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क्यों आयुर्वेद कहता है हाथ से खाओ खाना? फायदे जानकर चौंक जाएंगे आप

आयुर्वेद के अनुसार, उंगलियों से भोजन छूने से शरीर के पांच तत्वों (अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश) के साथ संतुलन बनता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. हाथ से खाना खाना सिर्फ़ एक पुरानी आदत नहीं, बल्कि यह आपके शरीर और दिमाग दोनों के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है.

26 May, 2025
( Updated: 26 May, 2025
03:21 PM )
क्यों आयुर्वेद कहता है हाथ से खाओ खाना? फायदे जानकर चौंक जाएंगे आप
आजकल, जब हम रेस्तरां में जाते हैं या घरों में भी खाना खाते हैं, तो अक्सर चम्मच, कांटे और चाकू का इस्तेमाल करते हैं. यह आधुनिक सभ्यता का एक हिस्सा बन गया है. लेकिन भारतीय संस्कृति और आयुर्वेद में हाथ से खाना खाने की परंपरा सदियों पुरानी है. हमारे पूर्वज मानते थे कि हाथ से भोजन करना न केवल एक सांस्कृतिक अभ्यास है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्य और संवेदी लाभ भी हैं. आइए जानते हैं कि हाथ से खाना खाने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं, जो शायद हम चम्मच के इस्तेमाल से खो देते हैं.

सेहत और इंद्रियों के लिए फायदेमंद

आयुर्वेद के अनुसार, उंगलियों से भोजन छूने से शरीर के पांच तत्वों (अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश) के साथ संतुलन बनता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. हाथ से खाना खाना सिर्फ़ एक पुरानी आदत नहीं, बल्कि यह आपके शरीर और दिमाग दोनों के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है:

1. बेहतर पाचन क्रिया
भोजन को छूने से ही हमारे मस्तिष्क को संकेत मिल जाता है कि हम खाने वाले हैं, जिससे पाचन एंजाइमों का स्राव शुरू हो जाता है. यह प्रक्रिया भोजन को बेहतर तरीके से तोड़ने और पचाने में मदद करती है. चम्मच से खाने पर यह "प्री-डाइजेस्टिव" संकेत नहीं मिल पाता, जिससे पाचन धीमा हो सकता है.

2. भोजन के तापमान का अनुमान
हाथ से खाना खाते समय, हम भोजन के तापमान और बनावट को महसूस कर पाते हैं. इससे हमें पता चलता है कि भोजन कितना गर्म है और क्या यह खाने के लिए सुरक्षित है. यह हमें अपना मुंह जलने से बचाता है और भोजन को सही तापमान पर खाने में मदद करता है. चम्मच से खाने पर यह सीधा स्पर्श और तापमान का अनुभव नहीं मिल पाता.

3. स्वच्छता और जागरूकता
हाथ से खाने से पहले हमें अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना पड़ता है, जो स्वच्छता की आदत को बढ़ावा देता है. यह हमें अपने खाने के प्रति अधिक जागरूक बनाता है. हम क्या खा रहे हैं, कितना खा रहे हैं, और कैसे खा रहे हैं, इस पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं.

आयुर्वेद के अलावा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इसके कई लाभ बताए गए हैं. कई शोध में पाया गया है कि हाथ से भोजन करने और धीरे-धीरे भोजन को चबाने से पाचन प्रक्रिया प्रारंभिक स्तर पर ही बेहतर होती है.  हाथ से खाना खाने से भोजन के प्रति जागरूकता बढ़ती है, जिसे माइंडफुल ईटिंग कहा जाता है. 

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम भले ही काँटे और चम्मच का इस्तेमाल करते हों, लेकिन हाथ से खाने के ये पारंपरिक लाभ हमें एक बार फिर सोचने पर मजबूर करते हैं. यह केवल खाने का एक तरीका नहीं, बल्कि हमारे शरीर और भोजन के बीच एक गहरा संबंध स्थापित करने का माध्यम भी है.

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