विदेश मंत्री एस जयशंकर की गुगली में फंसे ट्रंप! भारत से रिश्ते सुधारने की दुहाई देने लगे अमेरिकी वित्त मंत्री, मिला ऐसा जवाब कि बगले लगे झांकने, VIDEO
अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लागू होने के दिन अमेरिकी ट्रेज़री सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने रिश्तों की जटिलता को स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच अच्छे संबंध हैं.
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भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर मंगलवार को और गहरा गया. अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 50% अतिरिक्त टैरिफ आधिकारिक तौर पर लागू कर दिया है. यह कदम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उठाया, जिसे भारत के सस्ते रूसी कच्चे तेल की खरीदारी का जवाब माना जा रहा है. अमेरिका लंबे समय से भारत के इस फैसले से नाराज़ था, और अब वॉशिंगटन ने सीधे आर्थिक चोट पहुंचाने का दांव खेला है.
25% से बढ़ाकर 50% हुआ टैरिफ, मचा हड़कंप
अमेरिका ने टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% तक पहुंचाया, वजह रूस से भारत की नजदीकी
टैरिफ बढ़ाने का समय भी कम अहम नहीं है. कुछ महीने पहले तक ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिए थे कि एक अंतरिम ट्रेड डील हो सकती है, जिससे इतने भारी शुल्क से बचा जा सकता था. शुरुआत में अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 25% टैरिफ लगाया था, लेकिन जल्द ही इसे दोगुना कर 50% कर दिया गया.
वॉशिंगटन की आधिकारिक दलील है नई दिल्ली का रूस के साथ ऊर्जा संबंध बनाए रखना.
भारत-अमेरिका रिश्तों पर बोले अमेरिकी ट्रेज़री सेक्रेटरी: "रिश्ता बहुत जटिल है"
अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लागू होने के दिन अमेरिकी ट्रेज़री सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने रिश्तों की जटिलता को स्वीकार किया. Fox News से बातचीत के दौरान, जब उनसे भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान पर सवाल किया गया "अगर आपको पसंद नहीं तो भारत से रिफाइंड ऑयल मत खरीदिए", तो बेसेंट थोड़े असहज नजर आए.
उन्होंने कहा, "यह बहुत जटिल रिश्ता है. राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच अच्छे संबंध हैं. यह सिर्फ रूसी तेल का मामला नहीं है."
बेसेंट ने यह भी खुलासा किया कि "भारत ने लिबरेशन डे के तुरंत बाद टैरिफ पर बातचीत शुरू की थी, लेकिन आज तक कोई डील नहीं हुई. मैंने सोचा था मई-जून तक समझौता हो जाएगा."
उन्होंने वार्ता में रुकावट और भारत के रूस से कच्चे तेल के आयात पर निराशा जताई, लेकिन उम्मीद भी जताई कि दोनों देश समाधान निकाल लेंगे. उन्होंने कहा कि कई स्तरों पर चीजें चल रही हैं. भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था. आखिरकार हम एक साथ आएंगे,"
बेसेंट ने कहा टैरिफ के बचाव में उन्होंने कहा, "अमेरिका डिफिसिट वाला देश है. जब व्यापारिक संबंधों में असंतुलन होता है और भारतीय हमें ऊंचे टैरिफ पर बेच रहे हैं, तो हमें कदम उठाना पड़ता है."
US Treasury secretary Scott Bessent: I thought India US will have a trade deal by May/June. India profiteering on Russian crude oil purchases.pic.twitter.com/5WGzVVDU21
— Sidhant Sibal (@sidhant) August 27, 2025
जयशंकर का करारा जवाब: "अगर दिक्कत है, तो भारत से खरीदना बंद कर दें"
अमेरिका द्वारा दबाव बढ़ाने की कोशिश पर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने ऐसा जवाब दिया कि चर्चा हर जगह होने लगी. अपनी तेज और बेबाक शैली के लिए मशहूर जयशंकर ने बहस को पूरी तरह पलट दिया. जयशंकर ने कहा, "ये बड़ा मज़ाकिया है कि एक प्रो-बिज़नेस अमेरिकी प्रशासन के लोग दूसरों पर बिज़नेस करने का आरोप लगाते हैं. अगर आपको भारत से तेल या रिफाइंड प्रोडक्ट खरीदने में दिक्कत है, तो मत खरीदिए. कोई मजबूर नहीं कर रहा. यूरोप खरीदता है, अमेरिका खरीदता है, अगर पसंद नहीं तो मत खरीदिए."
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उनका ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि जयशंकर का ये "गूगली" अमेरिकी पक्ष को हैरान कर गया और ये साफ करता है कि भारत अब अपनी ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक फैसलों पर किसी दबाव में आने को तैयार नहीं.
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