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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया 'गोल्डन डोम' बनाने का ऐलान, सुनते ही बढ़ गई चीन की चिंता, जानें इसकी खासियत

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब मिसाइल डिफेंस सिस्टम की रेस में बड़ा कदम उठाया है. ट्रंप ने 'गोल्डन डोम' नामक नई मिसाल रक्षा प्रणाली की घोषणा की है. इस योजना की लागत 175 अरब डॉलर बताई जा रहा है.

21 May, 2025
( Updated: 21 May, 2025
09:23 PM )
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया 'गोल्डन डोम' बनाने का ऐलान, सुनते ही बढ़ गई चीन की चिंता, जानें इसकी खासियत
दुनियाभर में ड्रोन और मिसाइलों ने अब युद्ध के तरीकों में बड़ा बदलाव ला दिया है. भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति के दौरान पाकिस्तानी सेना ने ड्रोन और मिसाइलों के जरिए भारत के कई शहरों पर हमला किया, लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम और S-400 ने आसमान में ही इंटरसेप्ट कर ध्वस्त कर दिया. यह मॉडर्न वाॅरफेयर की रीढ़ कहे जाने वाले मिसाइल डिफेंस सिस्टम का कमाल ही था कि पाकिस्तान की कोशिश पूरी तरीके से नाकाम हो गई. इसी तरह 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में हुए हमास के बड़े हमले के दौरान कई शहरों को निशाना बनाया गया था, इस दौरान इजरायल के मिसाइल डिफेंस सिस्टम 'आयरन डोम' ने बेहतरीन तरीके प्रदर्शन करते हुए इजरायल के तमाम शहरों की रक्षा की थी. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब मिसाइल डिफेंस सिस्टम की दुनिया में बहुत बड़ा क्रांतिकारी बदलाव लेकर आ रहे है, जो दो देशों के बीच जंग के दौरान डिफेंस मैकेनिज्म को नेक्स्ट लेवल पर ले जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका के लिए एक ऐसा एयर डिफेंस सिस्टम तैयार किया है, जो अमेरिकी और स्पेस को अभेद और अजय बना देगा. 

ट्रंप ने एलन मस्क पर जताया भरोसा 

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'गोल्डन डोम' नामक नई मिसाल रक्षा प्रणाली की घोषणा की है. यह अमेरिका की एक बड़ी योजना मानी जा रही है, जिसकी कुल लागत लगभग 175 अरब डॉलर यानी 15000 करोड रुपए बताई गई है. वहीं, इसके शुरुआती चरण में 25 अरब डॉलर का बजट भी प्रस्तावित किया है. इस योजना की घोषणा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने ओवल ऑफिस से संबोधन के दौरान कहा कि यह उनके कार्यकाल के अंत साल 2029 तक पूरी तरीके से सक्रिय भी हो जाएगा. बता दें यह पहला मौका है, जब अमेरिका अंतरिक्ष में हथियार तैनात करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. इससे दुश्मन की मिसाइल और ड्रोन हमलों को तुरंत रोका जा सकेगा. इस सिस्टम के प्रमुख हिस्सों को विकसित करने की जिम्मेदारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को दी गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा इस योजना का ऐलान करते ही चीन की चिंता बढ़ गई है.

क्या है गोल्डन डोम? 

अमेरिका ने इजरायल के 'आयरन डोम' से प्रेरित होकर 'गोल्डन डोम' जैसे उन्नत मिसाइल सुरक्षा प्रणाली बनाने का फैसला लिया है. जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति ने बनाने की मंजूरी दी है. गोल्डन डोम डिफेंस सिस्टम दुश्मन की मिसाइल को लॉन्च के समय से लेकर उसके प्रभाव तक पहचान कर ना सिर्फ उसे हवा में रोकेगा बल्कि उसे पूरी तरह से नष्ट करने में भी कारगर साबित होगा. इस सिस्टम के तहत अंतरिक्ष में मौजूद सेंसर और इंटरसेप्ट शामिल होंगे. जिसके जरिए वैश्विक स्तर पर सुरक्षा कवच तैयार होगा. इसकी घोषणा करते हुए ट्रंप ने इसे अत्याधुनिक प्रणाली बताया है. जो दुनिया के किसी भी कोने से दागी की मिसाइल को पहचान कर रोकने में सक्षम होगा. 

गोल्डन डोम की खासियत

अब यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर गोल्डन डोम की खासियत क्या है. जिसकी अमेरिकी राष्ट्रपति ने घोषणा की है. इसकी सबसे प्रमुख खासियत यह है कि ये अंतरिक्ष से संचालित होगा जो पूरी दुनिया को कवर करेगा. इसकी क्षमता इतनी होगी कि, किसी भी प्रकार के मिसाइल हमले को बीच में ही खत्म कर देगा. ये 360 डिग्री थ्रेट डिटेक्शन की तरह काम करेगा. इसमें अंतरिक्ष आधारित सेंसर लगे होंगे यानी इस सिस्टम की रेंज में जो भी क्षेत्र आएगा और उसकी तरफ बढ़ने वाली किसी भी खतरे को स्पेस में मौजूद सेटेलाइट के सेंसर से डिटेक्ट कर लिया जाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि यह दुनिया की सबसे तेज रक्षात्मक प्रणाली होगी. गोल्डन डोम 1000 से अधिक सैटेलाइट नेटवर्क से कनेक्ट होगा. जिसके जरिए अमेरिका पूरी दुनिया पर निगाह रखेगा. इसे अमेरिका के जॉर्जिया, अलास्का, फ्लोरिडा और इंडियाना के विशेष निर्माण केंद्रों में बनाया जाएगा. 

चुनाव के समय मैंने किया था वादा: ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इस योजना को रूस और चीन जैसे देशों की बढ़ती अंतरिक्ष और हाइपरसोनिक क्षमताओं को देखते हुए ला रहे है. दोनों देश पहले ही इस तरह की तकनीक पर काम कर रहे है. जो दुश्मनों के सैटेलाइट को निष्क्रिय करेगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "हम गोल्डन डोम मिसाइल रक्षा कवच के बारे में ऐतिहासिक घोषणा कर रहे हैं. यह कुछ ऐसा है जो हम चाहते हैं. रोनाल्ड रीगन (40वें अमेरिकी राष्ट्रपति) इसे कई साल पहले चाहते थे, लेकिन उनके पास तकनीक नहीं थी. लेकिन यह कुछ ऐसा है जो हमारे पास होगा. हम इसे उच्चतम स्तर पर रखने जा रहे हैं. चुनाव प्रचार के दौरान, मैंने अमेरिकी लोगों से वादा किया था कि मैं अपने देश को विदेशी मिसाइल हमले के खतरे से बचाने के लिए अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा कवच बनाऊंगा. और यही हम आज कर रहे हैं."

ट्रंप के लिए बड़ी चुनौती 

वहीं इस गोल्डन डोम को लेकर कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इसका निर्माण तकनीकी रूप से बेहद ही महंगा और चुनौती पूर्ण होगा हालांकि ट्रंप ने शुरुआती तौर पर ही 25 अरब डॉलर की रकम को जारी कर दिया है.

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