो 1 जनवरी 2026 से नया वेतनमान लागू हो सकता है.
सबसे अहम मुद्दा: फिटमेंट फैक्टर क्या है?
वेतन आयोग में वेतन बढ़ाने का जो मूल फॉर्मूला होता है, उसे ही फिटमेंट फैक्टर कहते हैं. यह एक तरह का गुणक (multiplier) होता है, जिसके आधार पर पुरानी बेसिक सैलरी को नई सैलरी में बदला जाता है. सातवें वेतन आयोग में यह फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये प्रति माह तय किया गया था.
अब चर्चा है कि आठवें वेतन आयोग में यह 1.90, 2.08 या 2.86 में से कोई एक हो सकता है. लेकिन 1.90 का फिटमेंट फैक्टर सबसे ज्यादा चर्चा में है. यदि यह लागू होता है, तो 18,000 रुपये की मौजूदा बेसिक सैलरी बढ़कर लगभग 34,200 रुपये हो सकती है. इससे कर्मचारियों की कुल सैलरी में भी बड़ा इजाफा होगा.
कितनी बढ़ सकती है सैलरी?
पिछले वेतन आयोग (7th CPC) में सैलरी में औसतन 14.27% की बढ़ोतरी हुई थी. लेकिन आठवें वेतन आयोग में 18% से लेकर 24% तक की बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। यह अनुमान फिटमेंट फैक्टर और नए पे-बैंड पर आधारित है. इसका सीधा लाभ लेवल-1 से लेकर लेवल-6 तक के कर्मचारियों को मिलेगा. हालांकि, कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि इस बार वेतनमानों की संरचना में कुछ कठिन बदलाव किए जा सकते हैं, जिससे निचले स्तर के कर्मचारियों को अपेक्षित लाभ में कमी हो सकती है.
क्या बदलेंगे अन्य भत्ते और लाभ?
केवल बेसिक सैलरी ही नहीं, बल्कि महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA), मकान किराया भत्ता (HRA) जैसे कई अन्य भत्तों में भी बदलाव की संभावना है. नए वेतन आयोग में इन सभी को फिर से परिभाषित किया जा सकता है. फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से इन सभी भत्तों की गणना भी नए वेतनमान के आधार पर की जाएगी, जिससे कुल सैलरी पैकेज में और बढ़ोतरी होगी.
कर्मचारियों के लिए राहत या चिंता?
जहां एक ओर 8वें वेतन आयोग से बेसिक सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ विश्लेषकों का मानना है कि सरकार इस बार वेतन संशोधन को थोड़ा व्यावहारिक और नियंत्रण में रखना चाहती है, ताकि सरकारी खर्चों पर असर न पड़े. खासकर लेवल-1 से लेवल-6 तक के कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है.
कुल मिलाकर, जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना के साथ, आठवां वेतन आयोग न केवल सैलरी में सुधार लाएगा, बल्कि कर्मचारियों की जीवनशैली पर भी असर डालेगा. आने वाले महीनों में आयोग की नियुक्ति और सिफारिशों को लेकर और स्पष्टता मिलेगी, जिसका इंतजार पूरे देश के सरकारी कर्मचारियों को है.