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पाक का साथ देकर बुरे फंसे तुर्की-अजरबैजान, कैट ने लोगों से की बायकॉट करने की अपील

ट्रेडर्स बॉडी ने कहा कि इससे पहले उसने चीनी उत्पादों के बायकॉट के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया था, जिसका काफी असर हुआ है. अब वह तुर्की और अजरबैजान की यात्रा के बायकॉट के लिए अभियान चला रहा है.

14 May, 2025
( Updated: 14 May, 2025
04:34 PM )
पाक का साथ देकर बुरे फंसे तुर्की-अजरबैजान, कैट ने लोगों से की बायकॉट करने की अपील

देश की शीर्ष ट्रेडर्स बॉडी में से एक कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बुधवार को सभी व्यापारियों और नागरिकों से तुर्की और अजरबैजान का बायकॉट करने की अपील की. 

पाकिस्तान का साथ देकर फंस गए ये देश

'ऑपरेशन सिंदूर' के समय भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बीच इन दोनों देशों ने पड़ोसी मुल्क का खुलकर समर्थन किया था. 

2024 में तुर्की में करीब 62.2 मिलियन विदेशी यात्री आए थे. इसमें से 3,00,00 के आसपास भारतीय थे. 2023 की तुलना में पिछले साल तुर्की में 20 प्रतिशत अधिक भारतीय यात्री आए थे. 

बीते साल 3 लाख भारतीय पर्यटक गए थे तुर्किए

कैट द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष तुर्की की कुल पर्यटन आय 61.1 बिलियन डॉलर थी, जिसमें प्रत्येक भारतीय पर्यटक ने औसतन 972 डॉलर खर्च किए थे. पिछले वर्ष संयुक्त रूप से भारतीयों द्वारा तुर्की में 291.6  मिलियन डॉलर खर्च किए गए थे.

कैट ने की तुर्की और अजरबैजान का बायकॉट करने की अपील 

ट्रेडर्स बॉडी ने कहा कि इससे पहले उसने चीनी उत्पादों के बायकॉट के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया था, जिसका काफी असर हुआ है. अब वह तुर्की और अजरबैजान की यात्रा के बायकॉट के लिए अभियान चला रहा है. 

कैट ने बताया कि इस अभियान को और बड़ा करने के लिए वह ट्रैवल और टूर ऑपरेटर्स के साथ अन्य जरूरी पक्षकारों से बातचीत करेगा. 

कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि पाकिस्तान के समर्थन के विरोध में भारतीय नागरिकों द्वारा तुर्की और अजरबैजान की यात्रा का बहिष्कार करने से इन देशों की अर्थव्यवस्थाओं, खासकर उनके पर्यटन क्षेत्र पर काफी असर पड़ सकता है.

उन्होंने कहा कि अगर भारतीय पर्यटक तुर्की का बहिष्कार करते हैं, तो उसे लगभग 291.6 मिलियन डॉलर का सीधा नुकसान हो सकता है.

खंडेलवाल के मुताबिक, भारतीय शादियों, कॉर्पोरेट कार्यक्रमों और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के रद्द होने से अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक नुकसान और भी अधिक होगा.

2024 में 2,50,000 भारतीयों ने की अजरबैजान की यात्रा 

2024 में अजरबैजान में लगभग 2.6 मिलियन विदेशी पर्यटक आए थे, जिनमें से लगभग 2,50,000 भारतीय थे. एक भारतीय पर्यटक द्वारा औसत खर्च 2,170 अजरबैजानी मनात था, जो लगभग 1,276 डॉलर के बराबर है. कुल मिलाकर पिछले साल भारतीयों ने अजरबैजान में 308.6 मिलियन डॉलर खर्च किए थे.

भारतीय पर्यटकों द्वारा अजरबैजान के बहिष्कार से वहां की अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष तौर पर नुकसान हो सकता है.

तुर्की में अंकारा के पर्यटन विभाग ने भारतीय यात्रियों से अपने देश की यात्रा करने का आग्रह किया है. 

विभाग ने एक बयान में कहा, "स्थानीय आबादी का बड़ा हिस्सा भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष से अनजान है और इसका यहां के दैनिक जीवन या पर्यटन के माहौल पर कोई असर नहीं पड़ता है."

खंडेलवाल के अनुसार, आर्थिक दबाव तुर्की और अजरबैजान दोनों को भारत के प्रति अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर सकता है.

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