Advertisement

निरहुआ ने ठाकरे ब्रदर्स को बताया 'तारा सितारा' की जोड़ी, चैलेंज देते हुए कहा- दम है तो मुझे महाराष्ट्र से बाहर करके दिखाएं

भोजपुरी फिल्म के सुपरस्टार और आजमगढ़ के पूर्व भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद पर बड़ा बयान दिया है. निरहुआ ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे पर जमकर हमला बोला है. निरहुआ ने इन दोनों नेताओं को 'तारा-सितारा' बताते हुए चुनौती दी कि वे गरीबों की बजाय किसी बड़े से उलझकर दिखाएं. निरहुआ ने कहा कि अगर दम है तो मुझे महाराष्ट्र से बाहर करके दिखाएं.

09 Jul, 2025
( Updated: 10 Jul, 2025
12:53 PM )
निरहुआ ने ठाकरे ब्रदर्स को बताया 'तारा सितारा' की जोड़ी, चैलेंज देते हुए कहा- दम है तो मुझे महाराष्ट्र से बाहर करके दिखाएं

महाराष्ट्र में थ्री लैंग्वेज पॉलिसी पर मचे सियासी घमासान के बीच इस विवाद की शुरुआत तब हुई, जब राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के समर्थकों ने मराठी नहीं बोलने पर एक दुकानदार की पिटाई कर दी. राज ठाकरे का भी एक बयान आया था कि मारो लेकिन वीडियो मत बनाओ.अब ये भाषा विवाद राजनीतिक रूप ले चुका है.

गरीब के बजाए किसी बड़े शख्सियत से उलझ कर दिखाएं ठाकरे ब्रदर्स 

निरहुआ ने मीडिया से बातचीत के दौरान महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह जरूरी नहीं कि महाराष्ट्र में रहने वाला हर व्यक्ति मराठी बोले. जो भी व्यक्ति अपना प्रदेश छोड़कर महाराष्ट्र के किसी शहर में रोजी-रोटी कमाने गया है, वह गरीब और मजबूर है."

निरहुआ ने राज और उद्धव ठाकरे को निशाने पर लेते हुए कहा, ये दोनों भाई उन गरीब और मजलूमों पर अपनी ताकत दिखा रहे हैं. इनके इस काम का सभी को जमकर विरोध करना चाहिए. उन्होंने ठाकरे बंधुओं को 'तारा-सितारा' कहते हुए चुनौती दी कि अगर उन्हें किसी को निशाना बनाना ही है, तो वे गरीबों की बजाय किसी बड़े शख्सियत से उलझकर दिखाएं.

ठाकरे भाइयों की राजनीतिक जमीन खत्म 

भोजपुरी सुपरस्टार ने निरहुआ ने कहा कि "राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की राजनीतिक जमीन खत्म हो चुकी है. इनके पास न कोई सांसद है, न कोई विधायक. महाराष्ट्र में निकाय चुनाव आने वाले हैं, इसी कारण ये लोग अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने के लिए भाषा विवाद खड़ा कर रहे हैं. इन 'बेरोजगार' नेताओं के पास राज्यसभा की एक भी सीट नहीं है और इनका राजनीतिक करियर 'जीरो' हो चुका है, बावजूद इसके ये देश के अन्य हिस्सों से आने वाले हिंदी भाषियों पर हमला करके गंदी राजनीति कर रहे हैं."

बता दें कि निरहुआ ने 2008 के भाषा विवाद का भी जिक्र किया और कहा कि उस समय भी उन्होंने चुनौती दी थी कि उनसे इस मुद्दे पर भिड़कर दिखाएं, जबकि तब उनका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं था. 

Tags

Advertisement
LIVE
Advertisement
जब Modi सत्ता में आए तो अरब देशों से भारत के रिश्ते बिगड़ने का डर था ? Lalit Mishra
Advertisement
Advertisement