डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में किया शपथ ग्रहण
रिपब्लिकन पार्टी के नेता और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण किया। ट्रंप का यह शपथ ग्रहण समारोह न केवल उनके राजनीतिक करियर का एक अहम मोड़ था, बल्कि यह अमेरिका की राजनीति में एक नए बदलाव और संघर्ष का भी प्रतीक बना। अमेरिका की सबसे बड़ी राजनीतिक घटनाओं में से एक, इस शपथ ग्रहण ने न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया को एक बार फिर से अपनी तरफ खींच लिया है।

अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड जे. ट्रंप का शपथ ग्रहण एक ऐतिहासिक घटना बन चुका है। रविवार को हुए इस भव्य समारोह ने दुनियाभर के राजनीति प्रेमियों को उत्साहित कर दिया। यह पल सिर्फ ट्रंप के राजनीतिक करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ नहीं था, बल्कि यह अमेरिका की राजनीति में नए बदलाव और संभावनाओं का संकेत भी था।
डोनाल्ड ट्रंप, जो पहले भी 2017 में राष्ट्रपति बने थे, ने अब फिर से व्हाइट हाउस में वापसी की है। उनकी यह जीत केवल रिपब्लिकन पार्टी के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका और पूरी दुनिया के लिए एक बड़े संदेश के रूप में सामने आई है। इस बार ट्रंप के साथ उनके शपथ ग्रहण समारोह में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष और बड़े नेता शामिल हुए, जिनमें भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी थे।
शपथ ग्रहण का भव्य आयोजन
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने ट्रंप को शपथ दिलाई। यह समारोह वाशिंगटन डी.सी. स्थित कैपिटल रोटुंडा में आयोजित किया गया। आमतौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति कैपिटल की सीढ़ियों पर शपथ लेते हैं, लेकिन इस बार कड़ाके की ठंड को ध्यान में रखते हुए शपथ ग्रहण समारोह, प्रार्थना और भाषण रोटुंडा में आयोजित किया गया। इस समारोह में राष्ट्रपति जो बाइडेन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हुए। इसके अलावा, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, बिल क्लिंटन और जॉर्ज बुश सहित कई प्रमुख हस्तियां समारोह में उपस्थित रहीं।
यह शपथ ग्रहण समारोह अमेरिका की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक था, जिसमें ट्रंप ने दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इसके साथ ही अमेरिका के लोकतंत्र और संविधान की ताकत का भी इज़हार हुआ।
शपथ ग्रहण के बाद के अहम पल
शपथ ग्रहण के बाद, ट्रंप ने देशवासियों को संबोधित किया और अपने दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने देश में लोकतंत्र की स्थिरता और संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। साथ ही, उन्होंने अमेरिका को फिर से “महान” बनाने का अपना वादा एक बार फिर से दोहराया। ट्रंप के भाषण में देश के लिए उनके महत्वाकांक्षी लक्ष्य और उनके नेतृत्व में आने वाले दिनों की दिशा पर जोर दिया गया। शपथ ग्रहण के बाद ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका के लिए एक नई शुरुआत की उम्मीद जताई गई। इस दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की और ट्रंप को शुभकामनाएं दीं।
समारोह में शामिल प्रमुख हस्तियां
शपथ ग्रहण समारोह में कई बड़े नेताओं ने शिरकत की। इनमें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके परिवार, पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और हिलेरी क्लिंटन, पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश जूनियर और उनकी पत्नी लारा बुश के अलावा कई अन्य वरिष्ठ राजनेता और शीर्ष सैन्य अधिकारी भी शामिल हुए। इसके साथ ही, ट्रंप के पुराने सहयोगी और राजनेता भी इस ऐतिहासिक मौके का हिस्सा बने। इस समारोह ने सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के नेताओं और राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान आकर्षित किया। यह शपथ ग्रहण समारोह उस बदलाव को दर्शाता है, जिसे ट्रंप के समर्थक और विरोधी दोनों ही देख रहे हैं।
उद्घाटन समारोह के दौरान, पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर के सम्मान में अमेरिका का राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहा। जिमी कार्टर, जो 100 वर्ष की आयु में निधन हो गए थे, को इस सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 30 दिन तक राष्ट्रीय ध्वज को झुका रखने का आदेश दिया है। यह श्रद्धांजलि, अमेरिकी राजनीति के प्रति उनके योगदान और उनके लंबे जीवन की याद दिलाती है।
ट्रंप की जीत और व्हाइट हाउस में वापसी
पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की जीत को 6 जनवरी को अमेरिकी कांग्रेस द्वारा प्रमाणित किया गया था। यह चुनाव परिणाम अमेरिकी कांग्रेस के इलेक्टोरल कॉलेज नतीजों की आधिकारिक पुष्टि थी, जिसके बाद ट्रंप के व्हाइट हाउस में वापसी का रास्ता साफ हो गया था। यह उन लोगों के लिए एक बड़ी जीत थी जो ट्रंप के नेतृत्व को दोबारा देखना चाहते थे।
वहीं, कुछ लोगों के लिए यह वापसी एक चुनौती की तरह भी थी, क्योंकि ट्रंप के पिछले कार्यकाल के दौरान कई विवादों ने जन्म लिया था। लेकिन इस बार ट्रंप ने अपनी नीति और नेतृत्व को लेकर कई बदलाव करने का संकेत दिया है। डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करना न सिर्फ एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना है, बल्कि यह अमेरिका की राजनीति और लोकतंत्र में नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक भी है। ट्रंप की वापसी से यह सवाल भी उठता है कि क्या वह पहले से बेहतर तरीके से अपने कार्यकाल का संचालन करेंगे, या फिर वही पुराने विवाद उनके रास्ते में आएंगे।
ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका के भविष्य के बारे में ढेरों सवाल हैं, और पूरे विश्व की निगाहें अब इस पर होंगी कि ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका किस दिशा में जाएगा। ट्रंप की शपथ ग्रहण के बाद एक नई राजनीति का सूरज उगा है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वह अपनी नीतियों के माध्यम से अमेरिका और दुनिया को क्या नया दिशा देंगे।