Advertisement

‘आत्मरक्षा का अधिकार हर देश को है’ ऑपरेशन सिंदूर पर भारत को मिला जर्मनी का समर्थन, आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाने की दी सलाह

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई पर जर्मनी ने खुलकर समर्थन दिया है. जर्मन विदेश मंत्री ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को जायज बताया और आतंक के खिलाफ कड़ी नीति को सराहा. इस कूटनीतिक समर्थन से भारत की वैश्विक स्थिति और मजबूत होती दिख रही है.

23 May, 2025
( Updated: 24 May, 2025
09:37 AM )
‘आत्मरक्षा का अधिकार हर देश को है’ ऑपरेशन सिंदूर पर भारत को मिला जर्मनी का समर्थन, आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाने की दी सलाह
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई को जर्मनी का दृढ़ समर्थन मिला है. जर्मनी के विदेश मामलों की समिति के उपाध्यक्ष जोहान वेडफुल ने इस आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है. यह बयान न केवल कूटनीतिक रूप से अहम है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने यह भी स्पष्ट करता है कि अब भारत आतंकवाद के किसी भी रूप को चुपचाप सहन करने के मूड में नहीं है.

भारत को जर्मनी का खुला समर्थन

वेडफुल ने अपने बयान में इस बात को रेखांकित किया कि भारत में हुआ यह हमला बेहद क्रूर और स्तब्ध कर देने वाला था. उन्होंने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार की वकालत करते हुए कहा कि सभी देशों को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का हक है. हालांकि उन्होंने वर्तमान में लागू युद्धविराम (सीज़फायर) की सराहना भी की और बातचीत से समाधान की ओर बढ़ने को कहा. यह रवैया भारत की संतुलित रणनीति और कूटनीतिक परिपक्वता की भी पुष्टि करता है.

भारत और जर्मनी के बीच आतंकवाद के खिलाफ लंबे समय से सहयोग जारी है. वेडफुल ने कहा कि दोनों देशों के बीच नियमित बातचीत होती रही है और आने वाले समय में यह साझेदारी और मज़बूत की जाएगी. यह संकेत है कि अब यूरोप के शक्तिशाली राष्ट्रों में भारत के रुख को समर्थन मिलने लगा है और आतंकवाद के मसले पर भारत की सख्ती को नैतिक समर्थन भी मिल रहा है.

'भारत नहीं झुकेगा'

विदेश मंत्री एस. जयशंकर यूरोप के तीन देशों के दौरे पर हैं और उन्होंने बर्लिन में मीडिया को संबोधित करते हुए भारत की स्थिति बेहद स्पष्ट शब्दों में रखी. जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकवाद के किसी भी रूप को बर्दाश्त नहीं करेगा और किसी भी देश से परमाणु धमकी या राजनीतिक दबाव स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत, पाकिस्तान के साथ सिर्फ द्विपक्षीय वार्ता करेगा, किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को स्वीकार नहीं किया जाएगा. यह भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और संप्रभु निर्णयों की झलक देता है.

आपको बता दें कि 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों को धर्म पूछकर मार दिया गया था. इसके बाद भारत ने पलटवार करते हुए 6-7 मई की रात 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया. इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया. इस कार्रवाई का उद्देश्य आतंकियों के लॉन्चपैड और हथियारों के भंडार को समाप्त करना था. 

Tags

Advertisement
LIVE
Advertisement
अधिक
Welcome में टूटी टांग से JAAT में पुलिस अफसर तक, कैसा पूरा किया ये सफर | Mushtaq Khan
Advertisement
Advertisement