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'सिलीगुड़ी की ओर देखा तो भुगतोगे' भारत ने चीन-बांग्लादेश को दिया अल्टीमेटम, चिकन नेक पर तैनात हुए ब्रह्मोस और आकाश

भारत ने सिलीगुड़ी कॉरिडोर की सुरक्षा को अजेय बनाने के लिए राफेल फाइटर जेट्स, S-400 डिफेंस सिस्टम और ब्रह्मोस मिसाइल तैनात किए हैं. चीन और बांग्लादेश की सैन्य हरकतों पर भारत की यह सख्त तैयारी साफ संकेत देती है कि अब देश की सीमाओं पर कोई समझौता नहीं होगा.

26 May, 2025
( Updated: 29 May, 2025
08:56 PM )
'सिलीगुड़ी की ओर देखा तो भुगतोगे' भारत ने चीन-बांग्लादेश को दिया अल्टीमेटम, चिकन नेक पर तैनात हुए ब्रह्मोस और आकाश
सिलीगुड़ी कॉरिडोर, जिसे आम भाषा में ‘चिकन नेक’ कहा जाता है, भारत के लिए एक बेहद संवेदनशील और अहम भौगोलिक गलियारा है. यह सिर्फ 20 से 22 किलोमीटर चौड़ा है और यही उत्तर-पूर्व भारत को शेष भारत से जोड़ता है. अगर इस क्षेत्र में कोई सैन्य खतरा उत्पन्न होता है, तो पूरा पूर्वोत्तर भारत मुख्य भूमि से कट सकता है. यही वजह है कि चीन और बांग्लादेश की बढ़ती निकटता ने भारत की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है.

लालमोनिरहाट में चीन की मौजूदगी ने बढ़ाई चिंता

हाल ही में खबर आई कि चीनी सैन्य अधिकारियों ने बांग्लादेश के लालमोनिरहाट जिले में एक पुराने एयरबेस का निरीक्षण किया है, जो सिलीगुड़ी कॉरिडोर से कुछ ही किलोमीटर दूर है. यह कोई सामान्य दौरा नहीं माना जा रहा, बल्कि इसे भारत की सामरिक सीमाओं पर दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. भारत के लिए यह एक बड़ा अलार्म है.

भारत ने दिखाई सैन्य ताकत

भारत ने इस खतरे को नजरअंदाज करने के बजाय सीधे मोर्चा संभाल लिया है. सबसे पहले, रूस से खरीदा गया अत्याधुनिक S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम अब सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास तैनात कर दिया गया है. यह प्रणाली 400 किलोमीटर तक की रेंज में दुश्मन के किसी भी हवाई हमले को नष्ट कर सकती है.

इसके साथ ही, हाशिमारा एयरबेस पर राफेल जेट की पूरी स्क्वाड्रन को तैनात किया गया है. ये फाइटर जेट्स मेटियोर मिसाइलों, स्कैल्प क्रूज़ मिसाइल और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम से लैस हैं, जो किसी भी प्रकार के टकराव में निर्णायक बढ़त दिला सकते हैं. इसके अतिरिक्त ब्रह्मोस और आकाश मिसाइल रेजिमेंट भी क्षेत्र में सक्रिय हो चुकी हैं.

बांग्लादेश की नई चाल

बांग्लादेश की तरफ से भी हाल के महीनों में कई ऐसे कदम उठाए गए हैं, जो भारत को चौंकाने वाले हैं. पिछले वर्ष बांग्लादेश की ओर से तुर्की निर्मित बायक्तर TB2 ड्रोन को भारत-बांग्लादेश सीमा के पास उड़ते देखा गया. इसके बाद भारतीय सेना ने स्पष्ट चेतावनी दी थी कि भारतीय सीमा में घुसने वाला कोई भी विमान या ड्रोन सीधे नष्ट कर दिया जाएगा. इसके अलावा बांग्लादेश अब पाकिस्तान और चीन से मिलकर JF-17 थंडर फाइटर जेट खरीदने की योजना पर भी काम कर रहा है.

अंतरिम बांग्लादेशी सरकार के तीखे बयान 

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में भारत के खिलाफ तीखे बयान दिए, जिससे रिश्तों में और तल्खी आई है. भारत इस मामले को केवल सैन्य दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी बहुत गहराई से देख रहा है. चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश का यह त्रिकोणीय समीकरण दक्षिण एशिया में नए सुरक्षा समीकरण खड़े कर रहा है, जिसका सबसे बड़ा असर भारत पर पड़ेगा.

सिलीगुड़ी कॉरिडोर सिर्फ एक भौगोलिक पट्टी नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक धमनियों में से एक है. यहां कोई भी हलचल सीधे देश की सुरक्षा और अखंडता को चुनौती देती है. भारत ने जिस तेजी से इस क्षेत्र में अपनी सैन्य ताकत बढ़ाई है, वह स्पष्ट संकेत है कि देश अब किसी भी खतरे को सिर्फ देखने की बजाय उसका करारा जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है. चीन और बांग्लादेश को यह समझ लेना चाहिए कि भारत की आंख में आंख डालने की कोशिश अब भारी पड़ सकती है.

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