'हम ईरान की चमड़ी उधेड़ देंगे...', इजरायली रक्षा मंत्री की सख्त चेतावनी, कहा- तेहरान का नाम-ओ-निशान मिटा देंगे
ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी जंग लगातार उग्र रूप लेती जा रही है. दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइलों से ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं. न तो ईरान पीछे हटने को तैयार है और न ही इजरायल. इस बीच इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने ईरान को लेकर बेहद आक्रामक बयान दिया है. ईरान द्वारा की गई जवाबी मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद काट्ज ने कहा, “हम दुश्मन को छीलकर रख देंगे, जैसे सांप अपनी पुरानी चमड़ी को उतार देता है.”

ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी जंग लगातार उग्र रूप लेती जा रही है. दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइलों से ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं. न तो ईरान पीछे हटने को तैयार है और न ही इजरायल. बीते 48 घंटों में ईरान ने इजरायल पर दूसरा बड़ा हमला किया है, जिसमें सैन्य ठिकानों के साथ-साथ रिहायशी इलाकों को भी निशाना बनाया गया.
ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों ने सेंट्रल इजरायल में भारी तबाही मचाई है. इजरायली आपातकालीन सेवा मैगन डेविड एडोम (MDA) के मुताबिक, हमले में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि कम से कम 30 लोग घायल हुए हैं. मिसाइलों ने सेंट्रल इजरायल के विभिन्न इलाकों में दो रिहायशी इमारतों को सीधा निशाना बनाया. इन इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है और राहत व बचाव कार्य जारी है. ईरानी मिसाइल हमले को लेकर जानकारों का कहना है कि यह कार्रवाई ईरान की ओर से एक सख्त संदेश है कि जब तक इजरायली हमले बंद नहीं होते, जवाबी कार्रवाई और तेज होगी. वहीं, इजरायल ने भी साफ कर दिया है कि जब तक ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह खत्म नहीं करता और कूटनीतिक रूप से झुकता नहीं, तब तक वह भी पीछे नहीं हटेगा.
मिडिल ईस्ट में तबाही का नया चरण शुरू
इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग अब विनाशकारी मोड़ की ओर बढ़ रही है. हालात ऐसे हैं कि संघर्ष किसी भी वक्त एटमी युद्ध का रूप ले सकता है. इजरायल ने हाल ही में ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया था. इसके जवाब में अब ईरान की तरफ से भी उसी स्तर की आक्रामक प्रतिक्रिया देखी जा रही है. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने साफतौर पर कह दिया है कि अब उनका अगला निशाना इजरायल का डिमोना न्यूक्लियर सेंटर होगा. खामेनेई के इस बयान ने क्षेत्र में चिंता की लहर दौड़ा दी है. लगातार दूसरे दिन भी ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए जबरदस्त मिसाइल और ड्रोन हमले किए. ईरानी सेना ने आधी रात को इजरायल पर 200 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और 100 से अधिक ड्रोन दागे. रातभर हमले जारी रहे और जब सुबह हुई, तो इजरायल के कई इलाकों की तस्वीरें पूरी तरह से तबाही की गवाही दे रही थीं. कई रिहायशी इलाके खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. मिसाइलों की चपेट में आकर दर्जनों इमारतें जमींदोज हो गईं. बचाव कार्य अभी भी जारी है और कई स्थानों पर मलबे में दबे लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है.
इजरायली रक्षा मंत्री का बड़ा बयान
इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने ईरान को लेकर बेहद आक्रामक बयान दिया है. ईरान द्वारा की गई जवाबी मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद काट्ज ने कहा, “हम दुश्मन को छीलकर रख देंगे, जैसे सांप अपनी पुरानी चमड़ी को उतार देता है.” उन्होंने आगे ईरान को चेतावनी दी और कहा, “हम ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह कर देंगे. उसके लड़ाके और मिसाइलों को खाक में मिला देंगे. यहां तक कि तेहरान का नाम-ओ-निशान मिटा देंगे.” काट्ज के इस बयान से यह स्पष्ट है कि इजरायल अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है.
ईरान की बड़ी तैयारी
इस जंग के बीच खुफिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि ईरान के पास करीब 10,000 बैलिस्टिक मिसाइलें मौजूद हैं, जिनमें से 2,000 मिसाइलों से वह एक साथ हमला करने की क्षमता रखता है. इसके अलावा, ईरान के पास शाहेद ड्रोन की एक विशाल खेप है, जो आत्मघाती हमलों के लिए मशहूर है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एक लाख से ज्यादा लड़ाके ईरान में युद्ध के लिए तैयार खड़े हैं, जो कभी भी इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं. ईरान के नेता खामेनेई ने भी साफ शब्दों में कहा है, “अगर तुम एक मारोगे, तो हम सौ मारेंगे.” यह बयान बताता है कि ईरान अब कोई भी हमला चुपचाप सहने के मूड में नहीं है, बल्कि वह पूरी ताकत से जवाब देने के लिए तैयार है.
