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जानें हाथ धोने की 'सुमंक' तकनीक, जो आपको रखेगी बीमारियों से दूर!

हाथों को धोना एक साधारण क्रिया लग सकती है, लेकिन यह बीमारियों से बचाव का एक शक्तिशाली हथियार है. ‘सुमंक’ तकनीक को अपनाकर आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके हाथ न केवल साफ हों, बल्कि कीटाणु-मुक्त भी हों.

07 Jul, 2025
( Updated: 04 Dec, 2025
06:44 AM )
जानें हाथ धोने की 'सुमंक' तकनीक, जो आपको रखेगी बीमारियों से दूर!

हम सभी जानते हैं कि हाथों की सफाई बीमारियों से बचाव के लिए कितनी ज़रूरी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाथों को सही तरीके से धोना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि उन्हें धोना? महज़ पानी से हाथ धोना या साबुन लगाकर तुरंत धो लेना पर्याप्त नहीं है. विशेषज्ञों का मानना है कि हाथों की उचित सफाई के लिए एक विशेष तकनीक अपनाना चाहिए. नेशनल हेल्थ मिशन (यूपी) के ‘स्वच्छ हाथ, सुरक्षित जीवन’ अभियान ने हाथ धोने के तरीके बारे में जरूरी जानकारी रोचक तरीके से दी है. इसके लिए ‘सुमंक’ (SUMANK) विधि को अपनाने की सलाह दी जाती है, जो एक प्रभावी और आसान तरीका है. इस तकनीक को अपनाकर आप कई बीमारियों को अपनी ज़िंदगी से 'बाय-बाय' कह सकते हैं.

ऐसे में समझना जरूरी है कि 'सुमंक' क्या है? यह हाथ धोने के 6-स्टेप वाले प्रोसेस को दर्शाता है. नेशनल हेल्थ मिशन इसके बारे में विस्तार से जानकारी देता है. 

‘सुमंक’ तकनीक क्या है और इसे कैसे अपनाएं?

इसमें 'एस' का मतलब है 'सीधा' (Straight Palms)- यानी धोते हुए साबुन से पहले सीधी हथेलियों को बारी-बारी से घिसें. 
'यू' का मतलब है 'उल्टा' (Under Palms / Back of Hands)- जिसके अनुसार हाथों को उल्टा करके भी बारी-बारी से रगड़े.  
'एम' मतलब 'मुट्ठी' (Make Fists)- यानी मुट्ठी बंद करने के बाद भी हाथों को साबुन से अच्छी तरह रगड़े. 
'ए' का मतलब है 'अंगूठे' (Anklet Thumb / Thumb)- यानी मुट्ठी बंद कर हाथों को रगड़ने के बाद अंगूठों को भी ठीक से रगड़ें.  
'एन' का मतलब है 'नाखून' (Nail Cleaning)- यानी अपने नाखूनों को भी अच्छी तरह साफ करें.  
'के' 'कलाई' को दर्शाता है (Knuckles / Wrist)- यानी सबसे अंत में अपनी कलाइयों को भी ठीक से रगड़ें. 

कम से कम 40 सेकंड तक साबुन से धोएं हाथ 

इस तरह 'सुमंक' के जरिए आप हाथ को सही तरीके से धोने का क्रम आसानी से याद कर सकते हैं और बहुत सी बैक्टीरिया या वायरस जनित बीमारियों के प्रसार को रोक सकते हैं. यूनीसेफ के अनुसार, इन 6 प्रक्रिया में कम से कम 40 सेकंड तक साबुन से हाथ धोना चाहिए, फिर साफ पानी से धोकर सुखाना चाहिए. 

यह विधि कई संक्रामक रोगों से बचाव में प्रभावी 

'सुमंक' विधि से बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगजनकों को प्रभावी ढंग से हटाया जा सकता है. यह विधि फ्लू, कोविड-19 और अन्य संक्रामक रोगों से बचाव में काफी हद तक प्रभावी हो सकती है. यह सभी लोगों के लिए जरूरी है, विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों के लिए इसे ध्यान रखना बहुत अहम है. 'सुमंक' विधि रक्त प्रवाह में सुधार के अलावा अस्पतालों में होने वाले संक्रमणों को कम करने में भी मददगार है. यह सस्ता और आसान उपाय है, जो स्वास्थ्य लागत को भी कम करता है.

स्वच्छ भारत मिशन के अनुसार, सही तरीके से हाथ धोने से बीमारियों से बचा जा सकता है. साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने की आदत डालकर, न केवल स्वस्थ भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं बल्कि कई बीमारियों को पनपने से भी रोक सकते हैं. नियमित रूप से 'सुमंक' विधि अपनाकर कई बीमारियों से बचा जा सकता है. 

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Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और जागरूकता के उद्देश्य से है. प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, इन टिप्स को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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