बस चौकीदारी के लायक बचेंगे...पाकिस्तान छोड़कर जा रहीं विदेशी कंपनियां, फूटा मुनीर-शहबाज के US दौरे का बुलबुला
दुनियाभर के नेताओं से दोस्ती, उनके साथ बैठकी का दावा करने वाले पाकिस्तान में वैश्विक कंपनियों का बुरा हाल है. कई मल्टी नेशनल कंपनियां पाक छोड़कर जा रही हैं. P&G, Gillete सहित कई का पाकिस्तान छोड़कर जाना बताता है कि उसकी स्थिति किस हद तक खराब हो रही है. वो कंपनिया अपना बोरिया बिस्तर समेट कर जा रही हैं जिन्होंने अफगान जिहाद-आतंकवाद, तालिबान संघर्ष के दौर में पाक में अपना कदम रखा था. अब तो स्थिति बहुत बदल गई है लेकिन माहौल जस का तस है. जिस थोक के भाव में कंपनिया Exit कर रही हैं, उसको देखकर ऐसा लगता है जैसे आतंकिस्तान में बस चौकीदारी, गार्ड्स की नौकरी बच जाएगी.
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अमीरों से दोस्ती का मतलब ये नहीं कि आप भी अमीर हो जाएंगे. पाकिस्तान के साथ भी कुछ यही हो रहा है. उसकी दोस्ती शीत युद्ध और उससे पहले से ही अमेरिका के साथ रहे हैं, सऊदी, कतर सहित तमाम अरब मुल्क उसकी मदद करते रहे हैं. अब उसकी चीन के साथ कथित तौर पर समुद्र से गहरी शहद से मीठी वाली दोस्ती है, लेकिन आतंकिस्तान की स्थिति जस की तस है. पाई-पाई को मोहताज, कंगाली-भुखमरी का शिकार, बेल आउट पैकेज के लिए दूसरे देशों पर निर्भर, अर्थव्यवस्था की बुरी स्थिति, चवन्नी की इन्वेस्टमेंट नहीं है, फिर भी पूरा देश, शासन, सरकार मानो अफीम खाकर सोया हुआ है. इसी का नतीजा है कि उसके देश में पहले से ही कम संख्या में मौजूद MNCs एक-एक कर छोड़कर जा रही हैं.
रेअर अर्थ मिनरल और क्रिप्टो ट्रेड के लिए अपने आप को अमेरिका के हाथों बेच देने वाले पाकिस्तान को बीते कुछ महीनों के अंदर कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने झटका दिया है. भारी अनिश्चितता, डर, लागत कॉस्ट सहित लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति के कारण शेल पीएलसी, फाइजर इंक, टोटल एनर्जीज एसई और टेलीनॉर ASA सहित कई बड़ी कंपनियां पाकिस्तान छोड़क जा चुकी हैं वहीं, अब इस लिस्ट में अब P&G या प्रॉक्टर एंड ग्लोबल का भी नाम जुड़ गया है.
इन मल्टीनेशनल कंपनियों का पाकिस्तान से अपना धंधा समेट कर जाना पहले से ही बदहाल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और खजाने के लिए किसी स्ट्राइक से कम नहीं है. छोटी से छोटी कंपनियों को भी पाक लाने के लिए आसमान-जमीन एक कर देने वाले पाकिस्तानियों के लिए ये करारा झटका है क्योंकि ये कंपनिया ना सिर्फ पाक से जा रही हैं, पैसा जा रहा है, रोजगार खत्म होगें, बेरोजगारी बढ़ेगी बल्कि नई कंपनियां आने से पहले दस बार सोचेंगी.
'पाकिस्तान में बस बच जाएगी चौकीदारी की नौकरी'
पाकिस्तान ने कभी भी सॉफ्ट पावर, इकोनॉमिक इन्फ्रास्ट्रक्चर में विश्वास नहीं किया है. उसने कभी भी ऐसा माहौल नहीं बनाया अपने देश में जिससे कोई उसके यहां काम करने की सोचे या अपनी दुकान, पैसा लगाए. इस पूरे मामले पर विदेश मामलों के जानकार सुशांत सरीन ने बड़ी अच्छी बात कही है. पाकिस्तान के बारे में एक तुल्नात्मक आकलन प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जहां इसी बात से खुश हो रहा है कि उसकी बड़े नेताओं के साथ उठक-बैठक हो रही है, वह पड़ोसी देशों के नेताओं की मेजबानी में लगा है, लेकिन उसके यहां पहले से मौजूद वैश्विक व्यापार खत्म हो रहा है, वह वैश्विक कंपनियों को धीरे-धीरे खोता जा रहा है.
