न कोई तस्वीर, न ही कोई बयान... ब्रिक्स सम्मेलन से भी बनाई दूरी, आखिर अचानक से कहां गायब हुए शी जिनपिंग?
दुनिया भर में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कहां गायब हैं? पिछले कई दिनों से न ही उनका कोई बयान सामने आया है, न ही कोई तस्वीर इसके अलावा ब्रिक्स सम्मेलन से भी वह गायब दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में कई लोगों ने चीन में तख्तापलट की बात कही है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि शी जिनपिंग अपने ही पार्टी के अंदर विरोध का सामना कर रहे हैं.

दुनिया भर में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग आखिर कहां है? वह कई दिनों से न चीनी मीडिया के सामने आ रहे हैं, न ही उनकी कोई तस्वीर या बयान सामने आ रहा है. यहां तक की 6 जुलाई को ब्राजील में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में भी वह गायब दिखाई दे रहे हैं. हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल होंगे. दुनिया के इस खास और सबसे बड़े सम्मेलन में उनका गायब होना कहीं ना कहीं चौंकाने वाला और चीन में कुछ बड़ा होने की एक सुगबुगाहट दिखाई दे रही है. इस बार ब्रिक्स सम्मेलन में शी जिनपिंग की जगह चीन के प्रधानमंत्री और उप प्रधानमंत्री को भेजा गया है.
आखिर कहां गायब हुए शी जिनपिंग?
बता दें कि पिछले कई दिनों से शी जिनपिंग सार्वजनिक रूप से कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं. पूरी दुनिया में इस बात की चर्चा चल रही है कि न उनकी तरफ से कोई बयान आ रहा है, न ही कोई तस्वीर, न किसी इवेंट में, यहां तक की चीन की सरकारी अखबार तक में उनका नाम नजर नहीं आ रहा है. जबकि वहां के एक प्रचलित अखबार Peoples Daily में उनका जिक्र हर रोज होता था. अब ऐसे में उनकी गैर-मौजूदगी कई बड़े सवाल पैदा कर रही है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि क्या जिनपिंग की सत्ता खतरे में नजर आ रही है?
बीमारी या फिर तख्तापलट होने की तैयारी?
दुनिया की कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का दावा किया गया है कि चीनी राष्ट्रपति किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. यही वजह है कि वह सामने नहीं आ पा रहे हैं, दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि उनकी खुद की पार्टी के अंदर उनके प्रति विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसकी वजह से उनको जानबूझकर साइड किया जा रहा है. वहीं बीजिंग के ग्रेट हॉल में विदेशी नेताओं से मुलाकात अब दूसरे नेताओं ने शुरू कर दी है. इनमें भी जिनपिंग नजर नहीं आ रहे हैं.
क्या चीन की असली ताकत सेना के हाथ में जा रही?
4 जुलाई को एक ऐसा घटनाक्रम देखने को मिला, जब चीन की सरकार ने देश के तीन बड़े सैन्य अधिकारियों को अचानक से बर्खास्त कर दिया. इन तीनों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है, लेकिन कुछ लोगों का ऐसा भी कहना है कि यह कार्रवाई अंदर ही अंदर पल रहे असंतोष को कुचलने की एक बड़ी कोशिश है. वही एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि चीन की असली ताकत इस वक्त सेना के उपाध्यक्ष जनरल झांग यूशिया बने हुए हैं.
'जिसे मान रहे थे ताकत अब वही बना चुनौती'
कई लोगों का कहना है कि जिस PLA को शी जिनपिंग कभी अपनी ताकत समझते थे, अब उसी से वह चुनौती झेल रहे हैं. पार्टी के अंदर शी जिनपिंग की थॉट की चर्चा कम होती जा रही है. कभी जिन अफसर को साइड लाइन किया गया था. अब वही अफसर धीरे-धीरे लौट रहे हैं, यानी चीन में कुछ बड़ा होने के आसार नजर आ रहे हैं. फिलहाल दुनिया भर की नजरें इस बात पर है कि आने वाले कुछ दिनों के अंदर शी जिनपिंग किन हालातों में और किस जगह पर नजर आते हैं.