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ISIS आतंकियों को मिल सकती है पाकिस्तान की जमीन, भारत को रहना होगा अलर्ट!

डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से सीरिया से निष्कासित होने वाले आतंकियों का पाकिस्तान में पनाह लेना भारत के लिए गंभीर खतरा बन सकता है. इन आतंकियों की पाकिस्तान में वापसी न सिर्फ कश्मीर में आतंकी घटनाओं को बढ़ावा दे सकती है, बल्कि दक्षिण एशिया में एक बार फिर आतंकवाद का नया दौर शुरू हो सकता है.

14 May, 2025
( Updated: 14 May, 2025
08:46 PM )
ISIS आतंकियों को मिल सकती है पाकिस्तान की जमीन, भारत को रहना होगा अलर्ट!
दुनिया में आतंकवाद की चर्चा होती है, तो मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया का नाम सबसे पहले आता है. खासकर भारत, जिसने दशकों से आतंकवाद की आग झेली है. ऐसे में अब एक बार फिर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फैसले ने भारत की सुरक्षा चिंताओं को गहरा कर दिया है. दरअसल ट्रंप ने सीरिया में मौजूद विदेशी आतंकियों को उनके देशों में वापस भेजने का आदेश दिया है. इनमें से बड़ी संख्या में आतंकी पाकिस्तानी मूल के हैं, जो अब पाकिस्तान लौट सकते हैं. इस फैसले से भारत में एक बार फिर आतंकी हमलों की आशंका तेज हो सकती है.

सीरिया से ISIS आतंकियों की रिहाई 

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में सऊदी अरब दौरे के दौरान सीरिया के नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी से मुलाकात की. इस मुलाकात में उन्होंने यह साफ कर दिया कि अमेरिका अब सीरिया पर लगे प्रतिबंध हटाएगा. लेकिन इसके बदले सीरिया सरकार को उन सभी विदेशी नागरिकता वाले आतंकियों को बाहर निकालना होगा, जो फिलहाल सीरिया की जेलों में बंद हैं. यह आदेश सुनने में सामान्य लग सकता है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम बेहद खतरनाक हो सकते हैं. क्योंकि इन आतंकियों में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी, अफगानी, फिलीस्तीनी और बांग्लादेशी शामिल हैं. 

इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप के आदेश में फिलिस्तीनी आतंकियों को भी उनके देश वापस भेजने की बात कही गई है. यह आतंकी अगर हमास जैसे संगठनों के साथ फिर जुड़ते हैं, तो इसका असर सिर्फ इजरायल ही नहीं, बल्कि भारत जैसे देशों पर भी पड़ेगा. भारत और इजरायल की नजदीकी जगजाहिर है, और ऐसे में भारत को भी इन संगठनों की आंखों की किरकिरी बनना पड़ सकता है. खासकर कश्मीर और केरल जैसे राज्यों में इन संगठनों की गतिविधियां पहले भी देखी गई हैं.

ISIS आतंकियों का सुरक्षित ठिकाना बन सकता है पाक?

सीरिया से जैसे ही ये आतंकी रिहा होकर अपने देशों की ओर लौटेंगे, पाकिस्तान उनके लिए सबसे आसान पनाहगाह बन सकता है. पाकिस्तान की जमीन पर पहले से ही कई आतंकी संगठन सक्रिय हैं. जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क जैसे संगठन लंबे समय से भारत विरोधी गतिविधियों में लगे हुए हैं. इन संगठनों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का पूरा समर्थन भी मिलता रहा है. ऐसे में अगर ISIS के प्रशिक्षित लड़ाके भी पाकिस्तान पहुंचते हैं, तो वे इन नेटवर्कों में घुल-मिलकर एक नई चुनौती खड़ी कर सकते हैं.

भारत को रहना होगा अलर्ट!

भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा यही है कि यह आतंकी गुट जम्मू-कश्मीर में हिंसा को और तेज कर सकते हैं. पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि ISIS की विचारधारा से प्रभावित कुछ युवाओं ने कश्मीर घाटी में आतंक फैलाने की कोशिश की है. हालांकि सुरक्षाबलों ने इस पर काफी हद तक नियंत्रण पाया है, लेकिन अगर पाकिस्तान में फिर से आतंकी कैडर मजबूत होता है, तो यह नियंत्रण मुश्किल हो सकता है. ISIS-Khorasan (ISIS-K) ने पहले ही अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है. अब ये रिहा होने वाले आतंकी भारत के खिलाफ रणनीति बनाने में तेजी ला सकते हैं.

भारत को कैसे करनी चाहिए तैयारी?

भारत को इस संभावित खतरे के खिलाफ पहले से ही तैयारी करनी होगी. सुरक्षा एजेंसियों को खुफिया तंत्र को मजबूत करना होगा. सीमाओं पर सतर्कता बढ़ानी होगी और साइबर निगरानी को सशक्त बनाना होगा. इसके साथ-साथ वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन देने वाले देश के रूप में बेनकाब करना होगा. अंतरराष्ट्रीय सहयोग के जरिए पाकिस्तान पर दबाव बनाया जा सकता है कि वह इन आतंकियों को अपने देश में घुसने न दे.

क्या दोहराया जाएगा अफगानिस्तान वाला इतिहास?
तालिबान का उदाहरण आज सबके सामने है. पहले अमेरिका ने उन्हें समर्थन दिया, फिर जब वह खिलाफ हो गए, तो जंग छेड़ दी. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. अफगानिस्तान को एक बार फिर से 90 के दशक की कट्टरपंथी सोच में धकेल दिया गया. अब अगर वही गलती अमेरिका ISIS के संदर्भ में दोहराता है और पाकिस्तान जैसे देश को उनका ठिकाना बनने देता है, तो दक्षिण एशिया फिर से आतंक की भट्टी में झोंक दिया जाएगा. भारत के लिए यह रणनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील समय है. उसे कूटनीतिक स्तर पर अमेरिका के इस फैसले का विरोध करना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र जैसी वैश्विक संस्थाओं में इसे चुनौती देनी चाहिए.

डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से सीरिया से निष्कासित होने वाले आतंकियों का पाकिस्तान में पनाह लेना भारत के लिए गंभीर खतरा बन सकता है. इन आतंकियों की पाकिस्तान में वापसी न सिर्फ कश्मीर में आतंकी घटनाओं को बढ़ावा दे सकती है, बल्कि दक्षिण एशिया में एक बार फिर आतंकवाद का नया दौर शुरू हो सकता है. भारत को कूटनीतिक और सामरिक स्तर पर इस चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहना होगा.

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