UPI यूज़र्स के लिए राहत: 2000 रुपये से ऊपर के ट्रांजैक्शन पर नहीं लगेगा कोई GST
हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ न्यूज प्लेटफॉर्म्स पर यह चर्चा तेज़ हो गई थी कि केंद्र सरकार 2,000 रुपए से ज़्यादा के UPI ट्रांजैक्शन पर GST (वस्तु एवं सेवा कर) लगाने की योजना बना रही है।
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GST On UPI Payment: हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ न्यूज प्लेटफॉर्म्स पर यह चर्चा तेज़ हो गई थी कि केंद्र सरकार 2,000 रुपए से ज़्यादा के UPI ट्रांजैक्शन पर GST (वस्तु एवं सेवा कर) लगाने की योजना बना रही है। इस खबर ने लोगों के बीच चिंता और भ्रम पैदा कर दिया था। लेकिन अब केंद्र सरकार ने खुद सामने आकर इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दिया है।
सरकार का साफ जवाब: UPI पर कोई GST नहीं लगेगा
वित्त मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि UPI ट्रांजैक्शन पूरी तरह फ्री और टैक्स-फ्री ही रहेंगे। सरकार का कहना है कि 2,000 रुपए से ज़्यादा के लेन-देन पर GST लगाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। यह स्पष्टीकरण इसलिए जरूरी था क्योंकि लोगों में यह डर बैठ गया था कि डिजिटल पेमेंट पर अब अतिरिक्त टैक्स देना पड़ सकता है।
UPI को बढ़ावा देने की नीति पर सरकार कायम
सरकार ने यह भी दोहराया कि वह देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, और UPI जैसे तेज़, सुरक्षित और फ्री प्लेटफॉर्म को और अधिक लोकप्रिय बनाना चाहती है। यदि GST लगाया जाता, तो यह पूरे डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम पर नकारात्मक असर डाल सकता था।
लोगों को क्यों हुई थी चिंता?
चूंकि आजकल ज़्यादातर लोग दुकानदारी से लेकर बिजली बिल तक, हर चीज़ का भुगतान UPI से करते हैं, ऐसे में 2,000 रुपए से ऊपर के ट्रांजैक्शन पर टैक्स लगने की अफवाह ने लाखों यूज़र्स को परेशान कर दिया था। इससे छोटे व्यापारियों से लेकर आम ग्राहकों तक सभी को लगा कि अब डिजिटल पेमेंट महंगी हो जाएगी।
फिलहाल कोई बदलाव नहीं, UPI रहेगा फ्री
सरकार ने यह साफ कर दिया है कि UPI ट्रांजैक्शन पर फिलहाल कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा। UPI सिस्टम जैसे कि PhonePe, Google Pay, Paytm और अन्य ऐप्स से किया गया लेन-देन पहले की तरह टैक्स-फ्री ही रहेगा।
यूपीआई ट्रांजैक्शन वैल्यू में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई
पिछले कुछ वर्षों में इस योजना के तहत आवंटन में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 1,389 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 2,210 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 3,631 करोड़ रुपये शामिल हैं। इन उपायों ने भारत के मजबूत डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एसीआई वर्ल्डवाइड रिपोर्ट 2024 के अनुसार,2023 में ग्लोबल रियल-टाइम ट्रांजैक्शन में भारत की भागीदारी 49 प्रतिशत थी, जो डिजिटल पेमेंट इनोवेशन में ग्लोबल लीडर के रूप में देश की मजबूत स्थिति को दिखाता है।
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यूपीआई ट्रांजैक्शन वैल्यू में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है, जो वित्त वर्ष 2019-20 में 21.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2025 तक 260.56 लाख करोड़ रुपये हो गई है। बयान में कहा गया कि विशेष रूप से, पीटूएम लेनदेन 59.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो डिजिटल पेमेंट मेथड में बढ़ते 'मर्चेंट अडॉप्शन' और उपभोक्ता विश्वास को दर्शाता है।
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