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चीन को समंदर में लगा तगड़ा झटका, अमेरिका भी हंस पड़ा !

अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने दावा किया है कि पनडुब्बी वुहान के वुचांग शिपयार्ड में डूबी. डूबने वाली पनडुब्बी झाओ क्लास की थी अब चीन जैसा देश अपनी ऐसी नाकामी के बारे में दुनिया को कैसे बताता. इसलिए पनडुब्बी के डूबने की खबर को सीक्रेट रखा गया ।

02 Oct, 2024
( Updated: 02 Oct, 2024
09:08 PM )
चीन को समंदर में लगा तगड़ा झटका, अमेरिका भी हंस पड़ा !
एक कहावत है कि चीन का सामान चले तो चाँद तक और ना चले तो शाम तक। China के सामन की कोई गारंटी नहीं होती तकनीक की चोरी और दूसरे देशों की नकल करके बनाए गए हथियार भी अब चीन में बेकार साबित होने लगे हैं। अब चीन तो ठहरा चीन वो तो अपनी फ़ज़ीहत किसी को बताएगा नहीं जो कोरोनावायरस को पूरी दुनिया में फैलाने का बाद ख़ुद को बचाता रहा वो अपनी फ़ज़ीहत कैसे किसी को बताए लेकिन इस बार अमेरिका ने बड़ा खुलासा करके चीन को एक्सपोस कर दिया।अमेरिका को पीछे छोड़ महाशक्ति बनने का सपना देखने वाले चीन को बड़ा झटका लगा हाल ही में चीन ने अपना अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का प्रशांत महासागर में टेस्ट किया।यह टेस्ट चीन ने 44 साल बाद किया था लेकिन अब चीन के साथ जो हुआ वो सुनकर आपकी भी हंसी छूट जाएगी।


दरअसल, अमेरिका ने खुलासा किया है कि पिछले दिनों चीन की एक पनडुब्बी डॉकयार्ड पर खड़े खड़े ही डूब गई।अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने दावा किया है कि पनडुब्बी वुहान के वुचांग शिपयार्ड में डूबी। डूबने वाली पनडुब्बी झाओ क्लास की थी अब चीन जैसा देश अपनी ऐसी नाकामी के बारे में दुनिया को कैसे बताता। इसलिए पनडुब्बी के डूबने की खबर को सीक्रेट रखा गया ये घटना तो मई या जून में हुई थी, लेकिन इसकी जानकारी अब सामने आई है। अमेरिकी अधिकारियों कुछ सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए यह दावा किया है. तस्वीर बताती हैं कि 10 मार्च को पनडुब्बी मौजूद थी, 10 मार्च को मैक्सार टेक्नोलॉजीज की सैटेलाइट इमेज में झाउ-क्लास की सबमरीन वुहान के पास शिपयार्ड में नजर आ रही थी इसके बाद 16 जून को पनडुब्बी लापता हो गई, लेकिन जून के आखिर में यहां की फिर से तस्वीरें ली गईं, जिसमें इसे नहीं देखा गया। अमेरिका के मुताबिक चीन का डिफेंस सेक्टर भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। चीन में सबमरीन और युद्धपोत बनाने के नाम पर भी बड़े घोटाले हो रहे हैं यही वजह है कि चीन में शर्मिंदगी वाली ऐसी घटनाएं हो रही है।

सैटेलाइट इमेज पर रिसर्च करने वाले टॉम शुगार्ट ने सबसे पहले इसकी जानकारी दी। शुगार्ट ने कहा कि पहले उन्हें लगा कि कोई पनडुब्बी डूब गई होगी, लेकिन बाद में पता चला कि वह चीन की परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी थी। पनडुब्बी को लेकर चीन ने कोई जानकारी नहीं दी वॉल स्ट्रीट जर्नल ने दावा किया है कि पनडुब्बी को बचा लिया गया है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इसे फिर से काम पर लगने में कई महीने लग सकते हैं। लेकिन इसे भी टॉम शुगार्ट ने ख़ारिज करते हुए कहा कि 25 अगस्त को जो तस्वीर ली गई उसमें एक सबमरीन को वापस उस डॉक पर देखा गया लेकिन ये साफ नहीं है कि ये वो ही सबमरीन है जो डूबी थी। उन्होंने कहा की ये उसकी तरह नहीं लगती ये शायद TYPE 039 है शायद पाकिस्तान की। चीन मिलिट्री पावर रिपोर्ट 2023 के मुताबिक चीन के पास 6 न्यूक्लियर फ्यूल बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी, 6 न्यूक्लियर फ्यूल पावर अटैक पनडुब्बी और 48 डीजल अटैक पनडुब्बी थीं। परमाणु पनडुब्बी दो तरह की होती हैं। बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी और अटैक पनडुब्बी। बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी ज्यादा ताकतवर होती है।

वहीं, अमेरिका के पास 53 तेज गति से हमला करने वाली पनडुब्बी, 14 बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी और चार गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी हैं। अमेरिका का पूरा पनडुब्बी बेड़ा परमाणु ऊर्जा से चलता है।

चीन अपनी पनडुब्बियों की संख्या को साल 2025 तक 65 और साल 2035 तक 80 तक ले जाना चाहता है। चीन के पास पहले से ही 370 से अधिक जहाजों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है। चीन ने अब न्यूक्लियर फ्यूल से जलने वाले हमलावर पनडुब्बियों की एक नई पीढ़ी का उत्पादन शुरू कर दिया है।

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