वैश्विक सहमति के बावजूद अमेरिका ने UNSC में गाजा युद्धविराम प्रस्ताव पर लगाया वीटो, जानिए पूरा मामला
इज़रायल और हमास के बीच जारी संघर्ष को समाप्त करने की वैश्विक कोशिशों के बीच, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में ग़ाज़ा में तत्काल, बिना शर्त और स्थायी युद्धविराम की मांग वाले प्रस्ताव पर वोटिंग हुई. इस वोटिंग प्रक्रिया में अमेरिका ने अकेले वीटो लगाकर इस प्रस्ताव को रोक दिया.
Follow Us:
इज़रायल और हमास के बीच जारी संघर्ष को समाप्त करने की वैश्विक कोशिशों के बीच, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में ग़ाज़ा में तत्काल, बिना शर्त और स्थायी युद्धविराम की मांग वाले प्रस्ताव पर वोटिंग हुई. इस वोटिंग प्रक्रिया में अमेरिका ने अकेले वीटो लगाकर इस प्रस्ताव को रोक दिया. बता दें कि UNSC में यह प्रस्ताव ग़ाज़ा में जारी मानवीय संकट को देखते हुए लाया गया था, जिसे 14 सदस्य देशों का समर्थन मिला, लेकिन अकेले अमेरिका ने इसके विरुद्ध वोट किया.
UNSC में हुई वोटिंग को लेकर समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इस प्रस्ताव को लेकर अमेरिका की कार्यवाहक राजदूत डोरोथी शिया ने पहले ही साफ कर दिया था कि ऐसे प्रस्ताव, जिनमें हमास की निंदा हो और हमास के ग़ाज़ा छोड़ने की माँग की गई हो, अमेरिका उनका समर्थन नहीं करेगा. UNSC में हुई वोटिंग से अमेरिका ने ख़ुद को अलग कर यह संदेश देने का काम किया है कि वह मिडिल ईस्ट में अपने क़रीबी इज़रायल के साथ है. जबकि वैश्विक स्तर पर इस युद्ध को रोकने के लिए लगातार दबाव बढ़ रहा है.
प्रस्ताव के मुख्य बिंदु:
• तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम की मांग.
• बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता की पहुंच की अपील.
• गाजा में नागरिकों की रक्षा और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के पालन पर ज़ोर.
• संघर्ष के राजनीतिक समाधान की दिशा में प्रयासों को तेज़ करने की सिफारिश.
गाज़ा पर जारी है हमला
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में युद्धविराम को लेकर वोटिंग ऐसे समय में हुई है जब इज़रायल ने मार्च में दो महीने के युद्धविराम को समाप्त करते हुए गाज़ा पर लगातार सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इज़रायल के हमलों में अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है और एक इज़रायली सैनिक भी मारा गया है. बता दें, गाज़ा में 20 लाख से अधिक लोग फंसे हुए हैं, जिनके लिए जरूरी सामान की भी कमी हो रही है. इज़रायल ने भले ही नाकाबंदी हटा दी हो, लेकिन हालात अब भी सामान्य नहीं हैं. अमेरिका की कार्यवाहक राजदूत डोरोथी शिया ने कहा है, "हम शांति तो चाहते हैं, लेकिन हमास को फिर से मज़बूत नहीं होने देना चाहते."
इज़रायल ने युद्धविराम की माँग को ख़ारिज किया
बताते चलें कि इज़रायल ने बिना शर्त या स्थायी युद्धविराम की माँग को ख़ारिज कर दिया है। इज़रायल के राजदूत ने उन देशों पर निशाना साधा है जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में इस प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया। उन्होंने कहा, "आपने तुष्टिकरण और समर्पण को चुना है, जो आतंक की ओर ले जाता है." वहीं दूसरी तरफ़, हमास ने वोटिंग के दौरान अमेरिका द्वारा वीटो का इस्तेमाल करने की कड़ी निंदा की है. हमास का कहना है कि अमेरिका ने इज़रायल के प्रति अंध समर्थन दिखाया है. इस प्रस्ताव में हमास और अन्य संगठनों द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों की बिना शर्त रिहाई की माँग भी शामिल थी.
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें