'इस मंदिर में मानव बलि की कोई प्रथा नहीं है...', राजा रघुवंशी-सोनम मामले में आरोपों पर कामाख्या देवी मंदिर की ओर से आया बयान
देश के चर्चित धार्मिक मंदिरों में से एक माता कामाख्या देवी मंदिर की तरफ से बड़ा बयान सामने आया है. जिसमें राजा रघुवंशी के परिवार ने मंदिर पर आरोप लगाया था कि सोनम ने किसी और के साथ रहने के लिए यहां दर्शन किए और उसके बाद अपने पति की बलि चढ़ा दी. इस आरोप के बाद मंदिर के पुजारी सरू डोलोई हिमाद्रि ने कहा है कि 'राजा रघुवंशी का शव मेघालय में मिला था. मंदिर में ऐसा कोई काम नहीं किया जाता है. हम इस तरह के बयानों की निंदा करते हैं. कामाख्या मंदिर में मानव बलि का कोई रस्म नहीं है.'

इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड मामले में गुवाहाटी स्थित कामाख्या देवी मंदिर प्रशासन की तरफ से एक बड़ा बयान सामने आया है. इस मामले में हर रोज कहीं ना कहीं से कुछ बड़ा खुलासा हो रहा है, लेकिन देश के इस धार्मिक मंदिर पर इस मामले से जुड़ा नरबलि का आरोप लगा था. जिस पर मंदिर-प्रशासन ने अपनी तरफ से इन आरोपों को नकारते हुए अपना जवाब दिया है. इंदौर से मेघालय हनीमून मनाने गए राजा रघुवंशी की लाश एक पहाड़ी के खाई में मिली थी. इस हत्या का आरोप उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी पर लगा है, जो हत्या के करीब 11 दिन बाद पुलिस के हत्थे चढ़ी है और उनसे इस मामले पर पूछताछ जारी है.
नरबलि के आरोपों पर कामाख्या मंदिर की तरफ से जारी हुआ बयान
बता दें कि देश के चर्चित धार्मिक मंदिरों में से एक माता कामाख्या देवी मंदिर इस समय राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी मामले से भी जुड़ा हुआ है. दरअसल, मृतक राजा रघुवंशी के परिजनों ने कामाख्या देवी मंदिर पर आरोप लगाया था कि सोनम ने किसी और के साथ रहने के लिए यहां दर्शन किए और उसके बाद अपने पति की बलि चढ़ा दी, लेकिन नर बलि के लगे आरोपों के बाद अब कामाख्या देवी मंदिर प्रशासन के पुजारी सरू डोलोई हिमाद्रि की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 'राजा रघुवंशी का शव मेघालय में मिला था. मंदिर में ऐसा कोई काम नहीं किया जाता है. हम इस तरह के बयानों की निंदा करते हैं. कामाख्या मंदिर में मानव बलि का कोई रस्म नहीं है. यह मंदिर सदियों से अपने अनुष्ठानों के लिए जाना जाता है.' आपको बता दें कि इससे पहले भी आसपास के जिलों और अन्य राज्यों में जब भी इस तरह की हत्या का मामला सामने आता है. तो मंदिर के ऊपर मानव बलि का मुद्दा उठाया जाता है.
'कोई भी इस मंदिर की छवि को न खराब करे'
कामाख्या देवी मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा कि 'राज्य और केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी बेबुनियाद आरोपों से मंदिर की छवि खराब न करें. इस तरह के आरोपों से मंदिर प्रशासन की भावनाएं आहत होती हैं. यहां हर साल देश और विदेश से लाखों लोग आते हैं. इस तरह के आरोपों से छवि खराब होगी. जिसकी उम्मीद हमें नहीं है. असम सरकार से निवेदन है कि इस मंदिर को लेकर कोई सख्त नियम बनाए ताकि देश के सबसे प्रसिद्ध दैवीय शक्तिपीठों में से एक कामाख्या देवी मंदिर पर कोई भी आरोप न लगे.
क्या है राजा रघुवंशी हत्याकांड का मामला?
बता दें कि इंदौर के रहने वाले राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी की शादी 11 मई को हुई थी. अरेंज मैरिज वाला यह कपल शादी के करीब 9 दिन बाद 20 मई को मेघालय पहुंचे. उसके करीब 3 दिन बाद 23 मई को दोनों ही लापता हो जाते हैं. 2 जून को चेरापूंजी के एक झरने के पास घाटी में राजा रघुवंशी की लाश मिलती है. वहीं पत्नी सोनम लापता हो जाती है. कई दिनों की खोज के बाद सोनम यूपी के गाजीपुर जिले के एक ढाबे पर मिलती है, जहां ढाबा मालिक की सूचना पर यूपी पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती है. सोनम के अलावा उसके 4 अन्य साथियों को भी अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया जाता है. जांच पड़ताल में यह पूरा मामला सुनियोजित हत्याकांड के रूप में सामने आता है. जहां सोनम रघुवंशी अपने पति राजा रघुवंशी को जान-बूझकर और बहला-फुसलाकर मेघालय लाती है और उनकी हत्या कर देती हैं.