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दिल्ली में AC की गैस लीक होने से 4 लोगों की मौत, जानिए एयर कंडीशनर में होती हैं कौन-कौन सी गैसें, और यह कितनी हैं खतरनाक

दक्षिण दिल्ली के दक्षिणपुरी इलाके में शनिवार को हुई चार लोगों की मौत ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर AC (Air Conditioner) में कौन-सी गैस भरी जाती है, जो कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो सकती है.

06 Jul, 2025
( Updated: 06 Jul, 2025
12:15 PM )
दिल्ली में AC की गैस लीक होने से 4 लोगों की मौत, जानिए एयर कंडीशनर में होती हैं कौन-कौन सी गैसें, और यह कितनी हैं खतरनाक

दक्षिण दिल्ली के दक्षिणपुरी इलाके में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें चार युवकों की जान चली गई. पुलिस इस घटना की जांच कर रही है. बता दें कि एक मकान के अंदर एयर कंडीशनर (AC) की मरम्मत कर रहे चार युवक मृत अवस्था में पाए गए. प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि यह हादसा एसी से गैस रिसाव के कारण दम घुटने से हुआ. पुलिस के अनुसार, मृतकों की पहचान इमरान उर्फ सलमान (30), मोहसिन (20), हसीब और कपिल उर्फ अंकित रस्तोगी (18) के रूप में हुई है. चारों युवक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के रहने वाले थे और दिल्ली में रहकर एसी रिपेयरिंग का कार्य करते थे. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और फोरेंसिक टीम द्वारा घटनास्थल की विस्तृत जांच की जा रही है.

AC में कौन-सी गैस होती है और यह कितनी खतरनाक हो सकती है?
यह सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि एसी (Air Conditioner) में कौन-सी गैस भरी जाती है, जो कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो सकती है. आमतौर पर एसी में HFC (Hydrofluorocarbon) गैसें उपयोग की जाती हैं, जिनमें प्रमुख रूप से R-32, R-410A, और पुराने मॉडल्स में R-22 शामिल होती है. ये गैसें कूलिंग के लिए जिम्मेदार होती हैं और सामान्य परिस्थितियों में सीधे तौर पर अत्यधिक ज़हरीली नहीं मानी जातीं. हालांकि, यदि ये गैसें बंद कमरे में अधिक मात्रा में लीक हो जाएं, तो यह हवा में मौजूद ऑक्सीजन की जगह ले लेती हैं. इससे कमरे में ऑक्सीजन का स्तर खतरनाक रूप से गिर सकता है, जिससे दम घुटने जैसी स्थिति पैदा हो जाती है, जो जानलेवा भी हो सकती है. इसी कारण, AC रिपेयरिंग या गैस रिफिलिंग जैसे काम करते समय अगर पर्याप्त वेंटिलेशन न हो, तो यह स्थिति बेहद खतरनाक साबित हो सकती है. इस तरह की घटनाएं आमतौर पर गैस रिसाव और खराब सुरक्षा उपायों के चलते होती हैं.

हादसे का कैसे चला पता?
हादसे का खुलासा तब हुआ जब मृतकों में से दो के चचेरे भाई जिशान ने कई बार कॉल किया, लेकिन जवाब नहीं मिला. संदेह होने पर उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी. जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो पाया कि मकान अंदर से बंद था. दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश करने पर पहली मंजिल पर चारों युवक बेसुध अवस्था में पड़े मिले. उन्हें तुरंत डॉ. आंबेडकर अस्पताल ले जाया गया, जहां तीन युवकों को मृत घोषित कर दिया गया. चौथे युवक, हसीब, ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. इसके बाद सभी शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए सफदरजंग और एम्स ट्रॉमा सेंटर भेजा गया.
पुलिस ने बताया, “कमरे में न तो हवा आने-जाने की पर्याप्त व्यवस्था थी और न ही वेंटिलेशन. चारों के आसपास एसी मरम्मत का सामान और गैस सिलेंडर पड़ा था, जिससे लगता है कि गैस लीक हो गई और दम घुटने से उनकी जान चली गई.” हालांकि, सही कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही साफ होगा.

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