चिकन नेक पर बांग्लादेश की धमकी… भारत के इस अभेद किले में चीन-पाक की सेंध भी असंभव, जानें कैसे?
बांग्लादेश में भारत विरोधी लहर के बीच कुछ नेताओं ने सेवन सिस्टर्स और चिकन नेक को काटने की धमकी दी है. लेकिन यह केवल मुंगेरी लाल का हसीन सपना है. चिकन नेक को छूना भी नामुमकिन है.
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बांग्लादेश से फिर एक बार दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आईं. हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़ और बर्बर हत्याओं ने देश को फिर सुलगा दिया. जिस यूनुस को शांति के लिए नोबेल प्राइस मिला था उसके राज में बांग्लादेश अशांत हो गया. इंकलाब मंच के प्रवक्ता हादी उस्मान की मौत के बाद भारत विरोधी गतिविधियां भी तेज हो गई. इन प्रदर्शनों के बीच भारत के सेवन सिस्टर्स यानी पूर्वोत्तर राज्यों और सिलीगुड़ी कॉरिडोर को काटने की धमकियां दी गईं है. हालांकि ये इतना आसान नहीं है.
भारत का चिकन नेक (India Chicken Neck) कहे जाने वाले सिलीगुड़ी कॉरिडोर (Siliguri corridor) देश का अभेद किला माना जाता है. जो भारत का वो मजबूत कवच है जिस पर चीन और पाकिस्तान भी नजर डाले तो खाली हाथ लौटेगा. दरअसल, बांग्लादेश की नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के नेता हसनत अब्दुल्लाह ने चेतावनी दी थी कि अगर बांग्लादेश को अस्थिर किया गया तो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों सेवन सिस्टर्स को अलग-थलग कर दिया जाएगा. लेकिन हकीकत में हसनत अब्दुल्लाह का ये ख्वाब पूरा क्यों नहीं हो सकता. समझते हैं.
क्या है सेवन सिस्टर्स?
सेवन सिस्टर्स की थ्योरी में भारत के पूर्वोत्तर राज्य आते हैं. इनमें अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड और त्रिपुरा शामिल है. राज्यों के इस जोड़े को सेवन सिस्टर्स कहा गया है. बांग्लादेशी नेता ने दावा किया कि सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) को काटकर पूर्वोत्तर भारत को देश के मुख्य हिस्से से अलग किया जा सकता है.
क्या है चिकन नेक और क्यों है अहम?
सिलीगुड़ी कॉरिडोर सेवन सिस्टर्स को मुख्य भारत से जोड़ता है. भारत के मैप पर नजर डालें तो उसमें पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से में एक पतली सी पट्टी दिखती है. जो मुर्गी की गर्दन जैसी प्रतीत होती है इसलिए इसे चिकन नेक कहा जाता है.
- सिलीगुड़ी कॉरिडोर 8 राज्यों को मुख्य भारत से जोड़ता है
- असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा और सिक्किम शामिल
- सड़क, रेल और पाइपलाइन के जरिए कनेक्टिविटी और सुविधाओं की पहुंच
- चिकन नेक के कटने पर पूर्वोत्तर के 4.5 करोड़ से ज्यादा लोग और सेना प्रभावित
- इसकी चौड़ाई सिर्फ 20-22 किलोमीटर है, जबकि लंबाई करीब 60 किलोमीटर है
ये कॉरिडोर रणनीतिक रूप से मजबूत और संवेदनशील मुद्दा है. इसलिए यहां बाहरी खतरा फटक भी न सके इसलिए भारी तैयारी की गई है.
- सैन्य ठिकाने और आधुनिक डिफेंस सिस्टम से कवर
- असम बिहार और पश्चिम बंगाल में नए मिलिट्री स्टेशन बनाए गए हैं जो निगरानी कर रहे हैं.
- असम के धुबरी में लाचित बोरफुकन मिलिट्री स्टेशन
- बिहार के किशनगंज सैन्य तैनाती
- पश्चिम बंगाल के चोपड़ा में सैनिकों की तैनाती
- टैंक, मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री, एयर डिफेंस और पैरा स्पेशल फोर्सेस तैनात
इसके अलावा ब्रह्मोस जैसी सुपरसोनिक मिसाइल, एयरबेस पर तैनात राफेल फाइटर जेट और S-400 एयर डिफेंस सिस्टम चौकसी और दुश्मनों पर टार्गेट के लिए तैयार है. यानी चिकन नेक की बहुस्तरीय सुरक्षा.
कनेक्टिविटी में तेजी, निर्भरता कम
निर्भरता कम करने के लिए नए रेल-रोड प्रोजेक्ट डेवलप किए जा रहे हैं. भारत के पक्ष में सीमावर्ती देश भूटान से दोस्ती भी है. जो भारत का भरोसेमंद साथी है.
भारत का मजबूत खुफिया तंत्र
भारत अपने डिफेंस सिस्टम के साथ-साथ खुफिया तंत्र को भी लगातार मजबूत कर रहा है. भारत की RAW, IB और सैन्य खुफिया एजेंसियां अपने सिस्टम को तकनीक से लैस कर रही हैं. इसमें सैटेलाइट निगरानी, बॉर्डर पर AI-आधारित सर्विलांस सिस्टम असामान्य और संदिग्ध गतिविधि को ट्रैक करता है. स्मार्ट फेंसिंग, नाइट विजन और थर्मल कैमरे सीमा पर तैनात सुरक्षा बल (BSF, SSB, ITBP) की निगरानी में मदद करते हैं.
बांग्लादेश क्यों नहीं कर सकता जुर्रत?
भारत के चिकन नेक को हाथ लगाने की जुर्रत बांग्लादेश भी इसलिए भी नहीं कर सकता क्योंकि भारत की सैन्य ताकत और डिफेंस सिस्टम का उसे अंदाजा है.
इसके अलावा बांग्लादेश की आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा जरूरतों को पूरी करने में भारत अहम रोल अदा करता है.
चीन-पाकिस्तान से कैसे महफूज?
चीन और पाकिस्तान भी भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर का बाल बांका नहीं कर सकते. क्योंकि चीन के लिए सीधी निगरानी यहां असंभव है.
ये संकरी जमीन, सैन्य ताकत, कूटनीति, इन्फ्रास्ट्रक्चर और तकनीक का संगम है. जो भारत की ताकत है. जहां भारतीय सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे चौकन्नी और तैनात है.
बांग्लादेश के प्रदर्शन में भारत को धमकी
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2024 में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश में भारत के खिलाफ कई प्रदर्शन हुए. यूनुस राज में भारत विरोधी भावनाओं को हवा दी गई. इसकी एक वजह शेख हसीना का भारत में शरण लेना भी है. उस्मान हादी की मौत के बाद प्रदर्शनों में भारत को जिम्मेदार ठहराया गया. इन प्रदर्शनों में खुलेआम चिकन नेक को काटने की धमकी दी गई. हालांकि भारत का वैश्विक कद और शक्तिशाली देशों का साथ उसे और मजबूत करता है. चाहे अमेरिका हो या चीन, दबाव की नीति से कैसे निपटा जाता है. हालिया उदाहरण इसका जवाब हैं. फिर बांग्लादेश की कट्टर ताकतें तो भारत के सामने बेदम हैं.
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