ईरान के निशाने पर इजरायल का डिमोना न्यूक्लियर सेंटर
अब ईरान और इजरायल के बीच टकराव एक खतरनाक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है. मौजूदा स्थिति बताती हैं कि ईरान अब इजरायल के डिमोना न्यूक्लियर सेंटर को अपना अगला निशाना बना सकता है. शनिवार की रात इजरायल के कई शहरों में लगातार सायरन बजते रहे. लोग बंकरों, अंडरग्राउंड पार्किंग और शेल्टरों में छिपकर पूरी रात गुजारने को मजबूर हो गए. डिमोना न्यूक्लियर फैसिलिटी को इजरायल ने 1950 में फ्रांस की मदद से बनवाया था. फ्रांस के साथ हुए एक गुप्त सौदें के तहत यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ और करीब 12 वर्षों की गोपनीय निर्माण प्रक्रिया के बाद 1962 में यह ऑपरेशनल हुआ. इस सेंटर को आधिकारिक रूप से नेगेव न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर कहा जाता है, जो नेगेव रेगिस्तान में स्थित है. यह सुविधा पूरी तरह अंडरग्राउंड है, जिसके रेत के नीचे 6 फ्लोर बने हैं. इस संवेदनशील स्थान की सुरक्षा के लिए चारों ओर 150 मीटर गहरी और 60 मीटर चौड़ी खाई बनाई गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस सेंटर में 300 से अधिक वैज्ञानिक और कर्मचारी मौजूद रहते हैं. डिमोना की सुरक्षा का जिम्मा सीधे इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के पास है. इसकी सुरक्षा के लिए तीन लेयर की एयर डिफेंस सिस्टम तैनात हैं. जिसमें आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग और अमेरिका से प्राप्त THAAD मिसाइल डिफेंस सिस्टम शामिल हैं.
जॉर्डन के एयरस्पेस से ईरानी मिसाइलों की बौछार
ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए पलटवार ने यह बता दिया हैं कि ईरान अब "पुराना ईरान" नहीं रहा. बीते कुछ दिनों में इजरायल पर हुए ईरानी हमलों ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि ईरान ने अपनी सैन्य क्षमता को नई ताकत दी है. ताजा हमले में ईरान ने जॉर्डन के एयरस्पेस का इस्तेमाल करते हुए मिसाइलें इजरायल पर दागीं. जबकि जॉर्डन पहले ही अपनी हवाई सीमा के उपयोग को लेकर सख्त तौर पर मना कर चुका था. बता दें कि इजरायल पर हमला करने के लिए ईरान ने सरफेस-टू-सरफेस श्रेणी की मिसाइलों का इस्तेमाल किया था जिनमें से कुछ को सबमरीन लॉन्च 'खैबर' सिस्टम से भी दागा गया. हमला रात 11 बजे शुरू हुआ और आधी रात तक जारी रहा. यह हमला खामेनेई के सीधे आदेश पर किया गया था, और इस बार ईरानी फोर्स को फुल फ्री-हैंड दिया गया था, जिससे हमलों की तीव्रता और प्रभावशीलता पहले से कहीं अधिक दिखाई दी.
रूस से मिला एस-400 बना 'बचाव कवच'
इस युद्ध पर करीब से नजर रखने वाले विशेषज्ञों की माने तो इजरायल की ओर से ईरान पर की गई जवाबी कार्रवाई को ईरान ने सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट किया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस से मिले अत्याधुनिक S-400 डिफेंस सिस्टम ने इस काम में अहम भूमिका निभाई. इस प्रणाली ने कई इजरायली मिसाइलों को हवा में ही नाकाम कर दिया, जिससे ईरान को बड़ी क्षति से बचाया जा सका.
ईरान की मिसाइल शक्ति का इजरायल पर कहर
दो देशों के बीच चल रही भीषण जंग में खासतौर पर ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता इस संघर्ष में निर्णायक साबित हो रही है. बीते 48 घंटों में ईरान ने इजरायल के कई शहरों को निशाना बनाकर जिस स्तर की तबाही मचाई, उसने उसकी मिसाइल शक्ति की गंभीरता को उजागर कर दिया है. ईरान ने पहले दिन के हमले में 'खैबर मिसाइल' का इस्तेमाल किया, जिसकी रेंज 2000 किलोमीटर है. वही दूसरे दिन ‘सेजिल मिसाइल’ से इजरायल पर हमले किए गए, जिसकी मारक क्षमता भी 2000 किलोमीटर तक है. इसके अलावा, ईरान के पास मौजूद अन्य मिसाइलें भी इजरायल पर बरसीं, जिनमें क़द्र मिसाइल जिसकी मारक क्षमता 1950 किमी, इमाद मिसाइल मारक क्षमता 1700 किमी, फतह मिसाइल मारक क्षमता 1400 किमी, कासिम सुलेमानी मिसाइल मारक क्षमता 1400 किमी शामिल रहीं. इन मिसाइलों की ख़ास बात यह है कि ये 1000 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक ले जाने में सक्षम हैं. यही वजह है कि ईरान के हमले बेहद विध्वंसक साबित हुए. ईरानी मिसाइलों ने इजरायल के कई इलाकों का हाल गाजा और सीरिया जैसा बना दिया है. मुख्य रूप से तेल अवीव, इलात और हाइफा की सड़कों पर मलबा, जली हुई गाड़ियाँ और धुएं का गुबार ईरान की युद्ध क्षमता को बयां कर रहा हैं.
इन सबके बीच दोनों देश के शीर्ष नेताओं के रूख और एक-दूसरे पर प्रतिक्रिया और जवाबी हमले के अंदाज ने यह बता दिया है कि यह युद्ध इतनी आसानी से खत्म होने वाला नहीं हैं.