PM मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को दी बधाई, भारत-अमेरिका रिश्तों की नई दिशा
20 जनवरी, 2025 को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी और कहा कि वह ट्रंप के साथ मिलकर दोनों देशों को लाभ पहुंचाने के लिए तत्पर हैं। मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए ट्रंप को उनके उद्घाटन पर बधाई दी और कहा कि वह भविष्य में भारत और अमेरिका के रिश्तों को और प्रगाढ़ करने के लिए काम करेंगे।

20 जनवरी, 2025 को अमेरिका के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन था जब डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए अपने संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा जाहिर की। पीएम मोदी ने ट्रंप को अपने प्रिय मित्र के रूप में संबोधित किया और कहा कि वह उनके साथ मिलकर दोनों देशों को लाभ पहुंचाने के लिए तत्पर हैं। मोदी का यह संदेश न केवल द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि भारत और अमेरिका के बीच भविष्य में होने वाले सहयोग की दिशा भी स्पष्ट करता है।
प्रधानमंत्री मोदी की ट्रंप को बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करके डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी। उन्होंने लिखा, "मेरे प्रिय मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में आपके ऐतिहासिक उद्घाटन पर बधाई! मैं एक बार फिर साथ मिलकर काम करने, दोनों देशों को लाभ पहुंचाने और दुनिया के लिए बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए तत्पर हूं। आने वाले सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं!"
Congratulations my dear friend President @realDonaldTrump on your historic inauguration as the 47th President of the United States! I look forward to working closely together once again, to benefit both our countries, and to shape a better future for the world. Best wishes for a…
— Narendra Modi (@narendramodi) January 20, 2025
यह संदेश न केवल ट्रंप के लिए सम्मान और मित्रता का प्रतीक था, बल्कि भारत और अमेरिका के रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने की मोदी की इच्छाशक्ति को भी दर्शाता है। ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भारत और अमेरिका के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते हुए थे, जिनमें रक्षा, व्यापार, और आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त संघर्ष जैसे मुद्दे शामिल थे। अब ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में ये संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है।
पीएम मोदी के संदेश के साथ-साथ, विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे। एस जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के रूप में अमेरिका पहुंचे थे। शपथ ग्रहण समारोह में सरकार के प्रमुख के रूप में दूत भेजे जाते हैं, और भारत ने यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने रिश्तों को और प्रगाढ़ करने के उद्देश्य से उठाया। एस जयशंकर ने डोनाल्ड ट्रंप को प्रधानमंत्री मोदी का पत्र सौंपा, जिसमें भारत और अमेरिका के बीच आगामी कार्यों पर चर्चा की उम्मीद जताई गई थी। विदेश मंत्री के इस कदम को भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि ये दोनों देश पहले ही विश्व स्तर पर एक-दूसरे के मजबूत साझेदार बने हुए हैं।
मुकेश अंबानी और नीता अंबानी की उपस्थिति
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारत से उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी भी विशेष रूप से शामिल हुए। मुकेश अंबानी, जो भारत के सबसे बड़े कारोबारी समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख हैं, का अमेरिका के राष्ट्रपति शपथ ग्रहण में शामिल होना भारतीय व्यापार जगत का एक बड़ा संदेश है। इस कार्यक्रम में अन्य भारतीय व्यापारियों ने भी भाग लिया, जिनमें पुणे स्थित रियल एस्टेट फर्म कुंदन स्पेस के प्रबंध निदेशक आशीष जैन और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई शामिल थे।
मुकेश अंबानी का इस समारोह में भाग लेना भारतीय कारोबारियों और अमेरिका के व्यापारिक जगत के बीच रिश्तों को और प्रगाढ़ करता है। रिलायंस का अमेरिकी बाजार में एक बड़ा योगदान है, और इस समारोह में उनकी उपस्थिति से दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को नया आयाम मिलेगा। नीता अंबानी भी अपने सामजिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध हैं और उनकी उपस्थिति समारोह में भारत की समृद्धि और उसके वैश्विक कनेक्शन को प्रदर्शित करती है।
भारत-अमेरिका के रिश्ते का भविष्य
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और अमेरिका के रिश्तों में एक नई दिशा देखने को मिल सकती है। दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी के तहत व्यापार, रक्षा, आतंकवाद, और वैश्विक सुरक्षा जैसे प्रमुख मुद्दों पर आगे बढ़ने की संभावना है। ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के रिश्ते प्रगाढ़ हुए थे, और अब दूसरे कार्यकाल में भी ऐसे ही रिश्तों की उम्मीद जताई जा रही है।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध लगातार बढ़ रहे हैं। भारत के साथ अमेरिका के रक्षा संबंध भी प्रगाढ़ हो रहे हैं, और दोनों देशों ने कई प्रमुख रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा, आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त संघर्ष और जलवायु परिवर्तन पर भी दोनों देशों का सहयोग बढ़ने की संभावना है। डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देकर भारत-अमेरिका रिश्तों को और मजबूत करने की अपनी इच्छाशक्ति जाहिर की। एस जयशंकर का अमेरिकी शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेना और भारतीय उद्योगपतियों का समारोह में उपस्थित होना, यह दर्शाता है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते केवल सरकार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि दोनों देशों के लोग और कारोबारी समुदाय भी इन्हें और मजबूती देने के लिए तत्पर हैं।
आने वाले समय में, यह आशा की जा रही है कि दोनों देशों के बीच और अधिक सहयोग होगा, जो न केवल आर्थिक दृष्टि से, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। पीएम मोदी के शब्दों में, "हम दोनों देशों के लिए एक बेहतर भविष्य बनाने की दिशा में साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं।"