सीजफायर उल्लंघन के बीच शहबाज शरीफ की भारत को धमकी, कहा- हम खून के आखिरी कतरे तक लड़ेंगे
10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका की मध्यस्थता से सीजफायर की घोषणा हुई। हालांकि, कुछ ही घंटों में सीजफायर का उल्लंघन हुआ, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव फिर से बढ़ गया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए और युद्ध की धमकी दी।
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शनिवार की शाम भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम लागू हुआ था। ठीक शाम पाँच बजे दोनों देशों ने सीमाओं पर शांति बनाए रखने का वादा किया था। लेकिन यह वादा महज कुछ घंटों तक ही टिक सका। रात आठ बजे के आसपास पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन की खबरें आने लगीं। सीमा पर फिर से गोलियों की गूंज सुनाई दी और भारत के सैनिकों ने स्थिति को तुरंत संभाला। विदेश मंत्रालय की ओर से रात लगभग 11 बजे एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने साफ कहा कि पाकिस्तान इस युद्धविराम का पालन नहीं कर रहा है और लगातार उकसाने वाली गतिविधियां कर रहा है।
पाकिस्तान की चालाकी और गीदड़ भभकी
सीजफायर तोड़ने के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश को संबोधित किया। उन्होंने अपने भाषण में भारत पर बिना किसी सबूत के आरोप लगाए और कहा कि पाकिस्तान की सेना और जनता दुश्मन को शिकस्त देने के लिए तैयार है। शहबाज शरीफ ने अपनी ही जनता को भ्रमित करने की कोशिश की और यह दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत को घाव दिया है जो कभी नहीं भरेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने खुलकर हमला किया जबकि पाकिस्तान मजबूती से खड़ा रहा। इस भाषण में उन्होंने यह भी बताया कि भारत के हमले में पाकिस्तान के 26 लोग मारे गए, लेकिन यह बयान उनके अपने ही दावों से मेल नहीं खाता।
युद्धविराम के बहाने अंतरराष्ट्रीय मंच पर सहानुभूति
पाकिस्तान की यह रणनीति अब नई नहीं रही है। हर बार जब पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है, वह युद्धविराम या शांति की बात करता है और फिर उसे तोड़ देता है। इस बार भी वही पैटर्न देखा गया। भारत के साथ शांति समझौता करते हुए पाकिस्तान ने सिर्फ तीन घंटे बाद ही सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी। यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि पाकिस्तान शांति का इच्छुक नहीं है, बल्कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है।
भारत की सख्त चेतावनी
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा कि भारत अब और सहन नहीं करेगा। सेना को स्पष्ट निर्देश दे दिए गए हैं कि किसी भी पाकिस्तान की कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। सीमाओं पर अब कड़ी निगरानी रखी जा रही है। हर संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है। सेना के साथ-साथ खुफिया एजेंसियों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
डोभाल और वांग यी की बातचीत
भारत केवल सैनिक स्तर पर नहीं, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी सक्रिय है। शनिवार देर रात भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच अहम बातचीत हुई। इस बातचीत में डोभाल ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर चिंता जताई और चीन से आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन वह अपनी संप्रभुता से समझौता भी नहीं करेगा।
चीन ने भारत की स्थिति को समझा और पहलगाम हमले की निंदा की। वांग यी ने कहा कि चीन हर तरह के आतंकवाद का विरोध करता है और भारत-पाकिस्तान दोनों देशों को आपसी बातचीत से समस्या का समाधान निकालना चाहिए। यह बातचीत इस बात का संकेत है कि भारत अब सिर्फ गोलियों से नहीं, बल्कि बातचीत और कूटनीति से भी अपनी लड़ाई लड़ रहा है।
सीजफायर के उल्लंघन और पाकिस्तान की गीदड़ भभकियों के बाद यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या भारत और पाकिस्तान युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं? हालांकि भारत ने बार-बार स्पष्ट किया है कि वह युद्ध नहीं चाहता, लेकिन पाकिस्तान की ओर से उकसावे की नीति लगातार स्थिति को गंभीर बना रही है। ऐसे में भारत के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह हर मोर्चे पर सतर्क रहे।
भारत ने बार-बार शांति की पहल की है, लेकिन पाकिस्तान हर बार उसे तोड़ने का काम करता है। युद्धविराम का उल्लंघन, झूठे बयान और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहानुभूति पाने की कोशिशें उसकी कूटनीतिक चालों का हिस्सा हैं। लेकिन अब भारत न केवल सैनिक स्तर पर, बल्कि कूटनीतिक, रणनीतिक और वैश्विक स्तर पर तैयार है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान अपनी आदतें बदलता है या फिर एक बार फिर से अपने ही जाल में फंसता है। भारत शांति चाहता है, लेकिन आत्मसम्मान और सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करेगा।