पाकिस्तान का नया नाम होगा Blackwater or Xe...
उन्होंने तंज कसते हुए आगे कहा कि पाक में आने वाले दिनों में सिर्फ चौकीदारी की नौकरी बचेगी. उन्होंने Gillete के पाकिस्तान छोड़ने वाले पोस्ट पर अपनी राय देते हुए कहा: जहां पाकिस्तानी इस बात को लेकर खुश हो रहे हैं कि ग्लोबल नेताओं की मेजबानी करके अब वे दुनिया की नजरों में छा जाएंगे, वहीं उनकी अर्थव्यवस्था डूब रही है. उन्हें बस चौकीदारी और सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी के लिए ही पैसे मिलेंगे.' उन्होंने आगे कहा कि जैसा कि हाल ही में किसी ने कहा था कि पाकिस्तान, ब्लैकवाटर या Xe कॉर्प का ही नया नाम है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि P&G ने 1991 में पाकिस्तान में एंट्री ली थी और उसके बाद से कंपनी ने पैम्पर्स, एरियल, पैंटीन और सेफगार्ड जैसे ब्रांडों के साथ खूब कारोबार किया और अपनी मोनोपॉली स्थापित की. उसने ना सिर्फ अपने प्रोडक्ट्स लॉन्च किए बल्कि 1994 और 2010 में कई पाकिस्तानी इकाईयों का अधिग्रहण भी किया.
इन दिग्गज कंपनियों के पाकिस्तान से निकलने पर काफी हो-हल्ला मच रहा है. कहा जा रहा है कि अब सरकार और लोगों को एहसास होगा कि पीएंडजी जैसी कंपनियां देश छोड़कर क्यों जा रही है. इसका पाक की इकोनॉमी पर असर होगा और पता चलेगा कि देश में बदहाली किस लेवल पर जा रही है. आम लोगों के अलावा मामले को सुनने और समझने वाले लोग कह रहे हैं कि स्थिति कितनी गंभीर है, कितनी विकट है. स्थानीय उद्योग जगत चिंता जाहिर कर रहा है.
While Pakistanis are gloating about how they are now going to be the toast of the world, their economy is going toast with big multinational companies shutting down operations. This when their Finance Minister is going to Washington to invite investments. All they will get is… pic.twitter.com/8yVEujG4qP
— sushant sareen (@sushantsareen) October 2, 2025
'अब हुक्मरानों को एहसास होगा कि...'
पाकिस्तान छोड़कर जाने वाली एक और कंपनी जिलेट पाकिस्तान के पूर्व सीईओ साद अमानुल्लाह खान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बड़ी कंपनियों के पाकिस्तान से निकलने पर हुक्मरानों को एहसास होगा कि मुल्क में सब कुछ ठीक नहीं है.' खान ने देश में बिजली की ऊंची और आसमान छूती लागत, रेग्युलेटरी दबाव और कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर को पाकिस्तान में उद्योग धंधे की राह में सबसे बड़ा रोड़ा करार दिया है.
जाएगी हजारों लोगों की नौकरी!
P&G के ऐलान के मुताबिक वह पाकिस्तान में स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग और सभी कॉमर्शियल गतिविधियों के साथ-साथ जिलेट पाकिस्तान लिमिटेड सहित अन्य सभी के परिचालन बंद करेगी. हालांकि, कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है वो पाकिस्तानी बाजार में उपलब्ध रहेगी. वो पाक के स्थानीय सप्लाइ चेन, व्यापारी, मैन्युफैक्चरिंग और क्षेत्रीय चैनलों के साथ मिलकर अपनी सेवाएं देती रहेगी.
क्यों पाकिस्तान छोड़ रही हैं विदेशी कंपनियां?
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पाकिस्तान में कंपनियों के लिए काम करना मुश्किल है. चीप लेबर एक फैक्टर होता है किसी भी देश में अपने उद्योग लगाने के लिए, लेकिन उसके साथ-साथ आपको और चीजों की भी जरूरत होती है. मसलन बिजली रेट, जमीन, खरीद और फरोख्त, सुरक्षा और रेगुलेटरी रूल्स. इन फैक्टर्स को देखें तो पाकिस्तान लगातार आर्थिक अस्थिरता का शिकार रहा है. वहीं कमजोर उपभोक्ता मांग और ऑपरेशनल कॉस्ट ने भी कंपनियों के लिए अपना काम जारी रखना मुश्किल कर दिया है. जाहिर है वैश्विक कंपनियों के इस तरह थोक के भाव में पाकिस्तान छोड़कर जाना उसके लिए लॉन्ग टर्म में काफी नुकसानदायक साबित होने वाला है.
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