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मिल्कीपुर सीट हारने के बाद अखिलेश यादव ने दिए संकेत, साल 2027 में किस रणनीति के साथ चुनाव लड़ेगी सपा

उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर सीट पर समाजवादी पार्टी की हार के बाद क़यास इस बात के लगाए जा रहे थे कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव अपनी रणनीति बदलेंगे लेकिन सपा प्रमुख के एक पोस्ट ने इस बात के संते दे दिया है की उनका अगला क़दम क्या होने वाला है।

09 Feb, 2025
( Updated: 09 Feb, 2025
09:50 AM )
मिल्कीपुर सीट हारने के बाद अखिलेश यादव ने दिए संकेत, साल 2027 में किस रणनीति के साथ चुनाव लड़ेगी सपा
उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजों पर सभी दलों की निगाहें टिकी हुई थी क्योंकि यह सिर्फ एक विधानसभा का चुनाव नहीं बल्कि यह सीट सूबे के मुखिया योगी आदित्यानाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई थी। जिसमें योगी आदित्यानाथ के नेतृत्व को सफलता मिली। यहां से बीजेपी के उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान 61,710 वोट से जीतने में सफल हुए। इन्हें  कुल 1,46,397 वोट मिले, उन्हें 60.17 फीसदी वोट मिले जबकि दूसरे नंबर सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद को 34 फीसदी के करीब वोट मिला। इस नतीजे के बाद भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस बात कर संकेत दे दिया है कि साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी रणनीति बदलने को मुड में नहीं है। 


अखिलेश यादव ने साफ किया अपना रूख  

दरअसल, अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट के नतीजे सामने आने के बाद अपने सोशल मीडिया के एक्स पर लिखा 'पीडीए की बढ़ती शक्ति का सामना भाजपा वोट के बल पर नहीं कर सकती है, इसीलिए वो चुनावी तंत्र का दुरुपयोग करके जीतने की कोशिश करती है।' इसी पोस्ट में उन्होंने आगे लिखा, 'ऐसी चुनावी धांधली करने के लिए जिस स्तर पर अधिकारियों की हेराफेरी करनी होती है, वो 1 विधानसभा में तो भले किसी तरह संभव है, लेकिन 403 विधानसभाओं में ये ‘चार सौ बीसी’ नहीं चलेगी। इस बात को भाजपावाले भी जानते हैं, इसीलिए भाजपाइयों ने मिल्कीपुर का उपचुनाव टाला था।' अखिलेश यादव ने अपने रूख और आगे को रणनीति को स्पष्ट करते हुए लिखा 'पीडीए मतलब 90% जनता ने खुद अपनी आँखों से ये धांधली देखी है। ये झूठी जीत है, जिसका जश्न भाजपाई कभी भी आईने में अपनी आँखों-में-आँखें डालकर नहीं मना पाएंगे। लोकसभा चुनावों में अयोध्या में हुई पीडीए की सच्ची जीत, उनके मिल्कीपुर के विधानसभा की झूठी जीत पर कई गुना भारी है और हमेशा रहेगी।'


गौरतलब है लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी के 9 विधानसभा सीट पर विधायकों के सांसद बनाने और एक कानपुर की विधानसभा सीट से विधायक के सस्पेंड किए जाने के बाद ख़ाली हुई सीटों पर उपचुनाव होने थे। इनमें से पिछले साल यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे, इस उपचुनाव में 7 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्जहासिल की थी जबकि दो सीटों पर सपा का परचम लहराया था। इसके बाद अब अयोध्या के मिल्कीपुर सीट पर फिर से समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। इस वजह से अब चर्चा साल 2027 में होने वाले विधानसभा में समाजवादी पार्टी की अगली रणनीति को लेकर शुरू हो गई हैं। 

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