Romesh Sharma: नेता या खादी के भेष में ‘माफिया’ ?
देश की राजनीति में सत्ता और माफिया का गठजोड़ कोई नई बात नहीं है, मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, मोहम्मद शहाबुद्दीन जैसे कई माफिया रहे जिन्हें सत्ता का आशीर्वाद मिलता रहा और अपनी माफियागीरी चमकाते रहे लेकिन आज हम आपको ऐसे माफिया के बारे में बताने जा रहे हैं, जो माफियाओं से भी बड़ा माफिया था, जिसने अपनी गर्लफ्रेंड की लाश से शादी की !
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देश की राजनीति में सत्ता और माफिया का गठजोड़ कोई नई बात नहीं है... मुख्तार अंसारी… अतीक अहमद… मोहम्मद शहाबुद्दीन जैसे कई माफिया रहे जिन्हें सत्ता का आशीर्वाद मिलता रहा और अपनी माफियागीरी चमकाते रहे… लेकिन आज हम आपको ऐसे माफिया के बारे में बताने जा रहे हैं...
जो माफियाओं से भी बड़ा माफिया था ! जिसने अपनी गर्लफ्रेंड की लाश से शादी की ,दाऊद जैसे गैंगस्टर से जिसका रिश्ता रहा ! जिस पर कांग्रेस भी कभी मेहरबान रही. और लालू ने राज्यसभा की सीट ऑफर कर दी !
जी हां… हम बात कर रहे हैं दाऊद इब्राहिम के एक ऐसे एजेंट की जो अंडरवर्ल्ड के नाले से निकल कर कांग्रेस की गोदी में बैठा और सत्ता के करीब पहुंचता गया... जिसका नाम है रोमेश शर्मा…
चेहरे पर चश्मा… और माथे पर तिलक धारण करने वाला रोमेश शर्मा खादी धारण करने वाला एक ऐसा दानव था... जिसने 1970 के दशक में राजनीति में कदम रखा... और उसकी पहली राजनीतिक पहचान उस दौरे के चर्चित नेता चौधरी चरण सिंह से जुड़ी… जिसके बाद उसने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा… सत्ता के गलियारे में एंट्री मारते ही उसने रसूखदार नेताओं के साथ दोस्ती शुरू कर दी… जिनमें एक और नाम जुड़ा संजय गांधी का... जिनके साथ रोमेश शर्मा करीबियां बढ़ाता गया लेकिन ये साथ लंबा नहीं चल सका क्योंकि 1980 में संजय गांधी का निधन हो गया… जिसके बाद रोमेश शर्मा ने संजय विचार मंच के जरिये सीधे कांग्रेस में एंट्री मारी… और 1980-90 का दौर आते आते रोमेश शर्मा की गिनती राजधानी दिल्ली के रसूखदार नेताओं में होने लगी… जिसने बड़े-बड़े नेताओं… बिजनेसमैन और मीडिया वालों से भी अपनी करीबियां बढ़ाईं… क्योंकि उस पर सियासी नेताओं का वरद हस्त था... कभी लोकदल के साथ जुड़ा, कभी मेनका गांधी के मंच पर नजर आया… तो कभी राजीव गांधी के राज में उसे कांग्रेस का सदस्य तक बना दिया गया... सत्ता के गलियारे में रोमेश शर्मा का रसूख इसी तरह से बढ़ता गया और एक वक्त ऐसा भी आया जब कांग्रेस समर्थन वाली चंद्रशेखर सरकार ने उसे वाई कैटेगरी की सुरक्षा दे दी… यानि एक गैंगस्टर को VIP ट्रीटमेंट… मगर रोमेश शर्मा का असली रूप तो अभी सामने आना बाकी था… और जल्द ही वो दौर भी आ गया जब साल 1993 में शहर मुंबई का जर्रा-जर्रा आतंकी धमाकों से थर्रा उठा… और इस आतंकी हमले के पीछे था अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम… जिसने मुंबई को धमाकों से दहला कर सैकड़ों लोगों की जान ले ली... लेकिन इसके बावजूद रोमेश शर्मा ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की मदद की… रोमेश पर आरोप लगा कि उसने अपने सियासी रसूख का फायदा उठाते हुए दाऊद की मां अमीना बी को महज 24 घंटे के अंदर पासपोर्ट जारी करवा कर भारत से भागने में मदद की... जिसके बाद कहा जाने लगा दिल्ली में बैठा रोमेश शर्मा अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का फ्रंट मैन है... क्योंकि 1996 में जब सुरक्षा एजेंसियों ने रोमेश शर्मा की टेलीफोन कॉल्स को टेप करना शुरू किया तो पता चला वो दाऊद के गैंग से बात करता था... अबु सलेम, छोटा शकील जैसे गुर्गों से भी उसका संपर्क था... इसी बात से समझ सकते हैं कैसे कांग्रेस की गोदी में बैठ कर रोमेश शर्मा खतरनाक गैंगस्टर बन गया… मगर ये सफर यहीं नहीं थमा... उसके सिर पर अपराध और सत्ता के गठजोड़ के दम पर सत्ता के शिखर पर पहुंचने की इस कदर सनक सवार थी कि 1996 में खुद की पार्टी बना ली जिसका नाम रखा… ऑल इंडिया भारतीय कांग्रेस पार्टी... और यूपी की उस चर्चित फूलपुर लोकसभा सीट से मैदान में उतर गया जहां से कभी जवाहर लाल नेहरू चुनाव लड़ा करते थे… लेकिन जब चुनावी नतीजे आए तो रोमेश शर्मा की जमानत जब्त हो गई… और सपा नेता जंगबहादुर पटेल ने जीत हासिल की... इस चुनावी हार के बावजूद माफिया रोमेश शर्मा ने संसद में एंट्री मारने की उम्मीद नहीं छोड़ी… कहते हैं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव भी गैंगस्टर रोमेश शर्मा पर खूब मेहरबान थे… और उन्होंने तो रोमेश शर्मा को राज्यसभा के जरिये संसद में एंट्री दिलाने की पूरी तैयारी भी कर ली थी… लेकिन संसद में पहुंचने से पहले ही रोमेश शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया… नहीं तो लालू की मदद से एक माफिया संसद में पहुंच गया होता…
रोमेश शर्मा कैसे हुआ गिरफ्तार ?
