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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में टेंशन ! RJD का दावा वो हैं सबसे बड़ी पार्टी

बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए में तो सबकुछ फ़िलहाल ठीक दिखाई दे रहा है लेकिन इंडिया महागठबंधन में इन दिनों हलचल का माहौल है। चुनाव से पहले गठबंधन में टेंशन का दौर शुरू हो चुका है। एक बार फिर कांग्रेस और आरजेडी आमने-सामने हो गए है।

09 Apr, 2025
( Updated: 09 Apr, 2025
10:12 PM )
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में टेंशन ! RJD का दावा वो हैं सबसे बड़ी पार्टी
बिहार में विधानसभा का चुनाव इसी साल के अक्टूबर-नवंबर के महीने में होना है। इसको लेकर सियासी पार्टियां ज़ोर लगाए हुए है। विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ NDA का सीधा मुकाबला विपक्ष की इंडिया महागठबंधन से होना है। इन दोनों गठबंधन में शामिल दलों ने अपनी-अपनी रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है। इस बीच सत्तारूढ़ एनडीए में तो सबकुछ फ़िलहाल ठीक दिखाई दे रहा है लेकिन इंडिया महागठबंधन में इन दिनों हलचल का माहौल है। चुनाव से पहले गठबंधन में टेंशन का दौर शुरू हो चुका है। एक बार फिर कांग्रेस और आरजेडी आमने-सामने हो गए है। कांग्रेस चुनाव से पहले पार्टी को राज्य में मजबूत करने के लिए हर रोज नए-नए कदम उठा रही है। वही दूसरे तरफ मंच से आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने लोगों से खुद को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने की अपील की। 


क्यों शुरू हाई तकरार 

दरअसल, चुनाव में भले ही कई महीनों का समय बचा हो लेकिन महगठबंधन में शामिल दलों ने नीतीश कुमार की सत्ता से हटाने के लिए एक साथ चुनाव लड़ने का मन तो बन लिया लेकिन जैसे-जैसे दिन और महीने बीतते जा रहे है वैसे-वैसे इंडिया गठबंधन में तकरार की स्थिति बनती जा रही है। इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने इस बात का ऐलान कर रखा है कि पार्टी चुनाव गठबंधन के तहत लड़ेगी लेकिन ये राजनीति है यहां स्थिति और परिस्थिति कब बदल जाए कहा नही जा सकता। ऐसे ही कुछ होने की संभावना इंडिया गठबंधन में दिख रही है। एक तरफ कांग्रेस चुनाव से पहले राज्य में पार्टी की जमीनी पकड़ को मजबूत बनाने के लिए हर दिन नए प्रयोग कर रही है। पार्टी के बड़े नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी दो महीने में बिहार का तीन बार दौरा कर चुके है। पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बदलने से लेकर नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति भी कर डाली है। इतना ही नहीं दिल्ली में भी पार्टी नेतृत्व के साथ लगातार मीटिंग का दौर चल रही है। ये सारी बातों ने जब संकेत दिया की चुनाव के नजदीक आते कहीं कांग्रेस कोई बड़ा शर्त न रख दें तो मौक़े की नज़ाकत को देखते हुए आरजेडी भी अब खुलकर सामने आने लगी है। पार्टी का दावा है की बिहार में सबसे मजबूत स्थिति में आरजेडी है। इस लिहाज से इंडिया गठबंधन के तरफ से ड्राइविंग सीट पर तेजस्वी यादव है। 


तेजस्वी का मंच से बड़ा ऐलान 

बिहार में चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया आरजेडी नेता तेजस्वी यादव द्वारा मंगलवार को दिए एक बयान में। मंच से दिए अपने संबोधन में तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार की तुलना 20 साल पुरानी कार से करते हुए इसे बदलने की जरूरत बताई। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से खुद को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने की अपील कर डाली। उन्होंने कहा ‘राजद के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार बनने के बाद मुसहर-भुइयां समुदाय के उन सभी लोगों को लाभ होगा जो अभी सड़क किनारे, रैन बसेरों या झुग्गियों में रह रहे हैं और आपके आशीर्वाद से मैं मुख्यमंत्री बनूंगा।" मतलब यह है कि तेजस्वी ने कांग्रेस या इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य दलों की सहमति के बिना है आरजेडी को गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका और ख़ुद को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया है।  इसके अलवा आरजेडी के नेता मृत्युंजय तिवारी का यह मानना है कि आरजेडी की राजनीतिक जमीन बिहार में मजबूत है वो सिर्फ़ बिहार में चुनाव लड़ती है जबकि गठबंधन में शामिल कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है जो पूरे देश में चुनाव लड़ती है। इसलिए आरजेडी इस चुनाव में बड़े भाई की भूमिका में है। उन्होंने कहा पिछली बार कुछ सीटों से चूक नहीं थे नहीं तो पिछली बार ही महगठबंधन की सरकार बन जाती और तेजस्वी मुख्यमंत्री होते। 


कांग्रेस ने दिया दो टूक जवाब

वही आरजेडी द्वारा इस तरह के किए गए दावे पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। बिहार में कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने जिस तरह की प्रतिक्रिया दी है। उसमें एक संकेत भी छिपा है। उन्होंने दावा किया की कांग्रेस की तैयारी बिहार की सभी 243 विधानसभा सीट पर है। हालाँकि उन्होंने आगे इन बातों को थोड़ा संभालते हुए कहा गठबंधन में शामिल हर दल सभी सीटों पर तैयारी करता है। ताकि सहयोगी दल एक-दूसरे की चुनाव में मदद कर सकें। इसलिए चुनिंदा सीटों पर तैयारी करना मुश्किल होता है। 


गौरतलब कि राहुल गांधी ने अब तक बिहार का तीन बार दौरा कर लिया है। इसके साथ ही पार्टी ने दलित वर्ग से आने वाले राजेश कुमार की प्रदेश अध्यक्ष बनाया, युवा नेता कन्हैया कुमार को आगे किया। जो पलायन रोको-नौकरी दो यात्रा कर रहे है। जिसमें राहुल गांधी ख़ुद शामिल हुए थे हालाँकि कांग्रेस ने उन्हें गठबंधन का चेहरा मनाने से इनकार कर दिया। अब देखना होगा की यह आपसी तकरार कहा तक जाती है। 

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