पुतिन का ‘अभेद्य रथ’ भारत में एंट्री को तैयार… दुनिया की सबसे सुरक्षित Aurus Senat कार ने बढ़ाई दौरे की धमक, जानें इसकी खासियत
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम भारत पहुंचेंगे, और उनके साथ फिर सुर्खियों में है उनकी अभेद्य ऑरस सीनेट लिमोज़िन. हाल ही में चीन में SCO समिट के दौरान पीएम मोदी और पुतिन इसी कार में साथ दिखे थे, जिसकी चर्चा दुनियाभर में हुई. यह हाई-टेक, बुलेटप्रूफ लिमोज़िन पुतिन की सुरक्षा का सबसे अहम हिस्सा मानी जाती है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार चर्चा में रहती है.
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Putin Bharat Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम भारत पहुंचने वाले हैं. यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि और अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए कड़े टैरिफ के माहौल में यह यात्रा कूटनीतिक तौर पर बेहद अहम मानी जा रही है. इसी बीच पुतिन के आगमन से पहले उनका ‘अभेद्य रथ’ एक बार फिर सुर्खियों में है. जानकारी के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति के साथ उनका हाई-प्रोफाइल काफिला भी भारत आएगा, जिसमें दुनिया की सबसे सुरक्षित और गोपनीय कार मानी जाने वाली ऑरस सीनेट शामिल होगी. गौरतलब है कि यह विशेष बुलेटप्रूफ लिमोज़िन हर विदेशी दौरे पर पुतिन के साथ ही यात्रा करती है और उनकी सुरक्षा कवच का सबसे अहम हिस्सा मानी जाती है.
चीन में इसी कार में PM मोदी और पुतिन दिखे थे साथ
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और राष्ट्रपति पुतिन (Vladimir Putin) की गाड़ी में नजर आई शानदार जुगलबंदी ने हाल ही में खूब सुर्खियाँ बटोरीं. चीन में हुए शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) समिट के दौरान दोनों नेता पहली बार ऑरस सीनेट में एक साथ सफर करते दिखे थे. दिलचस्प बात यह रही कि पुतिन ने करीब दस मिनट तक कार में बैठकर प्रधानमंत्री मोदी का इंतजार किया था. इसके बाद दोनों नेताओं ने लगभग एक घंटे तक इसी अभेद्य लिमोज़िन में बैठकर महत्वपूर्ण बातचीत की. बता दें कि रूस ने वर्ष 2024 में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को भी यही अत्याधुनिक कार उपहार में दी थी, जिसके बाद से यह वाहन लगातार अंतरराष्ट्रीय चर्चाओं में बना हुआ है.
अत्याधुनिक सुविधाओं से है लैस
ऑरस सीनेट (Aurus Senat) रूस की अत्याधुनिक, स्वदेशी लग्जरी लिमोज़िन है, जिसे विशेष रूप से शीर्ष सरकारी अधिकारियों और राष्ट्रपति की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. अपनी शानदार बनावट और दमदार सुरक्षा क्षमताओं के कारण इसे अक्सर रूसी रोल्स-रॉयस भी कहा जाता है. यह कार अत्याधुनिक हाई-टेक सिक्योरिटी सिस्टम से पूरी तरह लैस है, जो इसे दुनिया की सबसे सुरक्षित गाड़ियों में शामिल करता है. इससे पहले राष्ट्रपति पुतिन मर्सिडीज बेंज S600 गार्ड पुल्मैन का उपयोग करते थे, लेकिन विदेशी वाहनों पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से रूस ने अपने विशेष प्रोजेक्ट के तहत तैयार इस प्रीमियम लिमोज़िन को आधिकारिक काफिले में शामिल किया.
कार की कितनी है कीमत?
रूसी राष्ट्रपति पुतिन पहली बार 2018 में इस खास लिमोज़िन में नजर आए थे. इसके बाद 2021 में ऑरस सीनेट का मास प्रोडक्शन आधिकारिक रूप से शुरू किया गया. कंपनी इसका एक लिमिटेड सिविलियन मॉडल भी बनाती है, जिसकी सालाना उत्पादन क्षमता केवल 120 यूनिट तक सीमित है. इस प्रीमियम कार की बेस कीमत लगभग 18 मिलियन रूबल, यानी करीब 2.5 करोड़ रुपये बैठती है. हालांकि राष्ट्रपति पुतिन के लिए तैयार किया गया विशेष आर्मर्ड वर्ज़न बेहद उन्नत और गोपनीय सुरक्षा तकनीक से लैस है, जिसकी कीमत सामान्य मॉडल से दोगुनी से कहीं अधिक मानी जाती है.
ऑरस सीनेट क्यों मानी जाती है सबसे सुरक्षित?
ऑरस सीनेट को इस तरह डिजाइन किया गया है कि किसी भी घातक हमले की स्थिति में राष्ट्रपति की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. यह पूरी तरह बुलेटप्रूफ कार है, जो हाई-कैलिबर से लेकर आर्मर-पियर्सिंग गोलियों तक को रोकने में सक्षम है. इसमें ड्रोन हमलों और मिसाइल स्ट्राइक से बचाने वाला विशेष प्रोटेक्शन सिस्टम भी लगाया गया है. कार के पानी में गिरने की स्थिति में उसके तैरते हुए आगे बढ़ने की क्षमता इसे और भी अनोखा बनाती है. सभी टायर खराब होने पर भी यह वाहन तेज रफ्तार से दौड़ सकता है. इस कार में कैबिन को केमिकल अटैक से सुरक्षित रखने के लिए इसमें उन्नत एयर-फिल्ट्रेशन सिस्टम लगाया गया है. वहीं 4.4 लीटर के ट्विन-टर्बो V8 हाइब्रिड इंजन की बदौलत यह लिमोज़िन मात्र 6 से 9 सेकंड में 0 से 100 किमी/घंटा की स्पीड पकड़ लेती है. अंदरूनी हिस्से में प्रीमियम लेदर इंटीरियर, क्लाइमेट कंट्रोल और सुरक्षित संचार प्रणाली जैसी आधुनिक सुविधाएँ मौजूद हैं, जो इसे अल्ट्रा-लग्जरी और हाई-टेक वाहनों की श्रेणी में शीर्ष पर पहुंचाती हैं.
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बताते चलें कि राष्ट्रपति पुतिन की यह भारत यात्रा केवल कूटनीतिक रिश्तों को मजबूती देने भर तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके साथ आने वाली ऑरस सीनेट भी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचेगी. सुरक्षा, तकनीक और शक्ति का अनोखा संगम मानी जाने वाली यह लिमोज़िन एक बार फिर बताती है कि वैश्विक राजनीति में हर कदम सोच-समझकर और सटीक तैयारी के साथ उठाया जाता है.
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