S.Y. Quraishi पर भड़के Nishikant Dubey ने क्यों याद दिलाया इस्लाम का इतिहास ?
Chief Election Commissioner जैसा बड़ा संवैधानिक पद संभाल चुके एसवाई कुरैशी ने भी जब संवैधानिक रूप से बने वक्फ संशोधन कानून पर सवाल उठाया तो बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने उन्हें भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए इस्लाम का इतिहास याद दिला दिया !

झारखंड की गोड्डा लोकसभा सीट से लगातार चार बार के सांसद निशिकांत दुबे जब भी संसद में दहाड़ते हैं तथ्यों के साथ विपक्ष की बखिया उधेड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. ये बात तो हर कोई जानता है.लेकिन इस बार निशिकांत दुबे संसद में दिये भाषण की वजह से नहीं. देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाने के साथ ही पूर्व चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी को मुस्लिम आयुक्त बताकर तहलका मचा दिया है.
दरअसल जबसे मोदी सरकार ने वक्फ संशोधन कानून देश में लागू किया है. मुसलमान जहां सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. जिसने कानून के कई पहलुओं पर सवाल उठाते हुए मोदी सरकार से सात दिनों में जवाब मांग लिया है. जिसके बाद से ही सुप्रीम कोर्ट पर सवालों की बौछार हो रही है. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने तो यहां तक कह दिया कि अगर सुप्रीम कोर्ट ही कानून बनाएगा तो संसद को बंद कर देना चाहिए.
वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बीच जबसे बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कोर्ट पर ही सवाल उठाया है. विपक्ष जहां हायतौबा मचा रहा है तो वहीं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने ही सांसद के बयान से किनारा कर लिया.ये मामला अभी थमा भी नहीं था कि इसी बीच देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने वक्फ संशोधन कानून के विरोध का राग छेड़ दिया. और इस कानून पर ही सवाल उठाते हुए एक ट्वीट में कहा कि "वक्फ कानून सरकार की एक खुली और दुर्भावनापूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय की जमीनों पर कब्जा करना है, मुझे विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट इसे जरूर संज्ञान में लेगा"
मुख्य चुनाव आयुक्त जैसा बड़ा संवैधानिक पद संभाल चुके एसवाई कुरैशी ने भी जब संवैधानिक रूप से बने वक्फ संशोधन कानून पर सवाल उठाया तो बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने उन्हें भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा कि "आप चुनाव आयुक्त नहीं, मुस्लिम आयुक्त थे, झारखंड के संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिये को वोटर सबसे ज्यादा आपके कार्यकाल में ही बनाया गया, पैगंबर मुहम्मद साहब का इस्लाम भारत में 712 में आया, उसके पहले तो यह जमीन हिंदुओं की या उस आस्था से जुड़ी आदिवासी, जैन या बौद्ध धर्मावलंबी की थी, मेरे गांव विक्रमशिला को बख्तियार खिलजी ने 1189 में जलाया, विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने दुनिया को पहला कुलपति दिया अतिश दीपांकर के तौर पर, इस देश को जोड़ो, इतिहास पढ़ो, तोड़ने से पाकिस्तान बना, अब बंटवारा नहीं होगा?
कांग्रेस राज में साल 2010 से 2012 तक देश के मुख्य चुनाव आयुक्त रहे एसवाई कुरैशी ने जैसे ही वक्फ कानून पर सवाल उठाया. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने उन्हें इस्लाम का इतिहास याद दिला दिया. और साथ ही ये भी बता दिया कि जब इस्लाम ने भारत में कदम भी नहीं रखा था. तब से हिंदू भारत में रह रहे हैं. और इस हिसाब से तो पूरी जमीन पर हिंदुओं का अधिकार है.लेकिन इसके बावजूद जब अयोध्या राम मंदिर का मुद्दा कोर्ट गया तो सबूत मांगे गये. और अब कहा जा रहा है कि मुगलों के समय की जमीन के कागज मुसलमान कहां से लाएंगे. खुद सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि "अंग्रेजों से पहले वक्फ रजिस्ट्रेशन नहीं होता था, कई मस्जिदें 13वीं, 14वीं सदी की है, जिनके पास रजिस्ट्रेशन सेल डीड नहीं होगी, ऐसी संपत्तियों को कैसे रजिस्टर करेंगे ? उनके पास क्या दस्तावेज होंगे? वक्फ बाई यूजर मान्य किया गया है, अगर आप इसे खत्म करते हैं तो समस्या होगी"
वक्फ कानून पर ऐसे कई सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार ने सात दिनों में जवाब मांगा है. अब देखना ये है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में क्या जवाब देती है. बहरहाल जिस तरह से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने पहले सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाए और फिर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त को मुस्लिम आयुक्त बताया है.