Advertisement

सिंधु जल संधि पर भारत को जिस वर्ल्ड बैंक की दे रहा था धौंस, उसी ने पाकिस्तान को लगाई फटकार

पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार के जल प्रहार को पाक सरकार युद्ध जैसी स्थिति बताते हुए इसकी शिकायत विश्व बैंक में करने की बात कही थी, जिस पर विश्व बैंक की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है.

28 Apr, 2025
( Updated: 28 Apr, 2025
09:16 PM )
सिंधु जल संधि पर भारत को जिस वर्ल्ड बैंक की दे रहा था धौंस, उसी ने पाकिस्तान को लगाई फटकार
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आर्थिक रूप से भिखारी जैसी स्थिति वाले देश पाकिस्तान की हालत और बुरी हो गई है. भारत सरकार ने हमले के जवाब में पाक को सबक सिखाने के लिए सिंधु जल समझौते को स्थगित कर पाकिस्तान के लगभग 24 करोड़ लोगों को प्रभावित किया तो पाकिस्तान बौखला गया और इसे युद्ध जैसी स्थिति करार दिया. साथ ही इस मुद्दे को वर्ल्ड बैंक में रखने की बात कही, जिसके बाद वर्ल्ड बैंक की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. 

पहलगाम हमले के बाद एक बार फिर पाकिस्तान को अपने किए  का अंजाम भुगतने का डर सताने लगा है. पाक सरकार को भारत की सैन्य कार्रवाई का भय है. इससे बचने के लिए पाक के विदेश मंत्री कभी चीन, कभी सऊदी अरब तो कभी ब्रिटेन के आगे मदद की गुहार लगा रहे है. इस बीच वर्ल्ड बैंक ने भी भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को स्थगित किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान को फटकार लगाई है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, वर्ल्ड बैंक के प्रवक्ता ने बताया वर्ल्ड बैंक सीमित परिभाषित कामों के लिए ट्रीटी पर सिग्नेचेरी है, इसलिए हम ट्रीटी के सदस्य देशों द्वारा किए गए संधि संबंधी संप्रभु फैसलों पर अपनी राय नहीं रखते है. 

सिंधु जल समझौते के नियमों से भारत आजाद
आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर जल प्रहार करते हुए भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते को निरस्त तो कर दिए लेकिन देशवासियों के मन में इसको लेकर एक सवाल भी उठ रहा है कि इस संधि के क्या मायने है, पाकिस्तान को इससे कितना बड़ा नुकसान होगा? इसको लेकर न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए केंद्रीय जल आयोग के पूर्व प्रमुख कुशविंदर वोहरा ने बताया कि सिंधु जल संधि निलंबन के बाद हम बाध्य नहीं हैं कि हम पड़ोसी देश पाकिस्तान को जानकारी साझा करें. वोहरा ने आगे बताया कि सिंधु जल संधि के तहत अब तक भारत कुछ चीजों को लेकर बाध्य  था लेकिन, हमें सबसे पहले यह जानना भी जरूरी है कि इस संधि के तहत कौन-कौन सी नदियां हैं. उन्होंने बताया कि इस संधि के अंतर्गत छह नदियां हैं. रावी, ब्यास और सतलुज उसका पूरा पानी भारत के लिए है. इसके अलावा सिंधु, झेलम और चिनाब का ज्यादातर पानी पाकिस्तान के लिए है.

पाकिस्तान को कैसे होगा नुकसान
बताते चले कि भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता साल 1960 में हुआ था अब इसे स्थगित हो जाने से भारत इससे जुड़े कोई भी नियम को मानने के लिए बाध्य नहीं है. भारत को अब कोई भी डाटा साझा करने की जरूरत नहीं होगी. अब इसको लेकर भारत और पाकिस्तान कमीशन की बैठक नहीं होगी. इससे जुड़े प्रोजेक्ट को देखने पाकिस्तान के लोग भारत आते थे जो अब नहीं आयेंगे. कुशविंदर वोहरा ने बताया कि भारत कोई भी नया प्रोजेक्ट बनाया था तो उसको जानकारी पाकिस्तान को देनी होती थी. जिस दौरान पाकिस्तान हमेशा प्रोजेक्ट पर खामियां निकालता था. मानसून के दौरान, भारत सिंधु नदी प्रणाली के भीतर बाढ़ की स्थिति के बारे में पाकिस्तान को कोई अपडेट नहीं देगा. इसलिए यह समझौता जब तक निरस्त रहेगा तब तक परेशानी सिर्फ पाकिस्तान की होगी भारत को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. 

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकियों ने कायराना हरकत करते हुए 26 पर्यटकों के गोली मारकर जाम लीं थी जबकि कई अन्य घायल भी हुए थे. इसके बाद भारत के लोगों में आक्रोश है  और देशवासी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पाकिस्तान प कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे है. वही भारत सरकार भी पाक को बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसे जवाब देने की तैयारी में है.

Tags

Advertisement
LIVE
Advertisement
शाहनवाज हुसैन ने बताया क्या है देवेंद्र फडणवीस का प्लान, एक एक का अक्ल ठिकाने लगाई जाएगी?
Advertisement
Advertisement