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कमर दर्द और थायरॉइड से हैं परेशान तो 'सेतु बंध सर्वांगासन' आपके के लिए वरदान, जानें सही विधि

सेतु बंध सर्वांगासन, जिसे ‘ब्रिज पोज’ भी कहा जाता है, एक ऐसा योगासन है जो कमर दर्द, थायरॉइड समेत कई समस्याओं को दूर करने में कारगर है. इस आसन को करने की सही विधि क्या है.

07 Jul, 2025
( Updated: 07 Jul, 2025
12:28 PM )
कमर दर्द और थायरॉइड से हैं परेशान तो 'सेतु बंध सर्वांगासन' आपके के लिए वरदान, जानें सही विधि

प्राचीन भारतीय पद्धति योग के पास हर एक शारीरिक और मानसिक समस्या का समाधान है, जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मददगार है. इनमें सेतु बंध सर्वांगासन, जिसे ‘ब्रिज पोज’ भी कहा जाता है, एक ऐसा योगासन है जो कमर दर्द, थायरॉइड समेत कई समस्याओं को दूर करने में कारगर है. 
 
‘सेतु बंध सर्वांगासन' करने के फयादे 
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय 'सेतु बंध सर्वांगासन' के अभ्यास से होने वाले लाभ को गिनाता है. इससे कमर दर्द और पीठ के निचले हिस्से की जकड़न को कम करने में मदद मिलती है. यह थायरॉइड ग्रंथि को उत्तेजित करता है, जिससे हार्मोनल संतुलन में सुधार होता है. यह आसन तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में भी सहायक है. इसके अलावा, यह पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और रक्त संचार को बढ़ाता है. महिलाओं में पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं को कम करने में भी प्रभावी है.यह आसन रीढ़, हैमस्ट्रिंग, ग्लूट्स और कंधों को मजबूत करता है, साथ ही छाती और फेफड़ों को खोलकर सांस लेने की क्षमता को भी बेहतर बनाता है.

आसन को करने की सही विधि
एक्सपर्ट बताते हैं कि इस आसन को करने की सही विधि क्या है. इसके लिए सबसे पहले पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं. अपने हाथों को शरीर के दोनों तरफ रखें, हथेलियां नीचे की ओर हों. अब दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें और पैरों को कूल्हों के पास लाएं, ताकि पैर जमीन पर सपाट रहें. धीरे-धीरे सांस लेते हुए कूल्हों को ऊपर की ओर उठाएं, जिससे शरीर का पोस्चर एक पुल जैसा आकार ले ले. इस दौरान कंधा और सिर जमीन पर ही रहना चाहिए.

अभ्यास के दौरान इस स्थिति में 10-15 सेकंड तक रुकना चाहिए और सामान्य तरीके से सांस लेते रहना चाहिए. फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए कूल्हों को वापस जमीन पर लाएं. इस प्रक्रिया को 3 से 5 बार दोहराना चाहिए.

ये सावधानियां ज़रूर बरतें
नियमित अभ्यास से सेतु बंध सर्वांगासन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है. हालांकि एक्सपर्ट इस आसन के अभ्यास के दौरान कुछ सावधानियां बरतने की भी सलाह देते हैं. यदि गर्दन, पीठ या कंधों में चोट है, तो इसे नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को भी यह आसन करने से बचना चाहिए. इसे हमेशा खाली पेट करें और ज्यादा जोर लगाने से बचें. अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो पहले डॉक्टर या योग विशेषज्ञ से सलाह लें.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और जागरूकता के उद्देश्य से है. प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, इन टिप्स को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर 

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