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पाकिस्तान को बड़ा झटका: भारत-पाक युद्ध पर पाकिस्तान को चीन का नहीं मिला समर्थन

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि उसका करीबी सहयोगी चीन खुलकर उसका समर्थन करेगा, लेकिन चीन ने तटस्थ रुख अपनाते हुए दोनों देशों से संयम बरतने और संवाद के माध्यम से विवाद सुलझाने की अपील की है।

28 Apr, 2025
( Updated: 28 Apr, 2025
11:56 PM )
पाकिस्तान को बड़ा झटका: भारत-पाक युद्ध पर पाकिस्तान को चीन का नहीं मिला समर्थन
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने भारत को झकझोर कर रख दिया. इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे. भारत ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों का हाथ बताया और कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी. पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए हमले की निष्पक्ष जांच की मांग की. इस बीच, पाकिस्तान को उम्मीद थी कि उसका सदाबहार मित्र चीन खुलकर उसका समर्थन करेगा, लेकिन चीन ने संयम बरतने की अपील कर पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.​

चीन का संयमित रुख

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि चीन कश्मीर हमले के बाद जल्द से जल्द न्यायोचित और निष्पक्ष जांच कराने का समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों के पड़ोसी के रूप में चीन को उम्मीद है कि दोनों देश संयम बरतेंगे, एक ही दिशा में काम करेंगे और बातचीत व परामर्श के माध्यम से अपने मतभेदों का समाधान निकालेंगे. गुओ ने जोर दिया कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए यह जरूरी है कि दोनों पक्ष टकराव से बचें.​

पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी

पाकिस्तान को उम्मीद थी कि चीन खुलकर उसका समर्थन करेगा, लेकिन ड्रैगन ने अपनी पारंपरिक नीति के तहत किसी भी पक्ष का सीधा समर्थन करने से इनकार कर दिया. चीन ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी ऐसे कदम का विरोध करेगा जो क्षेत्र में तनाव को और बढ़ाए. इससे पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फिर गया है, जो कूटनीतिक मोर्चे पर चीन से खुली मदद की अपेक्षा कर रहा था.​

पहलगाम हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी निंदा हुई. अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों ने इस हमले की भर्त्सना की और भारत के साथ एकजुटता दिखाई. चीन ने भी हमले की निंदा की, लेकिन उसने किसी भी पक्ष का समर्थन करने से परहेज किया. इससे स्पष्ट होता है कि चीन क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को प्राथमिकता देता है और किसी भी टकराव से बचना चाहता है.​

पाकिस्तान की कूटनीतिक स्थिति कमजोर

चीन के इस रुख से पाकिस्तान की कूटनीतिक स्थिति कमजोर हुई है. पाकिस्तान को उम्मीद थी कि चीन उसका समर्थन करेगा, लेकिन चीन ने न्यूट्रल स्टैंड लेकर पाकिस्तान को निराश किया. इससे पाकिस्तान की वैश्विक छवि पर भी असर पड़ा है और उसकी कूटनीतिक स्थिति कमजोर हुई है.​

पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. पाकिस्तान को उम्मीद थी कि चीन उसका समर्थन करेगा, लेकिन चीन ने संयम बरतने की अपील कर पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. चीन का यह रुख उसकी क्षेत्रीय रणनीति और आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए है. यह स्पष्ट करता है कि चीन किसी भी टकराव से बचना चाहता है और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को प्राथमिकता देता है.

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