'PM मोदी मजबूत नेता लेकिन...', मनीष कश्यप ने धांसू इंटरव्यू में CM नीतीश से लेकर चिराग-तेजस्वी तक पर रखी अपनी राय, बताई भविष्य की रणनीति
बिहार के फेमस यूट्यूबर और हाल में ही बीजेपी से इस्तीफा देने वाले मनीष कश्यप ने NMF News को दिए Exclusive Interview में बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बिहार में सत्ता परिवर्तन की भविष्यवाणी के साथ-साथ पीएम मोदी, सीजफायर का 4 दिन के अंदर ऐलान, बिहार में डोमिसाइल नीति और पटना के PMCH में हुई हाथापाई पर भी बिना लागलपेट के बात की है.

बिहार के फेमस यूट्यूबर और सोशल मीडिया पर्सनालिटियों में से एक मनीष कश्यप हाल की कई घटनाओं को लेकर इन दिनों चर्चाओं में बने हुए हैं. पहले PMCH में उनके साथ हुई हाथापाई का मामला और फिर BJP से इस्तीफे का ऐलान...अब मनीष कश्यप को लेकर तमाम तरह के कयास लग रहे हैं कि उनका आगे का प्लान क्या होगा?
‘मैं दावे के साथ कहता हूं-इस बार बिहार में सत्ता परिवर्तन होगा’
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ी भविष्यवाणी करते हुए मनीष कश्यप ने कहा कि ‘मैं दावे के साथ कहता हूं कि इस बार बिहार में सत्ता परिवर्तन होगा’. कश्यप के इस बयान ने पहले से ही रिकॉर्ड तोड़ रही गर्मी में बिहार का सियासी पारा और हाई कर दिया है. बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सामने आई मनीष कश्यप की इस प्रतिक्रिया को देख बिहार की जनता भी हैरान है.
जरा सोचिए, वो मनीष कश्यप जिनकी बीजेपी में ज्वाइनिंग ख़ुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कराई थी, वो कुछ ही महीनों में बीजेपी में उपेक्षित महसूस करने लगे और जल्द ही दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी से उनका मोह भंग हो गया. इसी से आहत होकर उन्होंने अब अकेले ही चुनावी दंगल में बिगुल फूंकने का मन बना लिया है.
मनीष कश्यप ने आरोप लगाते हुए कहा कि जो पार्टी अपने कार्यकर्ताओं की नहीं सुनती, उनकी परवाह नहीं करती, वो आम जनता की क्या सुनेगी. PMCH विवाद के बाद BJP नेताओं से समर्थन ना मिलने से नाराज़ मनीष ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है. हाल के घटनाक्रम को लेकर NMF News ने मनीष कश्यप से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखी. पढ़िए इस बातचीत के मुख्य अंश.
सवाल- आपने कहा मजबूर होकर बीजेपी से इस्तीफा दिया? कौन आपको मजबूर कर रहा है?
जवाब- PMCH में मेरे साथ जो कुछ भी हुआ, किसी नेता ने आवाज़ नहीं उठाई. इससे PMCH वालों का मनोबल और बढ़ा, हाल ही में एक 9 साल की बच्ची सिस्टम की भेंट चढ़ गई. मेरे साथ जो हुआ मैंने बर्दाश्त कर लिया, लेकिन बार-बार अगर बिहार की जनता सिस्टम की भेंट चढ़ेगी और कोई सुनने वाला नहीं होगा तो फिर मेरा उस पार्टी में बने रहने का कोई मतलब नहीं है, जहां के नेता गूंगे और अंधे हो गये हों.
सवाल - जेपी नड्डा ने आपकी एंट्री कराई थी, लेकिन एग्जिट बहुत चुपचाप हुआ, आपने उनसे बात करने की कोशिश नहीं की?
जवाब- एग्जिट चुपचाप नहीं हुआ है, बिहार की जनता को बताकर हुआ है. मैंने किसी नेता से नहीं पूछा, लेकिन हां अपने ख़ास लोगों से पूछकर मैंने इस्तीफ़ा दिया है.
सवाल- ‘हमें तो अपनों ने लूटा ग़ैरों में कहां दम था’? जिस बीजेपी के साथ आप गए थे कि सिस्टम को बदलूंगा, फिर इतनी जल्दी उससे मोह भंग कैसे हो गया?
