ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने क्या वादा किया, जो भारत ने जताई सीजफायर पर सहमति?
12 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच एक अहम बैठक हुई, जिसमें सीमा पर शांति बनाए रखने और संघर्ष विराम की शर्तों का पालन करने पर सहमति बनी। दोनों देशों ने एक भी गोली न चलाने, आक्रामक रवैये से बचने और सीमाओं से सेना घटाने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की।

22 अप्रैल की दोपहर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. यह हमला सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि भारत की संप्रभुता और सुरक्षा पर सीधा हमला था. लेकिन भारत अब 90 के दशक वाला देश नहीं रहा, जहां सिर्फ निंदा करके चुप बैठ जाया करता था. आज का भारत निर्णायक फैसले लेता है और आतंक का जवाब आतंक की भाषा में देता है. इसी सोच और संकल्प के साथ शुरू हुआ "ऑपरेशन सिंदूर", जिसने पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को जड़ से हिला दिया. भारत ने बेहद सटीक एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंक के नौ बड़े ठिकानों को तबाह कर दिया. इस ऑपरेशन में कई कुख्यात आतंकी मारे गए और उनके ट्रेनिंग कैंप खंडहर में तब्दील हो गए.
पाकिस्तान का बौखलाहट भरा जवाब
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से पाकिस्तान हिल गया. उसकी बौखलाहट इस कदर बढ़ गई कि वह सीमा पर गोलीबारी करने लगा. लेकिन भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया. इससे हालात और बिगड़ सकते थे, लेकिन भारत ने इस बार पूरी योजना और रणनीति के तहत हर कदम उठाया. जवाबी कार्रवाई के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान को समझ आ गया कि अब पुराना तरीका नहीं चलेगा. इसलिए उसने भारत से बातचीत की भीख मांगनी शुरू कर दी. 10 मई को दोपहर 3:35 पर पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से संपर्क कर सीजफायर की अपील की. पाकिस्तान ने वादा किया कि वह अब कोई आतंकी या सैन्य दुस्साहस नहीं करेगा. लेकिन भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब उसका धैर्य और रणनीति दोनों नई दिशा में चल रही है.
पीएम मोदी का राष्ट्र को संबोधन
ऑपरेशन सिंदूर के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार राष्ट्र को संबोधित किया. इस संबोधन में उन्होंने भारत की नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि पाकिस्तान को उसकी हरकतों की सजा मिल चुकी है. उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक जवाबी हमला नहीं था, बल्कि भारत की आतंकी विरोधी नीति का नया अध्याय था. प्रधानमंत्री ने कहा, "हमने सिंदूर की कीमत वसूल की है. अब कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा." यह बयान सिर्फ एक चेतावनी नहीं था, यह भारत की बदलती भू-राजनीतिक रणनीति का ऐलान था. अब भारत केवल प्रतिक्रिया नहीं देगा, बल्कि हर हमले की कीमत वसूलेगा और आतंक की जड़ तक जाकर उसे खत्म करेगा.
न्यू नॉर्मल की घोषणा, भारत की नई रणनीति
पीएम मोदी ने अपने भाषण में एक नई अवधारणा पेश की न्यू नॉर्मल. उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद ऑपरेशन सिंदूर अब भारत की आतंक विरोधी नीति का नया मानक है. इसका मतलब है कि अगर अब भारत पर आतंकी हमला होता है, तो भारत उसी समय और अपनी शर्तों पर जवाब देगा. भारत अब सिर्फ आतंकी संगठनों को ही नहीं, बल्कि उन्हें शरण देने वाली सरकारों को भी एक ही नजर से देखेगा. पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के स्टेट स्पॉन्सर्ड टेररिज्म का सबसे बड़ा प्रमाण तब मिला जब ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान की सेना के अफसर अंतिम विदाई देने पहुंचे. इससे यह साफ हो गया कि पाकिस्तान की सरकार और सेना दोनों आतंक के साझेदार हैं.
सिंधु जल संधि पर भारत का सख्त रुख
पीएम मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने जो कूटनीतिक फैसले लिए हैं, जैसे कि सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार, वे फैसले कायम रहेंगे. पाकिस्तान अब सिर्फ सैन्य नहीं, आर्थिक और राजनयिक मोर्चों पर भी भारत के दबाव में है. दुनिया की नजर में भी अब पाकिस्तान एक आतंक समर्थक राष्ट्र के रूप में स्थापित हो चुका है. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से केवल एक सैन्य लक्ष्य नहीं साधा, बल्कि वैश्विक कूटनीति में अपनी स्थिति को और मजबूत किया.
प्रधानमंत्री ने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि भारत की तीनों सेनाएं, एयरफोर्स, आर्मी और नेवी, BSF और अर्धसैनिक बल पूरी तरह अलर्ट हैं. अब अगर कोई आतंकी संगठन या पाकिस्तान की सेना भारत के खिलाफ कोई साजिश करती है, तो जवाब पहले से कहीं अधिक निर्णायक और घातक होगा. यह एक नई नीति का संकेत है जिसमें सिर्फ जवाब नहीं, बल्कि जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाएगी.