Advertisement

चीन ने किया नॉन न्यूक्लियर हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण, परमाणु से भी ज्यादा खतरनाक

बता दें कि चीन ने हाल ही में परमाणु की तरह ही एक शक्तिशाली नॉन-न्यूक्लियर हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण किया है. यह परीक्षण एक खास तरह के हाइड्रोजन-आधारित उपकरण पर किया गया. जिसकी वजह से जबरदस्त केमिकल चेन रिएक्शन हुआ.

21 Apr, 2025
( Updated: 21 Apr, 2025
11:57 PM )
चीन ने किया नॉन न्यूक्लियर हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण, परमाणु से भी ज्यादा खतरनाक
चीन ने नॉन-न्यूक्लियर हाइड्रोजन बम का सफल निरीक्षण किया है. जिसने भारत की चिंता बढ़ा दी है. चीन के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि बिना यूरेनियम और प्लूटोनियम के उन्होंने एक ऐसा बम बनाया है. जो परमाणु की तरह खतरनाक तबाही मचा सकता है. देखा जाए तो चीन के इस सफल परीक्षण के बाद दुनिया में युद्ध की तकनीक में एक नई शुरुआत हो सकती है. यह पारंपरिक न्यूक्लियर बम से बिल्कुल अलग है. वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि यह गैर परमाणु हाइड्रोजन बम पारंपरिक एटम बम से काफी अलग है. इस बम में फ्यूजन और फीशन रिएक्शन नहीं होते है. यह चांदी की तरह दिखता है. 

न्यूक्लियर हाइड्रोजन बम का चीन ने किया सफल परीक्षण 

बता दें कि चीन ने हाल ही में परमाणु की तरह ही एक शक्तिशाली नॉन-न्यूक्लियर हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण किया है. यह परीक्षण एक खास तरह के हाइड्रोजन-आधारित उपकरण पर किया गया है. जिसकी वजह से  जबरदस्त केमिकल चेन रिएक्शन हुआ. इसमें   1000 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा अधिक तापमान वाली आग की गेंद लगातार 2 सेकंड तक जलती रही. जो बाकी पारंपरिक विस्फोटकों से 15 गुना ज्यादा है. चीन की तरफ से यह भी दावा किया गया है कि यह बम काफी कम लागत में बनकर तैयार हुआ है. इसमें किसी भी तरह के अंतरराष्ट्रीय न्यूक्लियर ट्रीटी का उल्लंघन नहीं होता है. इस सफल परीक्षण के बाद चीन के पास एक और खतरनाक हथियार आ गया है. यह बम  (CSSC) यानी चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन के 705 रिसर्च इंस्टिट्यूट में तैयार किया गया है. इस बम को बिना किसी परमाणु सामग्री के बनाया गया है. इसके सफल परीक्षण में जो धमाका हुआ है. उसके पीछे मैग्नीशियम हाइड्राइड नाम का एक चांदी सा लिखने वाला पाउडर था. यह बम ऐसे इलाकों में हाइड्रोजन ले जाने के लिए बनाया गया है. जहां बिजली नहीं पहुंचती. इसका इस्तेमाल अब हथियारों में हो रहा है. 

कैसे करेगा काम नॉन-न्यूक्लियर हाइड्रोजन बम

वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस बम के डिवाइस में एक पारंपरिक विस्फोटक एक्टिवेट होता है. जैसे ही इसके अंदर मौजूद पाउडर तेजी से गरम होता है. उसके बाद यह हाइड्रोजन गैस छोड़ता है. यह गैस इतनी ज्वलनशील होती है कि तुरंत जल उठती है. इस डिवाइस में जो आग का गोला बनता है. वह तीव्रता के बाकी पारंपरिक बमों से काफी ज्यादा होता है. यह बिना किसी रेडिएशन के काम करता है. इस हाइड्रोजन बम को एक नई किस्म की खोज माना जा रहा है. अभी तक वैज्ञानिक इस पदार्थ को एक दिन में कुछ ही ग्राम बना पाते थे. क्योंकि इसके प्रोसेस में बहुत अधिक दबाव और तापमान की जरूरत होती है. अगर यह हवा में आता है. तो अचानक से विस्फोट हो सकता है. लेकिन चीन ने शांक्सी प्रांत में एक ऐसी फैक्ट्री बनाई है. जो हर साल 150 टन मैग्नीशियम हाइड्राइड बना सकती है. बता दें कि हाइड्रोजन को जलाना काफी आसान होता है. इसमें एनर्जी भी काफी कम लगती है. लेकिन यह काफी तेजी से फैलता है. बाकी विस्फोटकों से यह कहीं ज्यादा तबाही मचा सकता है. इसमें किसी भी रेडिएशन की जरूरत नहीं होती है. 

आखिर इस बम का इस्तेमाल कहां हो सकता है

खबरों की माने, तो इस नॉन न्यूक्लियर हाइड्रोजन बम का इस्तेमाल सेना और ड्रोन के लिए हो सकता है. यह पानी के अंदर इस्तेमाल होने वाले सबमरीन फ्यूल सेल्स और लंबी दूरी तक उड़ने वाले ड्रोन को पावर देने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

भारत के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है

भारत और चीन की सीमा पर पहले से ही तनावपूर्ण माहौल है. हालांकि, पहले की तुलना में स्थिति काफी ज्यादा सुधरी है. चीन इस हथियार का इस्तेमाल अपने सीमावर्ती इलाकों में किसी भी हमले के तौर पर कर सकता है. भारत को अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने की जरूरत है. चीन ने अपनी सेना को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) , ड्रोन स्वार्म ,  हाइपरसोनिक मिसाइल और नॉन न्यूक्लियर बमों से अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाना शुरू कर दिया है. इस वजह से भारत को भी चीन की तुलना में अपनी ताकत को बढ़ाने की जरूरत है. 

क्या है नॉन-न्यूक्लियर हाइड्रोजन बम की खासियत ? 

यह बम 1000 डिग्री से अधिक सेल्सियस से अधिक तापमान पर आग का गोला बनाता है. यह सामान्य पारंपरिक बम की तुलना में 15 गुना अधिक है. इस बम का वजन सिर्फ 2 किलो है. यह छोटे आकार में भी होकर बड़ी तबाही मचा सकता है. यह किसी भी तरह का रेडियोधर्मी यानी कचरा नहीं छोड़ता. इसी वजह से यह पारंपरिक नॉन न्यूक्लियर बम से काफी अलग है. हालांकि, चीन की सुरक्षा में वैश्विक चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं. खासतौर से यह तकनीक अन्य देशों के हाथ लग सकती है.

चीन को मिलेगा बड़ा फायदा 

बिना किसी परमाणु टैग के यह हथियार चीन को युद्ध क्षेत्र में काफी बढ़त दिलाएगा. चीन के दुश्मन देशों के लिए यह बम एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. चीन की सैन्य क्षमताएं बढ़ेंगी. यह दुश्मनों के ऊपर बड़ा हमला करने का एक विकल्प भी प्रदान करेगा. 

Tags

Advertisement
Advertisement
Tablet से बड़ा होता है साइज, Oral S@X, Size लड़कियों के लिए मैटर करता है? हर जवाब जानिए |Dr. Ajayita
Advertisement
Advertisement