जवाब- सारे बीजेपी वाले ग़लत नहीं हैं, वो एक अच्छी पार्टी है, इसीलिए मैं उसमें शामिल हुआ था, सभी लोग बुरे नहीं हो सकते हैं. कई ऐसे नेता हैं जो लाठी खाकर भी अपनी पार्टी को मज़बूत करते हैं. दरभंगा में तो ज़िलाध्यक्ष तक को लातों से पीटा गया, लेकिन पार्टी के नेताओं का फ़र्ज़ बनता है कि वो अपने कार्यकर्ताओं का सुख-दुख, हर हालातों में साथ दें. आप एक बात मान लीजिए बिहार में जो चुनाव होने वाले हैं उसमें नए लोग आएंगे, ये सरकार सत्ता से जाएगी. 50 बार मोदी जी बिहार गये हैं, कभी उनकी रैली में ख़ाली कुर्सी नहीं दिखी, लेकिन इस बार देखने को मिलीं. अब बस बहुत हुआ, अब हद हो गई है. अब कुछ बड़ा होगा बिहार में.
सवाल- आप चुनाव लड़ रहे हैं इस बार?
जवाब- एकदम लड़ रहे हैं. ताल ठोक के लड़ रहे हैं.
सवाल - क्या इस बार अकेले चुनाव लड़ेंगे?
जवाब- अकेले कैसे लड़ेंगे? बिहार के लोगों के साथ लड़ेंगे.
सवाल- क्या आपको उम्मीद है कि आपको किसी पार्टी का समर्थन मिलेगा?
जवाब- बिलकुल मिलेगा, एकदम मिलेगा किसी अच्छी पार्टी का समर्थन मिलेगा. जब मोदी जी PDP के साथ गठबंधन कर सकते हैं. नीतीश जी के साथ कितनी बार अलटा-पलटी हो चुकी है. हम अच्छे लोगों के साथ मिलकर बिहार को बदलेंगे.
सवाल- मोदी से नाराज़गी है या बिहार के बाक़ी नेताओं से?
जवाब- मोदी जी से नाराज़गी नहीं है, बिहार के नेता उन तक बात पहुंचने ही नहीं देते हैं.
सवाल- फिर से जनता का भरोसा कैसे जीतेंगे? पहले वाली बात और चमक आ पाएगी?
जवाब - बिहार का रास्ता अगर चुनावी गलियों से होकर गुजरता है तो बच्चे बच्चे को राजनीति में आना चाहिए. मनीष कश्यप जैसे लोग भी इसीलिए राजनीति में आए हैं, लेकिन हमें रास्ते में रोक लिया जाता है, हम भरोसा कर लेते हैं लेकिन बदले में हमें धोखा मिलता है. PMCH में जो मेरे साथ हुआ, मुझे बिहार में बहुत लोग जानते हैं, मेरे साथ नहीं खड़े हुए ये लोग, तो फिर आम जनता के साथ क्या खड़े होंगे? बिहार की जनता सब देख रही है. बिहार की जनता को समझना होगा कि हम हर चीज में पीछे हैं.
सवाल- बीजेपी में शामिल होने का पछतावा है?
जवाब- एकदम पछतावा है, मैं एक गरीब परिवार का लड़का, मेरे साथ इन लोगों ने धोखा किया. अगर मोदी जी की मां का सम्मान है, अगर मनोज तिवारी जी की मां का सम्मान है तो एक मनीष कश्यप की माता का भी सम्मान होना चाहिए. मेरी माता जी को मां-मां बोल बोलकर मुझे पार्टी में शामिल कराया और फिर विश्वासघात किया. दशरथ मांझी की तरह हर उस पहाड़ को तोड़ दूंगा जो मेरे आड़े आएगा. मैं अपना दर्द भूल जाऊंगा लेकिन एक बिहारी अपना दर्द नहीं भूलेगा और इस बिहारी के दर्द में आप लोग उड़ जाओगे.
सवाल- मनोज तिवारी से आपकी बात हुई? आप तो उन्हें अपना बड़ा भाई मानते हैं ना?
जवाब- उनसे कोई बात नहीं हुई, वो मेरे जैसे और लोगों में आजकल व्यस्त हैं. फ़ोन पर बस एक बार बात हुई जब मैं अस्पताल से डिस्चार्ज होकर बाहर आया था. मनोज भैया ने सिखा दिया कि राजनीति गंदा खेल है.
सवाल- क्या भविष्य की रणनीति को लेकर मनीष कश्यप अभी कंफ्यूज हैं?
