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Air India Crash: पॉलिसी होल्डर और नॉमिनी की मौत के बाद बीमा के पैसे का हकदार कौन? जानिए क्या कहता है कानून

एयर इंडिया हादसे में पॉलिसी होल्डर और नॉमिनी दोनों की मौत होने पर बीमा राशि का दावा कैसे किया जाएगा? इस स्थिति में कानून क्या कहता है और किसे मिलेगा बीमा का पैसा? जानें अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद उठे सवालों के जवाब और इंश्योरेंस क्लेम प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी.

22 Jun, 2025
( Updated: 22 Jun, 2025
01:16 AM )
Air India Crash: पॉलिसी होल्डर और नॉमिनी की मौत के बाद बीमा के पैसे का हकदार कौन? जानिए क्या कहता है कानून
जिंदगी कब किस मोड़ पर क्या दिखा दे, कोई नहीं जानता. कुछ घटनाएं इतनी अचानक और दर्दनाक होती हैं कि पूरा भविष्य ही सवालों में घिर जाता है. ऐसा ही कुछ 12 जून को हुआ, जब अहमदाबाद से लंदन गेटवे के लिए रवाना एयर इंडिया का एक विमान भीषण हादसे का शिकार हो गया.
 
हादसे में गई 275 से ज्यादा जानें
 
मेघानी नगर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हुए इस विमान में 241 यात्री सवार थे.हादसे में सभी की जान चली गई, साथ ही जमीन पर मौजूद 34 लोग भी इसकी चपेट में आ गए. ये न केवल एक बड़ा ट्रेजेडी था, बल्कि इसके बाद कई कानूनी और वित्तीय प्रश्न भी सामने आने लगे.
 
बीमा पॉलिसी का सवाल: जब दोनों नहीं रहे?
 
इस दुर्घटना ने एक गंभीर सवाल को जन्म दिया अगर बीमा पॉलिसी होल्डर और उसका नामांकित व्यक्ति (Nominee) दोनों ही इस तरह की त्रासदी में जान गंवा दें, तो फिर क्लेम का हकदार कौन होगा?
 
क्या पॉलिसी जब्त हो जाती है?
 
नहीं..बीमा राशि जब्त नहीं की जाती. जब पॉलिसी होल्डर और नॉमिनी दोनों का निधन हो जाए, तब वो रकम मृतक की संपत्ति मानी जाती है और इसे उसके कानूनी उत्तराधिकारियों (Legal Heirs) में बांटा जाता है.
 
बीमा कंपनियों की रणनीति
 
इस क्रैश के बाद, LIC, Tata AIG, Iffco Tokio जैसी बड़ी बीमा कंपनियों के पास ऐसे क्लेम्स पहुंचे हैं जिनमें दोनों संबंधित व्यक्ति नहीं बचे.
कुछ कंपनियों ने फास्ट-ट्रैक प्रक्रिया अपनाते हुए ये कदम उठाए:
• कोर्ट के आदेश की बजाय उत्तराधिकारियों से घोषणा पत्र (Declaration) और इंडेम्निटी बांड (Indemnity Bond) मांगे जा रहे हैं.

• परिवार के सदस्य आपसी सहमति से क्लेम बांटने का वादा करते हैं तो भुगतान किया जा रहा है.

 
कौन होते हैं कानूनी वारिस?
 
भारतीय उत्तराधिकार कानून के अनुसार, मृतक के वारिस दो श्रेणियों में विभाजित होते हैं — क्लास 1 और क्लास 2. क्लास 1 वारिसों में बेटा, बेटी, पत्नी और माता शामिल होते हैं. यदि इनमें से कोई भी जीवित नहीं है, तो क्लास 2 वारिसों पर विचार किया जाता है, जिनमें पिता, भाई, बहन, भतीजा और भतीजी आते हैं. बीमा कंपनियां सबसे पहले क्लास 1 के सदस्यों से संपर्क करती हैं और यदि वो उपलब्ध नहीं हों, तो क्लास 2 के सदस्य भी क्लेम कर सकते हैं, बशर्ते वो सभी जरूरी दस्तावेज और सहमति पत्र प्रस्तुत करें.
 
जरूरी दस्तावेज:
बीमा क्लेम के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक होते हैं:
• मृत्यु प्रमाण पत्र

• पॉलिसी दस्तावेज

• उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र (Legal Heir Certificate)

• घोषणा पत्र और सहमति बांड

 
ऐसे हादसे किसी परिवार को सिर्फ भावनाओं में ही नहीं, पैसों के मामले में भी बहुत मुश्किल में डाल सकते हैं.लेकिन इंश्योरेंस का मकसद ही है उन हालातों में भी कुछ स्थिरता लाना. अगर नॉमिनी और पॉलिसीधारक दोनों की मृत्यु हो जाए, तब भी आपके अधिकार सुरक्षित रहते हैं. जरूरत है सही जानकारी और समय पर प्रक्रिया पूरी करने की.
 

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