पुलिस और सीबीआई को पहले से ही शक था कि रोमेश शर्मा अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का दिल्ली में फ्रंटमैन था… इसीलिये उसके टेलीफोन कॉल्स को 1996 से टैप किया जा रहा था, जिसमें दाऊद के भाइयों नूरा और अनीस इब्राहिम के साथ ही अबू सलेम, और छोटा शकील से बातचीत भी सामने आई थी... इतना ही नहीं रोमेश पर दिल्ली में सैकड़ों करोड़ की संपत्ति हड़पने, धमकियां देने, विदेशी मुद्रा के अवैध सौदे, वन्यजीव अपराध के साथ ही 50 करोड़ की टैक्स चोरी के भी आरोप थे... और इतना आरोप उसे गिरफ्तार करने के लिए काफी थे... यही वजह है कि साल 1998 में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और सीबीआई की टीम ने रोमेश शर्मा के छतरपुर फार्म हाउस पर छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया...
प्रेमिका के शव से रचाई शादी
आपने अभी तक रोमेश शर्मा का नेता और माफिया वाला ही रूप देखा... इसकी लव लाइफ तो और भी खतरनाक है... जिसे सुनकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी… क्योंकि जिस रोमेश शर्मा की पहचान अब तक कांग्रेस नेता, गैंग्सटर दाऊद इब्राहिम का फ्रंटमैन, लालू के करीबी के तौर पर होती थी… उस रोमेश शर्मा का डैंजरस इश्क भी खूब सुर्खियों में रहा… कहते हैं कुंजम बुद्धिराजा नाम की एक मशहूर फैशन डिजाइनर से रोमेश शर्मा बहुत प्यार करता था और उसके साथ लिव-इन में रहता था... लेकिन साल 1999 में रोमेश शर्मा के दिल्ली के छतरपुर वाले फार्म हाउस में कुंजम बुद्धिराजा की गोली मार कर हत्या कर दी गई... जब ये बात रोमेश शर्मा को पता चली तो उसने अपनी प्रेमिका कुंजम बुद्धिराजा के शव के साथ शादी रचाई... जिसे देख कर लोगों को लगा कि दोनों एक-दूसरे को बेइंतहा मोहब्बत करते हैं लेकिन बाद में जो तस्वीर सामने आई उसने सन्न कर दिया... क्योंकि पुलिसिया पड़ताल में सामने आया कि प्रेमिका के शव से शादी रचाने वाला रोमेश शर्मा ही शक के घेरे में आ गया... और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया... CBI ने माना कि हत्या का कारण व्यक्तिगत विवाद या वित्तीय लेन-देन हो सकता है, कुछ का दावा था कि कुंजम के पास रोमेश की गैरकानूनी गतिविधियों जैसे अंडरवर्ल्ड कनेक्शन की जानकारी थी जिसकी वजह से उसे रास्ते से हटाया गया… हालांकि ये आरोप सिद्ध नहीं हो सका... पहले साल 2012 में दिल्ली हाईकोर्ट तो वहीं साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट से इस आरोप में रोमेश शर्मा बरी हो गया... लेकिन बाकी के केस अभी भी उस पर चल रहे हैं... और करीब 13 साल तक तिहाड़ जेल में सजा काटने के बाद फिलहाल कई मामलों में जमानत पर चल रहा है... रोमेश शर्मा की ये सनसनीखेज कहानी बता रही है कैसे सत्ता की सरपरस्ती में माफिया और गैंगस्टर तैयार होते है…
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