भारत से भयंकर पिटाई वाले दिन को हर साल याद करेगा पाकिस्तान, 10 मई को मनाएगा मरका-ए-हक, जानिए क्या है इसका मतलब?
भारत ने पाकिस्तान की ऐसी पिटाई की है कि अब आने वाले कई दशकों तक वह 10 मई को सेलिब्रेट करने की तैयारी कर रहा है. पीएम शहबाज शरीफ ने 22 अप्रैल से 10 मई तक चले तनाव को मरका-ए-हक के नाम से प्रतिवर्ष सेलिब्रेट करने का ऐलान किया है.
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पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों की मौत का बदला लेते हुए भारत ने पाकिस्तान को तबाह कर दिया. 9 आतंकी ठिकानों के बाद स्टेडियम, कई शहरों की इमारतें और एयरबेस पर ताबड़तोड़ एयर स्ट्राइक कर घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. भारत ने पाकिस्तान की ऐसी पिटाई की है कि अब आने वाले कई दशकों तक वह उस दिन को सेलिब्रेट करने की तैयारी कर रहा है. पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने ऐलान किया है कि 22 अप्रैल और 10 मई के बीच जो कुछ भी हुआ है, वह पाकिस्तानी रक्षा इतिहास का शानदार अध्याय रहेगा.
भारत से अपनी पिटाई वाले दिन को सेलिब्रेट करेगा पाकिस्तान
22 अप्रैल से भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव और जंग के हालात के बाद स्थिति सामान्य हो गई है. दोनों देशों के बीच चली यह लड़ाई अब सीजफायर में तब्दील हो चुकी है. बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई से सीजफायर लागू हो चुका है. हालांकि, उसके बाद भी उसने कई बार इसका उल्लंघन किया, लेकिन बीते 24 घंटों से हालात सामान्य हैं. इस बीच सूत्रों ने बताया है कि पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने 22 अप्रैल से 10 मई तक के बीच दोनों देशों के बीच जो कुछ भी हुआ. उसको मरका-ए-हक के नाम से प्रतिवर्ष सेलिब्रेट करेंगे. यानी शहबाज शरीफ की नजरों में 10 मई का दिन देश की रक्षा इतिहास के शानदार अध्यायों में शामिल हो गया है. आप इसी से समझ सकते हैं कि जिस हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत हुई है. उसे वह अपने रक्षा इतिहास का गौरवशाली दिन बता रहा है. यह कितना शर्मनाक फैसला है. इससे यह साबित होता है कि पाकिस्तान निर्दोषों की मौत का भी जश्न मनाता है.
पाकिस्तान ने कबूला अपनी सैनिकों की मौत का सच
भारत ने जब से 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया है. पाकिस्तान अपनी तबाही और मौतों पर झूठ बोलता रहा है. वह शुरू से चिल्ला रहा है कि उसने भारत को कड़ी टक्कर दी है, लेकिन पूरी दुनिया यह अच्छे से जानती है कि इस बात में कितनी सच्चाई है. हर बार झूठा बयान देने के बाद अंत में पाकिस्तान को यह बात कबूलनी पड़ी कि भारतीय हमले में उसने क्या कुछ खोया है. दोनों देशों के बीच सीजफायर ऐलान के बाद पाकिस्तान ने अपनी देश की बर्बादी और सेना के जवानों की मौत का सच कबूला है. उसने स्वीकार किया है कि भारत सरकार के इस एक्शन में उसके 11 जवानों सहित कुल 51 लोगों को मौत हुई है. वहीं 6 और 7 मई की रात में हुई एयर स्ट्राइक के बाद कुल 100 आतंकी मारे गए थे. हालांकि, उसने इन आंकड़ों को भी छिपाने की कोशिश की, लेकिन यहां भी उसका झूठ पकड़ा गया. दरअसल, आतंकियों की मौत के जनाजे में पाकिस्तानी सेना के कई अधिकारी भी नजर आए थे. उसके बावजूद इस बात को उसने स्वीकार नहीं किया. वहीं जब इसकी फोटोज वायरल होने लगी, तो उसने अपना चेहरा छिपाना शुरू कर दिया.
सिर्फ 4 दिनों में ही घुटनों पर आया पाकिस्तान
7 मई से लेकर 10 मई तक भारत की जवाबी कार्रवाई से लगातार पिटता रहा पाकिस्तान सिर्फ 4 दिनों में ही घुटने टेकने पर मजबूर हो गया. पाकिस्तान के पास इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह भारत से डायरेक्ट सीजफायर को लेकर बातचीत कर सके. उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मध्यस्थता के लिए याद किया. उसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफार का ऐलान हुआ. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ जिसने शुरू से भारत के खिलाफ जहर उगला, लेकिन उसके बाद वह भी घुटने पर आ गया. उसने इशारों- इशारों में सीजफायर की बात कहते हुए कहा कि 'अगर भारत आगे कुछ नहीं करता है, तो वह भी कोई एक्शन नहीं लेंगे, भारत ने जो कर दिया, वह जाने दीजिए, अब हम शांति चाहते हैं.'