बरसात में क्यों बढ़ जाता है नीम का महत्व? जानिए चौंकाने वाले फायदे!
बरसात का मौसम सिर्फ ठंडक ही नहीं लाता, साथ लाता है स्किन इंफेक्शन, वायरल बीमारियां और मच्छरों से फैली बीमारियों का खतरा. लेकिन इन सबसे बचाने के लिए एक घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय है — नीम. जानिए इस लेख में कैसे नीम के छोटे-छोटे उपाय आपको बना सकते हैं संक्रमण से सुरक्षित और सेहतमंद. ये जानकारी न सिर्फ जरूरी है, बल्कि हर घर में अपनाई जा सकती है.
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बरसात का मौसम जहां ठंडक और राहत लेकर आता है, वहीं बीमारियों का खतरा भी साथ लाता है. गंदगी, नमी और पानी जमा होने की वजह से स्किन इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम, मलेरिया जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं. ऐसे में नीम एक नेचुरल दवा की तरह काम करता है. नीम में इतने गुण होते हैं कि इसे आयुर्वेद में चमत्कारी पेड़ कहा जाता है. खासकर बरसात में इसका इस्तेमाल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
मानसून में फैलती हैं ये आम बीमारियाँ
बारिश के मौसम में निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से फैलती हैं:
- फंगल इंफेक्शन: जैसे दाद, खाज, खुजली
- वायरल संक्रमण: जैसे सर्दी, फ्लू और गले में खराश
- पेट की समस्याएं: जैसे दस्त, उल्टी, फूड पॉयजनिंग
- मच्छरों से होने वाली बीमारियाँ: डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया
- त्वचा रोग: मुंहासे, एक्ज़िमा, रैशेज़
इन समस्याओं से बचने के लिए नीम को अपने जीवन में शामिल करना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है.
नीम के 6 प्रमुख फायदे इस मौसम में
- संक्रमण से सुरक्षा : नीम में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण मानसून में शरीर को बाहरी संक्रमणों से बचाते हैं. इसका सेवन या बाहरी प्रयोग दोनों ही प्रभावशाली हैं.
- त्वचा संबंधी समस्याओं में राहत : नमी और पसीने से दाद, खुजली और रैशेज़ होना आम बात है. नीम की पत्तियों का पेस्ट या पानी से स्नान इन समस्याओं को जड़ से मिटा सकता है.
- इम्यूनिटी को करता है मजबूत : नीम के रोजाना सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे वायरल संक्रमण से लड़ने की ताकत मिलती है.
- पाचन तंत्र की सफाई : मानसून में खाने-पीने में गड़बड़ी आम है. नीम की पत्तियाँ चबाने से पेट साफ रहता है और कीटाणुओं का सफाया होता है.
- ब्लड शुगर कंट्रोल करता है : नीम के पत्ते या जूस डायबिटीज के रोगियों के लिए भी लाभकारी होते हैं, क्योंकि ये ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं.
- घर को भी बनाए संक्रमण-मुक्त : नीम की सूखी पत्तियाँ अलमारी, बिस्तर या रसोई में रखने से कीड़े-मकोड़े और बैक्टीरिया से सुरक्षा मिलती है.
कैसे करें नीम का सही इस्तेमाल?
- नीम स्नान : नीम के पत्तों को पानी में उबालें और उस पानी से नहाएं और त्वचा के इंफेक्शन से राहत
- नीम का काढ़ा : नीम, तुलसी और अदरक को उबालकर पीएं इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक
- नीम पेस्ट : नीम की पत्तियों को पीसकर स्किन या बालों में लगाएं, स्किन और बालों के लिए फायदेमंद
- नीम की धूनी : सूखी पत्तियाँ जलाकर घर में धुआं करें, मच्छरों से बचाव
- नीम चबाना : 4-5 नीम की पत्तियाँ सुबह चबाएं, पाचन और इम्युनिटी में सुधार
ध्यान रखें ये बातें
- नीम का ज्यादा सेवन नुकसानदायक हो सकता है, खासकर खाली पेट.
- गर्भवती महिलाएं नीम का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.
- अगर स्किन सेंसिटिव है तो नीम पेस्ट लगाने से पहले पैच टेस्ट करें.
नीम में एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद हैं, जो बरसात में होने वाले संक्रमणों से रक्षा करते हैं. नीम के पत्तों से स्नान करने से त्वचा पर संक्रमण नहीं फैलता. नीम का अर्क डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों में प्लेटलेट्स बढ़ाने में सहायक है. नियमित सेवन से खून साफ होता है, त्वचा पर निखार आता है और मुंहासे, दाग-धब्बों से छुटकारा मिलता है. नीम की पत्तियां और फूल पेट के कीड़े खत्म करने, पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने और कब्ज, अपच जैसी समस्याओं में भी फायदेमंद हैं.
आयुर्वेद में नीम को 'सर्व रोग निवारिणी' कहा जाता है. बरसात के मौसम में फंगल संक्रमण और बैक्टीरियल इन्फेक्शन बढ़ते हैं. नीम के पत्तों से स्नान करने पर शरीर पर संक्रमण नहीं फैलता.
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नीम एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो बारिश के मौसम में हमें कई तरह की बीमारियों से बचा सकती है. चाहे वो स्किन की प्रॉब्लम हो, मच्छरों का खतरा हो, या सर्दी-खांसी — नीम हर जगह काम आता है. यह सस्ता, असरदार और पूरी तरह नेचुरल है. इसलिए इस बरसात नीम को अपने घर और दिनचर्या में ज़रूर शामिल करें और खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखें.
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