Advertisement

अवॉर्ड, मेडल, VIP ट्रीटमेंट…23 साल तक सेना की कैप्टन बनकर उठाती रही फायदा, फर्जी आर्मी अफसर रुचिका का पर्दाफाश

महाराष्ट्र के संभाजीनगर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक महिला खुद को भारतीय सेना का कैप्टन बताकर 23 साल तक फर्जीवाड़ा करती रही. इस दौरान उसने खूब सोशल और फाइनेंशियल फायदे उठाए.

13 Sep, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
07:46 PM )
अवॉर्ड, मेडल, VIP ट्रीटमेंट…23 साल तक सेना की कैप्टन बनकर उठाती रही फायदा, फर्जी आर्मी अफसर रुचिका का पर्दाफाश

एक महिला जिसे आते-जाते लोग सलाम ठोकते थे, जो समाज में सम्मानित शख्सियत मानी गई, बड़े-बड़े संस्थानों में उसे बतौर चीफ गेस्ट इन्वाइट किया जाता. रुतबा, इज्जत, दौलत, शोहरत उसे सब कुछ मिला और ये सब कुछ हासिल किया उसने अपनी वर्दी के दम पर. वो वर्दी थी भारतीय सेना के कैप्टन की, लेकिन 23 साल बाद खुलासा होता है कि महिला, उसकी वर्दी और सेना में उसका पद, सब कुछ झूठ और फर्जी था. 

महाराष्ट्र के संभाजीनगर से ऐसी ही एक फर्जी महिला आर्मी ऑफिसर का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जो 23 साल तक खुद को भारतीय सेना का कैप्टन बताकर फर्जीवाड़ा करती रही. महिला की पहचान रुचिका अजीत जैन के नाम से हुई है. वह दौलताबाद के धरमपुर की रहने वाली वाली है. 

23 साल तक कैसे खेलती रही आर्मी कैप्टन का खेल? 

नकली आर्मी कैप्टन बनकर मेडल, सलामी, दौलत और इज्जत पाने वाली रुचिका जैन नकली-नकली के खेल को असली तरीके से अंजाम देती थी. झूठी आर्मी अफसर बनकर रुचिका ने फुल VIP ट्रीटमेंट लिया, वाहवाही बटोरी और सामाजिक संगठनों की ओर से सम्मानित भी की गई. जांच में सामने आया कि, रुचिका जैन के रहने का तरीका, लाइफस्टाइल, बॉडी लैंग्वेज बेहद प्रभावशाली थी. जिससे हर कोई उसे असली आर्मी अफसर मान लेता था. उसने समाज में गहरी पैठ जमा ली थी, जिससे शक की कोई गुंजाइश ही नहीं होती थी. 

पुलिस को छापेमारी में क्या-क्या मिला? 

इस नकली आर्मी कैप्टन के घर पर जब पुलिस ने छापेमारी की तो आर्मी कैप्टन के गेटअप का सारा सामान मिला. इसमें सेना की वर्दियां, नेमप्लेट, नकली आईडी कार्ड, मेडल, सैनिकों की फोटो और कुछ सर्टिफिकेट मिले. जबकि रुचिका जैन का सेना से कोई नाता नहीं है. उसने न तो कोई मिलिट्री ट्रेनिंग ली और न ही कभी सेना जॉइन की. 

आर्मी एकेडमी में गेस्ट बनकर जाती थी रुचिका 

जांच में सामने आया कि, रूचिका छात्रों को सेना में भर्ती होने के लिए मोटिवेट भी करती थी. वह कई डिफेंस कोचिंग में बतौर गेस्ट लेक्चर देती थीं. पुलिस के मुताबिक, रुचिका ने सेना की वर्दी पहनकर कई नेशनल इवेंट में भी शिरकत की थी. वो खुद को पैराशूट रेजिमेंट की इंटेलिजेंस अधिकारी बताती थी. 

फिलहाल दौलताबाद पुलिस ने फर्जी आर्मी ऑफिसर रुचिका जैन को अरेस्ट कर जांच तेज कर दी है. आरोपी महिला पर भारतीय सेना की वर्दी और सिंबल का दुरुपयोग करने और फर्जी अधिकारी बनकर झूठी पहचान बनाने के आरोप में धारा 168 BNS के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस और जांच एजेंसी ये भी पता लगा रही हैं कि कहीं महिला का कनेक्शन किसी संगठन से तो नहीं है जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है. 

सवाल उठता है कि एक महिला झूठी आर्मी अफसर बनकर 23 साल तक सिस्टम को चकमा देती रही और किसी को भनक तक नहीं लगी. वह फाइनेंशियल और सोशल फायदे उठाती रही. देश की जिस आर्मी पर देशवासियों को सबसे ज्यादा भरोसा है लेकिन जब ठग उसी भरोसे को लूटने लगें तो ये सिर्फ धोखा नहीं कहीं न कहीं सिस्टन की नाकामी को उजागर करता है. 

यह भी पढ़ें

 

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें