ट्रंप और पुतिन की मुलाकात से पहले यूक्रेन ने रूस को दहलाया, शाहेद अटैक ड्रोन वाली जगह को बनाया निशाना, 4 दिनों में दूसरा बड़ा हमला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शांति वार्ता से पहले यूक्रेन ने रूस पर बड़ा हमला किया है. खबरों के मुताबिक, यूक्रेन ने रूस की उस जगह को निशाना बनाया है, जहां शाहेद अटैक ड्रोन रखे गए थे. पिछले 4 दिनों के अंदर रूस पर यह दूसरा सबसे बड़ा हमला है.
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15 अगस्त को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यूक्रेन को लेकर शांति वार्ता होनी है, लेकिन इस मीटिंग से पहले रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन में अपनी घुसपैठ बढ़ा दी है. वह ज्यादा से ज्यादा शहरों पर कब्जा करने की तैयारी में है. इस बीच यूक्रेन का रूस को दहलाने का सिलसिला लगातार जारी है. खबरों के मुताबिक, यूक्रेन ने रूस की उस जगह को निशाना बनाया है, जहां शाहेद अटैक ड्रोन रखे गए थे. पिछले 4 दिनों के अंदर रूस पर यह दूसरा सबसे बड़ा हमला है. यह इलाका यूक्रेन की सीमा से 1,300 किलोमीटर दूर बताया जा रहा है.
पुतिन और रूस की मुलाकात से पहले दहला रूस
यूक्रेन ने रूसी क्षेत्र में एक ऐसी इमारत को उड़ाया है, जहां पर शाहेद अटैक ड्रोन रखे गए थे. ऐसे में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात से पहले दोनों देशों के बीच युद्ध में तनाव फिर से बढ़ गया है. यूक्रेन की खुफिया एजेंसी SBU ने बताया है कि हमारे ड्रोन ने रूस के तातारस्तान क्षेत्र में एक इमारत को निशाना बनाया, जहां लंबी दूरी तक मार करने वाले ईरान-निर्मित शाहेद अटैक ड्रोन रखे गए थे. वहीं स्थानीय निवासियों द्वारा शूट किए गए वीडियो में रूस की इमारत को हुए नुकसान की पुष्टि होती दिखाई दे रही है.
रूस की नजर यूक्रेन के इन शहरों पर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शांति वार्ता को लेकर चर्चा होने वाली है. इस शांति वार्ता में रूस की नजर पूर्वी यूक्रेन के उन अहम शहरों पर है, जो खनन के क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण है. रूस इन सभी शहरों पर कब्जा जमाना चाहता है. हालांकि, अभी तक उसे यह सफलता नहीं मिल पाई है.
2022 से चल रहा रूस-यूक्रेन जंग
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बता दें कि साल 2022 फरवरी में रूस ने यूक्रेन पर अचानक से आक्रमण कर देश के अधिक से अधिक हिस्सों पर कब्जा करना शुरू कर दिया था. यह द्वितीय युद्ध के बाद यूरोप में अब तक का सबसे बड़ा संघर्ष माना जा रहा है. इसमें अब तक लाखों की संख्या में लोगों की मौत हुई है. इनमें कई शरणार्थी शामिल हैं.
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