जवाब- नहीं, ना मैं आज कंफ्यूज हूं और ना ही मैं पहले कंफ्यूज था. मेरा फ़ैसला ठीक था बस मुझे ग़लत लोग मिले, मेरे साथ जो धोखा हुआ, मेरे साथ जिस तरह से विश्वासघात हुआ उसने मुझे सोचने पर मजबूर किया कि मेरा फ़ैसला ग़लत था.
रैपिड फायर राउंड
रैपिड फायर राउंड में मनीष कश्यप ने हर सवाल का पूरी बेबाकी और हाजिर जवाबी के साथ उत्तर दिया
पहले सवाल में मनीष कश्यप को कुछ नेताओं के नाम दिए, जिनके बारे में उन्हें सिर्फ एक शब्द या एक वाक्य में अपनी राय रखनी थी.
PM मोदी!
मनीष कश्यप का जवाब: मोदी जी मजबूत और अच्छे नेता हैं, लेकिन सीजफायर नहीं करना चाहिए था, कम से कम 30 दिन तक पाकिस्तान से लड़ना चाहिए था.
नीतीश कुमार!
मनीष कश्यप का जवाब: बेदाग छवि के इमानदार नेता हैं, लेकिन उन्हें आज से पांच साल पहले कुर्सी छोड़ देनी चाहिए थी.
चिराग पासवान!
मनीष कश्यप का जवाब: जब पासवान लोगों को पीटा गया था तो उन्हें PMCH जाना चाहिए था.
तेजस्वी यादव!
मनीष कश्यप का जवाब: लालू जी के पुत्र हैं, ये उनकी सबसे बड़ी पहचान और उपलब्धि यही है.
प्रशांत किशोर!
मनीष कश्यप का जवाब: बड़े-बड़े देशों में काम किए हैं, मोदी जी के साथ काम किए हैं, अनेकों मुख्यमंत्री बनाए हैं. एक मुख्यमंत्री के लेवल के व्यक्ति हैं, उससे भी एक लेवल के व्यक्ति है, वो बहुत मेहनत कर रहे हैं, उन्हें उसका श्रेय मिलना चाहिए.
मनोज तिवारी!
मनीष कश्यप का जवाब: …गाना गाएं, बहुत अच्छा गाना गाते हैं.
इसके अलावा, रैपिड फायर राउंड में मनीष कश्यप ने और भी कई महत्वपूर्ण सवालों का दो टूक जवाब दिया.
सवाल- बीजेपी में जाने के बाद मनीष कश्यप की राजनीति कैसे बदली?
जवाब- बीजेपी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है. बहुत कम समय में मुझे कुछ नेताओं ने सिखा दिया कि असली राजनीति क्या और कैसे होती है.
सवाल- आपने सिविल इंजीनियरिंग की है, इंजीनियरिंग और राजनीति में क्या कठिन है?
जवाब- मध्यम वर्गीय और गरीब परिवार के लोग दिल से ज्यादा और दिमाग से कम सोचते हैं, इसलिए राजनीति इंजीनियरंगि की तुलना में कहीं ज्यादा टफ़ है.
सवाल- कुछ लोग मनीष कश्यप को नायक मानते हैं, जबकि कुछ विवादित यूट्यूबर, आप खुद को कैसे देखते हैं?
जवाब- अन्याय और भ्रष्टाचारियों के लिए मनीष कश्यप खलनायक है, गरीबों और आम लोगों के लिए मैं नायक हूं.
सवाल- डोमिसाइल नीति को लेकर छात्रों के प्रदर्शन के मामले पर मनीष कश्यप गायब क्यों नजर आते हैं?
जवाब- नहीं...नहीं! एक दम आवाज उठाऊंगा. बिहार में डोमिसाइल नीति लागू हो. पूरे देश में लागू है तो बिहार में क्यों नहीं? छात्र ढूंढें, जहां खोजेंगे मनीष कश्यप वहां हाजिर रहेगा. डोमिसाइल नीति के नहीं होने की वजह से बिहारियों की हकमारी हो रही है.
कुल मिलाकर मनीष कश्यप इस इंटरव्यू में कभी पूरे गुस्से में नज़र आए तो कभी उनकी आंखें आंसुओं से नम होती दिखाई दीं. अब देखने वाली बात होगी कि बिहार की जनता एक बार फिर मनीष कश्यप पर उसी तरह से भरोसा दिखा पाती है जैसे पहले दिखाया था या नहीं.