"आज से अमेरिका के पतन का युग समाप्त" डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद दिया दमदार भाषण
वॉशिंगटन डीसी में डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और अपने उद्घाटन भाषण में बड़े वादे किए। उन्होंने घोषणा की कि “आज से अमेरिका के पतन का युग समाप्त हो गया है,” और यह चुनाव सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि देश की जनता की जीत है।

वॉशिंगटन डीसी, 20 जनवरी 2025। अमेरिकी राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई, जब डोनाल्ड जे. ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इस ऐतिहासिक अवसर पर उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में अमेरिका के वर्तमान और भविष्य को लेकर बड़ी बातें कीं। ट्रंप ने ना केवल अपने समर्थकों का दिल जीतने के लिए शब्दों का प्रयोग किया, बल्कि उन्होंने देश को एक नई दिशा दिखाने का संकल्प भी लिया। उनके इस भाषण ने न केवल अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया के राजनीतिक पटल पर हलचल मचा दी। आइए जानते हैं उनके भाषण की महत्वपूर्ण बातें, जिन्होंने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा।
"अमेरिका के पतन का युग अब समाप्त"
अपने उद्घाटन भाषण की शुरुआत करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “आज से अमेरिका के पतन का युग समाप्त हो गया है।” यह शब्द जितने प्रभावशाली थे, उतने ही कड़े भी। ट्रंप ने यह स्पष्ट किया कि उनकी अध्यक्षता में अमेरिका को एक नई पहचान मिलेगी, जो अब तक के संघर्षों और विफलताओं से बाहर निकलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह चुनाव केवल उनकी व्यक्तिगत जीत नहीं, बल्कि देश की जनता की जीत है, जिन्होंने उन्हें “भयानक विश्वासघात” को पलटने और अमेरिका के मूल सिद्धांतों को बहाल करने का जिम्मा सौंपा है।
जनता को विश्वास और स्वतंत्रता लौटाने का वादा
ट्रंप ने अपनी सरकार के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य अमेरिकी नागरिकों को उनका विश्वास, धन, लोकतंत्र और स्वतंत्रता वापस लौटाना है। उन्होंने कहा, “यह चुनाव सिर्फ मेरी जीत नहीं है, यह उस जनता की जीत है जो अब अपने अधिकारों और स्वायत्तता को वापस पाने के लिए खड़ी हुई है।“ उन्होंने यह भी वादा किया कि उनकी सरकार की नीतियां अब से सिर्फ और सिर्फ अमेरिका के नागरिकों के हित में होंगी।
"भरोसे का पुनर्निर्माण और लोकतंत्र की बहाली"
अमेरिका के पिछले कुछ वर्षों में सत्ता और राजनीति के स्तर पर कई विश्वासघात हुए हैं। ट्रंप ने इसे स्वीकार करते हुए कहा, “हमारे लोकतंत्र में भरोसे की कमी आ गई है, लेकिन अब हम इसे फिर से स्थापित करेंगे।” उन्होंने अपने भाषण में कहा कि वह इस विश्वासघात को पलटने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। उनका मानना है कि देश की प्रतिष्ठा और ताकत का पुनर्निर्माण किया जाएगा, जिससे नागरिकों को फिर से विश्वास मिलेगा कि उनका लोकतंत्र सही दिशा में जा रहा है।
राष्ट्रवाद और "अमेरिका फर्स्ट"
ट्रंप ने अपने भाषण में स्पष्ट रूप से राष्ट्रवाद पर जोर दिया। उन्होंने “अमेरिका फर्स्ट” की नीति का समर्थन करते हुए कहा, “अब से हमारी नीतियां अमेरिकी नागरिकों के हित में बनाई जाएंगी।” उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की कि वे उन्हें सहयोग करें, ताकि अमेरिका को फिर से महान बनाया जा सके। ट्रंप ने यह भी सुनिश्चित किया कि उनकी सरकार न केवल आर्थिक समृद्धि की दिशा में काम करेगी, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी हर संभव प्रयास करेगी।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उद्घाटन भाषण में जोश और दृढ़ता साफ दिखाई दी। उनकी बातों में एक आत्मविश्वास था, जो उनके समर्थकों को आश्वस्त करता है कि उनका राष्ट्रपति बनने का लक्ष्य केवल सत्ता प्राप्ति नहीं, बल्कि देश के लिए एक नई दिशा तय करना है। ट्रंप ने अमेरिकियों से अपील की कि वे उनके साथ मिलकर देश को फिर से महान बनाएं और अपने बच्चों के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करें।
एक नई दिशा की ओर कदम
डोनाल्ड ट्रंप का यह भाषण अमेरिका के आगामी कार्यकाल के लिए एक रोडमैप की तरह था। उनके शब्दों में एक नई शुरुआत की झलक दिख रही थी। हालांकि, अब यह देखने वाली बात होगी कि उनके इन वादों को वे कितनी जल्दी और प्रभावी रूप से लागू कर पाते हैं। अमेरिका की बदलती राजनीति में ट्रंप का यह भाषण संकेत करता है कि उनका नेतृत्व अब सिर्फ बदलाव के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका को फिर से उसकी खोई हुई ताकत और प्रतिष्ठा लौटाने के लिए है। अमेरिका के इस नए अध्याय पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। ट्रंप के भाषण ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनका इरादा केवल अमेरिका को फिर से महान बनाना नहीं है, बल्कि उन्होंने अपने देशवासियों के आत्मसम्मान को बहाल करने का भी संकल्प लिया है। उनके शब्दों में दृढ़ता थी और उनका नजरिया यह दिखाता है कि वह भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना दृढ़ता और विश्वास से करेंगे।
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने जो भाषण दिया, उसने न केवल अमेरिकी राजनीति का स्वरूप तय किया, बल्कि विश्वभर में यह संकेत दिया कि एक नई रणनीति के साथ बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे। ट्रंप के शब्दों में जो जोश और संकल्प था, उसने उनके समर्थकों को विश्वास दिलाया कि अब “अमेरिका फर्स्ट” के रास्ते पर चलने का समय आ चुका है। यह देखना रोचक होगा कि उनका यह विचार कितना कारगर सिद्ध होता है और आने वाले समय में वे अपनी योजनाओं को कितनी सफलता के साथ लागू कर पाते हैं।