पहलगाम हमले पर इमरान मसूद की पीएम मोदी से अपील, कहा- पाकिस्तान को टुकड़ों में बांटने का सपना पूरा करें
इमरान मसूद ने मीडिया से बात करते हुए पहलगाम हमले को लेकर कहा कि हमला तो हो चुका है. पहलगाम हमले के बाद पूरा देश देख रहा है कि सरकार क्या एक्शन लेगी. हम उम्मीद करते हैं कि तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी की तरह ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए जिसके दीर्घकालिक परिणाम हों.

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद ने बुधवार को पहलगाम हमले के बाद सरकार की कार्रवाई और जाति जनगणना को लेकर बयान दिया है.
पहलगाम हमले पर बोले कांग्रेस नेता इमरान मसूद
इमरान मसूद ने मीडिया से बात करते हुए पहलगाम हमले को लेकर कहा कि हमला तो हो चुका है. पहलगाम हमले के बाद पूरा देश देख रहा है कि सरकार क्या एक्शन लेगी. हम उम्मीद करते हैं कि तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी की तरह ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए जिसके दीर्घकालिक परिणाम हों.
पूरा देश सरकार के साथ खड़ा है : इमरान मसूद
कांग्रेस सांसद ने कहा कि दिवंगत इंदिरा गांधी ने जब पाकिस्तान से बदला लिया था तो पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांट दिया था. आज देश चाहता है कि कुछ ऐसा हो जिसके दीर्घकालिक परिणाम दिखाई दें. आज हमें इंदिरा गांधी जैसी हिम्मत और हौंसला दिखाना होगा. पूरा देश सरकार के साथ खड़ा है, फैसला सरकार को करना है.
इमरान मसूद ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए हम सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. पूरा देश एक साथ सरकार के साथ खड़ा है. फैसला सरकार को करना है.
पाकिस्तान को टुकड़ों में बांटें पीएम मोदी
केंद्र सरकार के जाति जनगणना कराने के फैसले पर इमरान मसूद ने कहा कि यह राहुल गांधी के विचार की जीत है. उन्होंने कहा कि अभी सबसे बड़ा सवाल आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई है. पाकिस्तान को टुकड़ों में बांटने का हमारा सपना है, पीएम मोदी उसे पूरा करें.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में जाति जनगणना को मंजूरी दे दी गई. सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया है. 1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं हुई. जाति जनगणना की जगह कांग्रेस ने जाति सर्वे कराया, यूपीए सरकार में कई राज्यों ने राजनीतिक दृष्टि से जाति सर्वे किया है.
उन्होंने कहा कि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आश्वासन दिया था कि जाति जनगणना पर कैबिनेट में विचार किया जाएगा. तत्पश्चात एक मंत्रिमंडल समूह का भी गठन किया गया था, जिसमें अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति आधारित जनगणना की संस्तुति की थी. इसके बावजूद कांग्रेस की सरकार ने जाति जनगणना के बजाय, एक सर्वे कराना ही उचित समझा, जिसे सीईसीसी के नाम से जाना जाता है.
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. हमले में 20 से अधिक लोग भी घायल हुए थे.