भारत के फैसलों से दहशत में पाकिस्तान, 'खून बहेगा' वाले बयान के बाद बिलावल ने दी परमाणु धमकी
हाल ही में भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट चरम पर पहुंच गई है. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने न सिर्फ 'खून बहेगा' जैसे भड़काऊ बयान दिए बल्कि अब परमाणु युद्ध की धमकी देकर दुनिया को चौंका दिया है.

हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त फैसले लिए हैं. सिंधु जल संधि को स्थगित करने के निर्णय ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है. इसी दबाव में पाकिस्तान अब जुबानी जंग की ओर बढ़ता दिख रहा है. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने पहले 'खून बहेगा' जैसी भड़काऊ बात कही और अब एक इंटरव्यू में परमाणु हमले की धमकी दे डाली है. ये बयान न सिर्फ पाकिस्तान की बौखलाहट को दिखाता है बल्कि उसके डर और हताशा को भी उजागर करता है.
ब्रिटिश मीडिया में बिलावल की धमकी
ब्रिटिश मीडिया को दिए इंटरव्यू में बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान की थल, जल और वायु सेना भारत की किसी भी आक्रामकता का जवाब देने के लिए तैयार है. उन्होंने 1947, 1965 और 1971 के युद्धों का हवाला देते हुए यह बताने की कोशिश की कि पाकिस्तान युद्ध का आदी है. हालांकि, सच्चाई यह है कि इन युद्धों में पाकिस्तान को बार-बार हार का सामना करना पड़ा. इसके बावजूद बिलावल का यह कहना कि भारत और पाकिस्तान दोनों के पास परमाणु शक्ति है और इससे तनाव और बढ़ सकता है, दरअसल एक डर की अभिव्यक्ति है.
आपको बता दें कि भारत के सिंधु जल पर रोक लगाने को लेकर बिलावल भुट्टो ने 25 अप्रैल को भी विवादित बयान दिया था. बिलावल भुट्टो ने कहा था कि अगर भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान का पानी रोका तो नदियों में खून बहेगा. सिंधु हमारी है और हमारी ही रहेगी. या तो हमारा पानी इसमें बहेगा या उनका खून." ये बयान उन्होंने सिंध के सुक्कुर इलाके में एक सार्वजनिक रैली के दौरान दिया था.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि भारत खुद को हजारों साल पुरानी सभ्यता का उत्तराधिकारी बताता है लेकिन मोहनजोदड़ो लरकाना (पाकिस्तान) में है, इसलिए हम असली सभ्यता के रक्षक हैं. इस बयान से बिलावल ने सिंधु नदी और सिंधु घाटी सभ्यता को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की.
परमाणु धमकी की असलियत
भारत ने जब से सिंधु जल संधि को स्थगित किया है और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं, तब से पाकिस्तान की राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व में घबराहट साफ नजर आ रही है. परमाणु धमकी एक रणनीति नहीं बल्कि मजबूरी में किया गया डर का इज़हार लगता है. एक तरफ जहां भारत ने अपने रुख में कठोरता दिखाई है, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रहा है. बिलावल का इंटरव्यू इसी दिशा में एक प्रयास माना जा रहा है. वो दुनिया को यह दिखाना चाहते हैं कि भारत आक्रामक है और पाकिस्तान को खुद की रक्षा के लिए 'परमाणु विकल्प' तक पर विचार करना पड़ सकता है.
बिलावल भुट्टो की यह परमाणु धमकी न केवल भारत के खिलाफ है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय शांति समझौतों और नियमों का उल्लंघन भी है. यूनाइटेड नेशंस और इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के तहत किसी भी राष्ट्र को ऐसे हथियारों की धमकी देना युद्ध भड़काने जैसा माना जाता है. इससे पाकिस्तान की छवि और भी बिगड़ती है.
भारत हमेशा से संयम का परिचय देता रहा है लेकिन जब देश की अखंडता, सीमा और जनता पर हमला होता है तो भारत ने दिखाया है कि वह जवाब देना जानता है. पाकिस्तान की इस तरह की धमकियों से भारत का रुख और मजबूत होता है.
भारत की चुप्पी में भी है जवाब
भारत सरकार ने बिलावल के इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन यह चुप्पी भी एक रणनीति का हिस्सा है. भारत अब पाकिस्तान की इन खोखली धमकियों को गंभीरता से नहीं लेता क्योंकि वो जानता है कि हर बार ऐसा बयान तब आता है जब पाकिस्तान पर दबाव होता है. पहले भी ख्वाजा आसिफ और हनीफ अब्बास जैसे नेताओं ने ऐसे बयान दिए थे लेकिन सच्चाई यह है कि पाकिस्तान को भी मालूम है कि अगर उसने पहला हमला किया तो भारत का जवाब निर्णायक और विनाशकारी होगा.
पहलगाम हमले के बाद से पूरे भारत में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है. जनता सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है. भारत सरकार ने एयरस्पेस बंद करने से लेकर SAARC वीजा छूट रद्द करने, पाकिस्तानी राजनायिकों को निकालने जैसे कई कड़े कदम उठाए हैं. ऐसे में बिलावल की परमाणु धमकी और खून बहेगा जैसे बयान भारत को और मजबूती देते हैं.