30 के बाद हाई ब्लड प्रेशर का खतरा! इन लक्षणों को न करें अनदेखा, ऐसे रखें खुद को फिट
हाइपरटेंशन एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन सही समय पर पहचान और जीवनशैली में उचित बदलाव करके इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है. अपने शरीर के संकेतों पर ध्यान दें, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें.
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पहले माना जाता था कि हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) यानी हाई ब्लड प्रेशर बढ़ती उम्र की समस्या है, लेकिन आजकल 30 की उम्र के बाद ही कई युवा इसके शिकार हो रहे हैं. आधुनिक जीवनशैली, तनाव और गलत खानपान ने इस साइलेंट किलर को कम उम्र में ही दस्तक देने को मजबूर कर दिया है. सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि अक्सर लोग इसके शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है. लेकिन घबराएं नहीं, आपकी जीवनशैली में बदलाव करके ही आप हाइपरटेंशन को नियंत्रित कर सकते हैं और फिट रह सकते हैं.
हाइपरटेंशन आज के समय में सबसे तेजी से बढ़ने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. इस बीमारी का समय रहते इलाज कराने के लिए सबसे पहले जरूरी है इसके लक्षणों को पहचानना.
सेंटर काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंस (सीसीआरएएस) के अनुसार, ब्लड प्रेशर को हाई तब कहा जाता है जब: सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 140 एमएम एचजी या उससे ज़्यादा हो, या डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 90 एमएम एचजी या उससे ज़्यादा हो. यदि उच्च रक्तचाप का उचित इलाज नहीं किया जाए, तो यह हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी डैमेज और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं.
क्या लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें?
नेशनल हेल्थ मिशन ने भी हाई बीपी के बारे में जागरूकता फैलाई है. इसकी जानकारी अनुसार, अगर आपको तेज सिरदर्द, तनाव या घबराहट, छाती में दर्द, नाक से खून आना, चक्कर आना, असामान्य हार्ट रिदम (दिल की अनियमित धड़कनें), या सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. जब ऐसे लक्षण दिखते हैं, तो इसका मतलब रक्तचाप का बढ़ना हो सकता है और यह आपके अंगों पर बुरा असर डाल रहा है. खासकर 30 साल की उम्र के बाद नियमित तौर पर उच्च रक्तचाप के लिए अपनी जांच कराते रहना चाहिए.
असल में जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारी धमनियां भी स्वाभाविक रूप से थोड़ी कम लचीली हो जाती हैं और रक्तचाप बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है.
लाइफस्टाइल से जुड़ा है हाइपरटेंशन
सीसीआरएएस के अनुसार हाइपरटेंशन का एक बड़ा कारण लाइफस्टाइल से जुड़ा है. जैसे कि अधिक तनाव लेना, शराब, तंबाकू, चाय, कॉफी का अत्यधिक सेवन करना, रात में जागने की आदत और दिन में सोना आदि ऐसी चीजें हैं जो हमारी गलत जीवनशैली से जुड़ी हैं और उच्च रक्तचाप को बढ़ावा देती हैं. इसके अलावा गलत खानपान, अधिक कोलेस्ट्रॉल डाइट, मोटापा, कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट्स और परिवार में उच्च रक्तचाप का इतिहास रहना भी हाइपरटेंशन के होने का बड़ा कारण है.
खानपान में करें सुधार
सीसीआरएएस ने हाई ब्लड प्रेशर से बचने के लिए गाइडलाइंस भी दी हैं. जैसे अपने खानपान में सुधार करें- कम सोडियम वाली डाइट लें, कम वसा युक्त भोजन करें, फल और सब्जियां नियमित तौर पर खाएं. नारियल का सेवन अच्छा है और छाछ भी पीएं.
जीवनशैली में करें सुधार
साथ ही अपनी जीवनशैली में सुधार करें- मेडिटेशन करें, प्राणायाम, योगासन, शवासन, हल्की एक्सरसाइज, सकारात्मक रहें, अगर मोटापा है तो वजन कम करें.
साथ ही यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि क्या न करें- मल-मूत्र त्यागने को जबरदस्ती न रोकें, तनाव से दूर रहें.
खानपान में जंक फूड से बचें, खासकर ज्यादा नमकीन, स्नैक्स, प्रोसेस्ड फूड से बचें और तला-भुना भोजन न करें. हाई ब्लड प्रेशर को कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स के जरिए भी मैनेज किया जाता है- जैसे सर्पगंधा, शंखपुष्पी, ब्राह्मी, जटामांसी आदि.
हाइपरटेंशन एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन सही समय पर पहचान और जीवनशैली में उचित बदलाव करके इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है. अपने शरीर के संकेतों पर ध्यान दें, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें.
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Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और जागरूकता के उद्देश्य से है. प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, इन टिप्स को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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