‘जंगलराज का आलम है… फील्ड मार्शल ही क्यों सीधे बादशाह बना दो', जेल से इमरान खान का आसिम मुनीर पर वार, प्रमोशन पर उठाए सवाल
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने आसिम मुनीर के फील्ड मार्शल बनाए जाने पर तंज कसा है. जेल से जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि जब जंगलराज है तो फील्ड मार्शल ही क्यों सीधे किंग बना दो.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के चेयरमैन इमरान खान ने PAK Army के चीफ और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पर तीखा हमला बोला है. इमरान ने भारत से चार दिन तक चले सैन्य तनाव में भारी मार पड़ने और बर्बादी के बाद भी मुनीर को 5 स्टार जनरल के रैंक पर प्रोमोट किए जाने पर तंज कसा है. उन्होंने जेल से एक बयान जारी कर सरकार और सेना को घेरा है. खान का यह बयान 23 मई 2025 को उनके आधिकारिक X अकाउंट के माध्यम से सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा, "जब जंगल का कानून चले, तो असली पद फील्ड मार्शल नहीं, किंग होना चाहिए!" उनके इस इस बयान ने पाकिस्तान की सियासत में हड़कंप मचा दिया है. भारत के साथ तनाव और देश की आंतरिक अस्थिरता के बीच उनके इस बयान ने सेना की कमान और हनक की पोल खोल दी है, जहां एक पीएम अपनी कुर्सी बचाने के लिए अपने अंदर काम करने वाले जनरल को फील्ड मार्शल बना देता है ताकि उसकी कुर्सी बची रहे और इमरान पर और सख्ती बढ़ाई जा सके.
शहबाज शरीफ मे मुनीर को बनाया था फील्ड मार्शल
20 मई 2025 को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की कैबिनेट ने पाकिस्तान आर्मी के मौजूदा चीफ जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत करने का फैसला लिया. यह निर्णय पाकिस्तान के इतिहास में दूसरी बार हुआ, जब किसी सेना प्रमुख को यह सर्वोच्च सैन्य पदवी दी गई है. इससे पहले 1959 में जनरल अयूब खान को फील्ड मार्शल बनाया गया था. रिपोर्ट्स के अनुसार शहबाज सरकार ये फैसला अब विवादों में घिर गया है क्योंकि ये तमगा उस जनरल को दिया जाता है जो ऐतिहासिक लड़ाई जीता हो जिससे इलाके, देश, क्षेत्र की पूरी डेमोग्राफी या पॉलिटिकल डायनेमिक्स जाए. जैसा 1973 में किया गया था जब 1971 की जंग जीतने वाले, पाकिस्तान के दो टुकड़े करने वाले और 93000 पाकिस्तानी सैनिकों का सरेंडर लेने वाले भारतीय सेना के तत्कालीन चीफ जनरल सैम मैनकशॉ को फील्ड मार्शल बनाया गया था और वो ताउम्र रहे थे.
'फील्ड मार्शल नहीं किंग बना दो'
2023 से रावलपिंडी की अडियाला जेल में भ्रष्टाचार और तोशाखाना मामले में सजा काट रहे इमरान खान ने इस पदोन्नति को "हास्यास्पद" करार दिया. उन्होंने अपने X पोस्ट में न केवल आसिम मुनीर की पदोन्नति पर सवाल उठाया, बल्कि पाकिस्तान में सेना के निरंकुश प्रभाव और जंगल के कानून वाली स्थिति का भी जिक्र किया.
इमरान ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में आखिर कहा क्या?
इमरान खान ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "माशाअल्लाह, जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया गया है. हालांकि, साफ तौर से उन्हें 'राजा' की पदवी देनाज्यादा बेहतर होता क्योंकि अभी, देश में जंगल राज चल रहा है और जंगल में, केवल एक राजा होता है." उन्होंने ने यह भी कहा कि उनके साथ किसी सौदे की अफवाहें पूरी तरह से झूठी हैं. कोई सौदा नहीं हुआ है, न ही कोई बातचीत चल रही है, ये निराधार झूठ हैं.
इमरान खान ने अपने बयान में कहा, "फील्ड मार्शल ही क्यों, राजा ही बना देते!" यह टिप्पणी न केवल आसिम मुनीर की पदोन्नति पर कटाक्ष है, बल्कि पाकिस्तान में सेना के सियासी दखल और शहबाज सरकार पर उसके नियंत्रण की ओर भी इशारा करती है. हालांकि जब इमरान की सरकार 2018 में आई थी तो उसे भी सेलेक्टेड सरकार कहा गया था. इमरान की तत्काली सरकार को बाजवा प्रोजेक्ट कहा गया था क्योंकि कथित पनामा पेपर्स के मामले में न सिर्फ इस्तीफा लिया और जेल भेजा बल्कि देश निकाला भी दे दिया. इससे पहले भी पीटीआई चेयरमैन सेना पर उनकी सरकार को गिराने और उनकी गिरफ्तारी के लिए साजिश रचने का आरोप लगा चुके हैं. उनके इस बयान को PTI समर्थक हाथों-हाथ ले रहे हैं.
पाकिस्तान में मचा बवाल
इमरान के इस बयान ने पाकिस्तान की सियासत को और गरमा दिया है. PTI समर्थकों ने इसे सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया, और इसे सेना के खिलाफ जनता के गुस्से का प्रतीक बताया. X पर कई यूजर्स ने इसे "जंगल का कानून" के खिलाफ इमरान की हिम्मत के रूप में प्रचारित किया. दूसरी ओर, शहबाज सरकार और सेना समर्थकों ने इसे गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी करार दिया. कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह बयान भारत-पाक तनाव के बीच देश को और अस्थिर कर सकता है.
भारत-पाक तनाव और बयान का समय
इमरान का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव के बाद युद्धविराम लागू है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाक आर्मी की कायराना हरतक जिसमें उसने सिविलियन इलाकों को टार्गेट किया, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया. हालांकि पाकिस्तान ने भारत पर हुए ड्रोन हमले को ही अपनी जीत मान लिया, जिसे हवा में ही मार गिराया गया था.
इमरान का मकसद क्या?
विश्लेषकों का मानना है कि इमरान खान का यह बयान उनकी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा है. जेल में होने के बावजूद, वह लगातार बयान जारी कर रहे हैं, जिससे PTI कार्यकर्ताओं में जोश बना रहे. यह बयान सेना और शहबाज सरकार पर दबाव बनाने का भी प्रयास हो सकता है, खासकर तब जब उनकी रिहाई के लिए कानूनी लड़ाई जारी है. साथ ही, यह सेना के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ जनता को एकजुट करने की कोशिश भी हो सकती है, क्योंकि हाल के महीनों में जनरल आसिम मुनीर की नीतियों की आलोचना बढ़ी है.
कुल मिलाकर इमरान खान का फील्ड मार्शल वाला बयान न केवल आसिम मुनीर की आउट ऑफ द वे जाकर की गई पदोन्नति पर तंज है, बल्कि पाकिस्तान की सियासत में सेना के दबदबे और उनकी अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ एक सांकेतिक हमला भी है. यह बयान भारत-पाक तनाव के बीच और अधिक चर्चा में आ गया है.