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BSNL का जबरदस्त कमबैक... घाटे से मुनाफे तक का ऐतिहासिक सफर

BSNL का यह बदलाव इस बात का प्रमाण है कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति, तकनीकी नवाचार और संगठनात्मक बदलाव मिलकर काम करें, तो कोई भी पुरानी संस्था फिर से प्रासंगिक बन सकती है। यह भारत के टेलीकॉम क्षेत्र के लिए न केवल उम्मीद की किरण है, बल्कि आगे के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी.

27 May, 2025
( Updated: 03 Jun, 2025
09:53 PM )
BSNL का जबरदस्त कमबैक... घाटे से मुनाफे तक का ऐतिहासिक सफर
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सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने वह कर दिखाया है जो कुछ समय पहले तक असंभव माना जा रहा था।.लंबे समय से घाटे में चल रही इस कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत से ही अपने प्रदर्शन में क्रांतिकारी बदलाव लाया है. लगातार दो तिमाहियों में मुनाफा दर्ज कर BSNL ने खुद को फिर से एक मजबूत प्रतिस्पर्धी के रूप में पेश किया है.इसके साथ ही, FY25 की चौथी तिमाही (Q4) में कंपनी ने ₹280 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया, जबकि इससे ठीक पहले की तीसरी तिमाही (Q3) में ₹262 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया गया था.यानी सिर्फ छह महीनों में BSNL ने ₹542 करोड़ की कमाई की है. यह तब और भी महत्वपूर्ण बन जाता है जब हम देखें कि FY24 की चौथी तिमाही में कंपनी को ₹849 करोड़ का घाटा हुआ था. यह न केवल एक वित्तीय उपलब्धि है, बल्कि एक सरकारी कंपनी के रूप में BSNL की पुनरुत्थान गाथा भी है.

किन वजहों से बदली BSNL की किस्मत?

BSNL के इस टर्नअराउंड के पीछे कई रणनीतिक निर्णय और सरकार का मजबूत सहयोग शामिल है। कंपनी ने अपने खर्चों को व्यवस्थित किया, संचालन में कुशलता लाई और अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण रखा. इसके साथ ही, केंद्र सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश और 4G नेटवर्क के तेज़ी से विस्तार ने कंपनी को फिर से मजबूती दी.ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में BSNL की फाइबर-टू-द-होम (FTTH) सेवाओं की मांग में बेतहाशा वृद्धि हुई, जिससे यूज़र्स की संख्या बढ़ी और राजस्व में इज़ाफा हुआ.

भविष्य की रणनीति: सिर्फ बचना नहीं, अब मुकाबला करना है

BSNL अब सिर्फ घाटे से उबरने वाली कंपनी नहीं रही, बल्कि अब वह टेलीकॉम सेक्टर के दिग्गजों—जैसे Jio और Airtel—को चुनौती देने की तैयारी में है. कंपनी का लक्ष्य है कि 2025 तक देशभर में 4G नेटवर्क को पूरी तरह से लागू कर दिया जाए. इसके अलावा, BSNL स्वदेशी तकनीक के सहारे 5G रोलआउट की दिशा में भी कदम बढ़ा रही है.एक और बड़ा उद्देश्य यह है कि FTTH (फाइबर ब्रॉडबैंड) यूज़र्स की संख्या को दोगुना किया जाए ताकि डिजिटल सेवाओं की पहुंच देश के कोने-कोने तक हो सके। इसके लिए BSNL तकनीकी नवाचार, किफायती प्लान्स और बेहतर कस्टमर सपोर्ट पर ज़ोर दे रही है.

टेलीकॉम सेक्टर के लिए क्या है यह संकेत?

BSNL का यह जबरदस्त रिवाइवल केवल एक कंपनी की कहानी नहीं है, बल्कि यह सरकारी क्षेत्र की क्षमता, दूरदर्शी नेतृत्व और रणनीतिक सुधारों की सफलता की मिसाल है. यह डिजिटल इंडिया अभियान की वास्तविक तस्वीर पेश करता है—जहां सरकारी संस्थान भी प्रतिस्पर्धी और मुनाफे में रह सकते हैं, बशर्ते उनके पास स्पष्ट रणनीति और संसाधनों का सही इस्तेमाल हो.BSNL का यह बदलाव इस बात का प्रमाण है कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति, तकनीकी नवाचार और संगठनात्मक बदलाव मिलकर काम करें, तो कोई भी पुरानी संस्था फिर से प्रासंगिक बन सकती है. यह भारत के टेलीकॉम क्षेत्र के लिए न केवल उम्मीद की किरण है, बल्कि आगे के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी.

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