अयोध्या राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की द्वितीय वर्षगांठ, गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी ने दिया संदेश
सीएम योगी ने कहा कि हमारी तीन पीढ़ियों की साधना और संघर्ष, पूज्य साधु-संत गण के आशीर्वाद और 140 करोड़ देशवासियों के विश्वास की परिणति है कि आज हम इस पावन पल के साक्षी बन रहे हैं.
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अयोध्या के भव्य राम मंदिर की बुधवार को दूसरी वर्षगांठ मनाई जा रही है. इस खास मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश व प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं.
अमित शाह बोले-500 वर्षों की प्रतीक्षा हुई पूर्ण
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "शुभ तिथि पर दो वर्ष पूर्व 500 वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त हुई और मोदी जी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की. प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं."
उन्होंने आगे लिखा, "प्रभु श्रीराम के आदर्शों और जीवन मूल्यों की पुनर्स्थापना का प्रतीक यह मंदिर धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष, सांस्कृतिक स्वाभिमान के लिए त्याग व विरासतों के संरक्षण के लिए बलिदान की अप्रतिम प्रेरणा बना रहेगा. इस पवित्र अवसर पर श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के सभी बलिदानियों को नमन करता हूं."
योगी आदित्यनाथ-"वेदना को विराम, संघर्ष को पूर्णता"
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "भारत की चेतना के उत्कर्ष की साक्षी बन रही अयोध्या नगरी में आज प्रभु श्री रामलला के नूतन विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा की द्वितीय वर्षगांठ का पावन दिन है. श्री राम जन्मभूमि मंदिर में श्री रामलला का विराजमान होना प्रतीक है कि सदियों के संघर्ष को समाप्ति मिली और वेदना को विराम मिला."
सीएम योगी ने कहा कि हमारी तीन पीढ़ियों की साधना और संघर्ष, पूज्य साधु-संत गण के आशीर्वाद और 140 करोड़ देशवासियों के विश्वास की परिणति है कि आज हम इस पावन पल के साक्षी बन रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि आज प्रत्येक रामभक्त के हृदय में संतोष है.
"सांस्कृतिक पुनरुत्थान का स्वर्णिम काल"
इस मौके पर भाजपा सांसद संजय सेठ ने कहा कि यह सांस्कृतिक पुनरुत्थान का स्वर्णिम काल है. उन्होंने लिखा, "आज श्री रामलला की दिव्य और भव्य प्राण प्रतिष्ठा की द्वितीय वर्षगांठ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दृढ़ संकल्प और नेतृत्व में, 5 अगस्त 2020 के ऐतिहासिक भूमि पूजन से लेकर 22 जनवरी 2024 के उस अविस्मरणीय दिन तक का यह सफर, आधुनिक भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान का जीवंत प्रतीक बन गया है."
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संजय सेठ ने अपील की कि इस पावन अवसर पर हम सभी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के आदर्शों को जीवन में उतारने और विकसित भारत के निर्माण का संकल्प लें.
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