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आ गया चीन-पाकिस्तान की पनडुब्बियों का 'काल', भारतीय नौसेना में शामिल होने जा रहा INS Arnala

भारतीय नौसेना में एक और युद्धपोत शामिल होने जा रहा है.'अर्नाला' युद्धपोत 80 प्रतिशत स्वदेशी है. इसे कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने मिलकर लार्सन एंड टुब्रो के साथ बनाया है, यह 77 मीटर लंबा जहाज तटीय रक्षा, खोज- बचाव के अलावा पनडुब्बी रोधी डिजाइन में बनाया गया है. इसका नारा 'अर्णवे शौर्यम' यानी समुद्र का प्रतीक है. यह आत्मनिर्भर भारत के एक पहल का उदाहरण है.

07 Jun, 2025
( Updated: 10 Jun, 2025
10:59 PM )
आ गया चीन-पाकिस्तान की पनडुब्बियों का 'काल', भारतीय नौसेना में शामिल होने जा रहा INS Arnala

भारतीय नौसेना आए दिन अपनी ताकत में लगातार इजाफा करती जा रही है. 18 जून को विशाखापट्टनम नौसेना डॉकयार्ड से एक और युद्धपोत भारतीय नौसेना की टीम में शामिल हो जाएगा. इस युद्धपोत का नाम 'अर्नाला' है. यह पूरी तरीके से रोधी शैलो वाटर क्राफ्ट से बना हुआ है. वहीं विशाखापट्टनम में होने वाले कार्यक्रम की अध्यक्षता चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान करेंगे. वहीं पूर्वी नौसेना के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वॉइस एडमिरल राजेश पेंधारकर मेजबानी करेंगे. इसके अलावा नौसेना के कई बड़े अधिकारी, पूर्व अधिकारी, खास मेहमान, जहाज निर्माणकर्ताओं और कई अन्य एजेंसियों से जुड़े लोग मौजूद होंगे.

कितना ताकतवर है 'अर्नाला' युद्धपोत 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'अर्नाला' युद्धपोत 80 प्रतिशत स्वदेशी है. इसे कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने मिलकर लार्सन एंड टुब्रो के साथ बनाया है, जो 77 मीटर लंबा यह जहाज तटीय रक्षा, खोज- बचाव के अलावा पनडुब्बी रोधी डिजाइन में बनाया गया है. इसका नारा 'अर्णवे शौर्यम' यानी समुद्र का प्रतीक है. यह आत्मनिर्भर भारत के एक पहल का उदाहरण है. 

कई अन्य खासियत भी मौजूद 

बता दें कि यह जहाज 'अर्नाला' 16 ASW-SWC वाली श्रृंखला का युद्धपोत है. यह भारतीय नौसेना के समुद्री ताकत को बढ़ाएगा. इसमें 30 मिलीमीटर की CRN-91 ऑटोमेटिक नेवल गैस से लैस है. इसकी ताकत का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि यह 1 मिनट में साढ़े 500 गोलियां दाग सकता है. इसकी दूरी 4 किलोमीटर तक की है. इसमें 12.7 मिलीमीटर की M2 स्टेबलाइज रिमोट गन का वाटर जेट प्रोपल्शन सिस्टम है. जैसे भारतीय नौसेना का सबसे पावर वाटर जेट बनाता है. यह किसी भी समुद्री-बारूदी हमले से निपटने के लिए तटीय क्षेत्रों में पनडुब्बी रोधी अभियानों के तहत विशेष रूप से बनाया गया है. यह भारत के दुश्मन चीन और पाकिस्तान के लिए सबसे ज्यादा घातक होने वाला है. 

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