16 साल से कम उम्र के बच्चे नहीं चला पाएंगे सोशल मीडिया, पीएम ने कहा - बच्चों को मिलेगा बचपन
Social Media Ban For Under 16: सरकार का लक्ष्य है कि बच्चे ऑनलाइन खतरों से दूर रहें और अपना बचपन बिना तनाव और दबाव के गुजार सकें. यह बदलाव माता-पिता को भी राहत देगा और बच्चों की मानसिक सेहत और सुरक्षा को मजबूत करेगा.
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In Australia Social Media Ban For Under 16: ऑस्ट्रेलिया ने एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर दुनिया का पहला बैन लागू कर दिया है. प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज का कहना है कि यह कदम इसलिए जरूरी था क्योंकि बच्चों को उनका असली बचपन मिलना चाहिए, बिना सोशल मीडिया के दबाव और जोखिमों के. उन्होंने सभी राज्यों और स्थानीय नेताओं को इस फैसले के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. यह बैन बुधवार से पूरे देश में लागू हो जाएगा. प्रधानमंत्री ने यह भी माना कि शुरू - शुरू में कुछ बदलाव और एडजस्टमेंट की जरूरत होगी, लेकिन यह एक ऐसा सुधार है जो परिवारों को ज्यादा मानसिक शांति देगा और बच्चों को सुरक्षित बचपन प्रदान करेगा.
सोशल मीडिया का नुकसान रोकने की कोशिश
नवंबर 2024 में पास हुए नए कानून के अनुसार, सोशल मीडिया कंपनियों को “उचित कदम” उठाने होंगे ताकि 16 साल से कम उम्र के बच्चे वहां अकाउंट न बना सकें. सरकार का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बच्चों पर नकारात्मक असर डालते हैं, जैसे- उन्हें जरूरत से ज्यादा फोन में उलझाए रखना, हानिकारक कंटेंट दिखाना और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालना. कई बार ये प्लेटफॉर्म वह सामग्री दिखाते हैं जो बच्चों के लिए बहुत खतरनाक होती है, जैसे हिंसा, महिलाओं के बारे में नफ़रत फैलाने वाली पोस्ट, ईटिंग डिसऑर्डर को बढ़ावा देने वाला कंटेंट, और यहां तक कि आत्महत्या को उकसाने वाली चीजें भी.
चौंकाने वाली रिपोर्ट - लगभग सभी बच्चे सोशल मीडिया पर
2025 की शुरुआत में किए गए एक अध्ययन से पता चला कि ऑस्ट्रेलिया में 10 से 15 साल तक के 96% बच्चे सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे. और यह भी सामने आया कि उनमें से 10 में से 7 बच्चे कभी न कभी हानिकारक कंटेंट के संपर्क में आए. यह आकड़ा सरकार को यह समझाने के लिए काफी था कि अब सख्त कदम उठाने की जरूरत है. इसलिए सरकार ने सोशल मीडिया बैन लागू करने का फैसला लिया, ताकि बच्चों को सुरक्षित ऑनलाइन माहौल मिल सके.
कौन-कौन से प्लेटफॉर्म हुए बैन?
अब तक 10 बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सरकार की तरफ से सख्त निर्देश जारी किए जा चुके हैं. इसमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, थ्रेड्स, टिकटॉक, ट्विच, एक्स (ट्विटर), यूट्यूब, किक और रेडिट शामिल हैं. जरूरत पड़ने पर सरकार इस सूची को आगे भी अपडेट कर सकती है. प्रधानमंत्री अल्बनीज ने स्कूलों में चलाए जा रहे एक वीडियो मैसेज में कहा कि यह बदलाव उन बच्चों के लिए किया जा रहा है जो एल्गोरिदम के बीच बड़े हो रहे हैं और हर दिन सोशल मीडिया के दबाव का सामना करते हैं.
उल्लंघन पर भारी जुर्माना, पर बच्चों को सजा नहीं
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अगर यह बैन टूटा तो बच्चों या उनके माता–पिता पर कोई सजा नहीं दी जाएगी. जिम्मेदारी पूरी तरह सोशल मीडिया कंपनियों की होगी. अगर कोई प्लेटफॉर्म बार-बार या गंभीर रूप से नियम तोड़ता है, तो उस पर 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 32.8 मिलियन USD) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. हालांकि सरकार ने यह भी माना है कि उम्र की पहचान करने वाली तकनीक को पूरी तरह से लागू करने में थोड़ा समय लगेगा। इसलिए शुरुआती महीनों में सिस्टम को सही ढंग से सेट करने पर काम होगा.
बच्चों के सुरक्षित भविष्य की ओर एक बड़ा कदम
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ऑस्ट्रेलिया का यह कदम दुनिया के लिए एक उदाहरण बन सकता है. सोशल मीडिया से होने वाले नुकसान को देखते हुए 16 साल से कम उम्र के बच्चों पर बैन लगाना एक बड़ा और साहसिक फैसला है. सरकार का लक्ष्य है कि बच्चे ऑनलाइन खतरों से दूर रहें और अपना बचपन बिना तनाव और दबाव के गुजार सकें. यह बदलाव माता-पिता को भी राहत देगा और बच्चों की मानसिक सेहत और सुरक्षा को मजबूत करेगा.
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