सरकार को किस मुहूर्त का इंतजार…? अवैध प्रवासियों के Deportation पर कोर्ट की फटकार !
Supreme Court ने अवैध प्रवासियों के मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार को फटकार लगाई है. SC ने सरकार से पूछा क्या विदेशियों को उनके देश भेजने के लिए किसी मुहूर्त का इंतजार है ? कोर्ट ने सरकार को केवल दो हफ्ते का समय दिया है
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एक तरफ देश में अमेरिका से भेजे गए भारतीय प्रवासियों का मुद्दा छाया हुआ. भारतीय प्रवासियों को हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां बांधकर भेजा गया। सड़क से लेकर संसद तक ये मामला गर्माया हुआ है।अमेरिका ने खुद एक वीडियो जारी कर अपने बर्ताव का परिचय दिया। यहां तक कि भारतीय प्रवासियों को एलियंस और अपराधी भी कहा।उन्हें सिविल एयरक्राफ्ट में ना भेजकर मिलिट्री एयरक्राफ्ट में भरकर भेजा गया। जिस पर सवाल उठ गए।इस मामले के बाद भारत में अवैध तरीके से रह रहे विदेशियों को वापस भेजने की मांग भी तेज हो गई।
सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में सरकार को फटकार लगाई है।
विदेशी घोषित फिर भी भारत में पनाह क्यों ? विदेशियों को भेजने के लिए क्या मुहूर्त का इंतजार ? अवैध विदेशी नागरिकों पर ‘सुप्रीम’ सख्ती कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार
विदेशी नागरिकों के डिपोर्टेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का चाबुक चला है। कोर्ट ने इस मामले पर सख्ती दिखाते हुए असम सरकार से जवाब मांग लिया। कोर्ट ने सरकार से पूछा, क्या विदेशियों को उनके देश भेजने के लिए आप किसी मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं। जस्टिस अभय एस. ओका और उज्जवल भुईंया की बेंच ने इस मामले में सुनवाई कर सरकार से जवाब मांगा। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, "जो लोग विदेशी घोषित हो चुके हैं उन्हें डिटेंशन सेंटर में क्यों रखा जा रहा है ? उन्हें तुरंत डिपोर्ट किया जाना चाहिए।
इस पर असम सरकार ने तर्क दिया कि, इन लोगों के एड्रेस नहीं हैं। सरकार के इस जवाब से सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा, ये हमारी चिंता नहीं है। विदेशियों को अनिश्चितकाल तक डिटेंशन सेंटर में नहीं रख सकते। उन्हें उनके देश भेज दें। क्या आप किसी मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट की ओर से ये भी कहा गया कि, "अगर आप किसी को विदेशी घोषित करते हैं तो उसी पल आपको अगला कदम उठाना पड़ता है। संविधान के अनुच्छेद 21 में ये मौजूद है। असम में विदेशियों के लिए कई डिटेंशन सेंटर है आपने कितने लोगों को डिपोर्ट किया है ? आप उन्हें ये कहकर कैसे हिरासत में रख सकते हैं कि उनका एड्रेस नहीं पता?
सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए असल सरकार को दो हफ्ते का समय दिया है। SC ने अपने निर्देश जारी किए कि डिटेंसन सेंटर में रखे गए 63 लोगों को ही हफ्ते के अंदर डिपोर्ट किया जाए।
सरकारी खजाने का नुकसान’
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सरकारी खजाने की ओर भी ध्यान दिलाया। कोर्ट ने कहा, डिटेंसन सेंटर में रह रहे लोगों पर खर्च सरकारी खजाने से हो रहा है।ऐसे में सरकार को इस पर भी चिंता जतानी चाहिए। लेकिन सरकार को तो कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा।
हालांकि असम सरकार ने कोर्ट से डिपोर्टेशन के पूरे प्रोसेस के लिए और समय मांगा है। लेकिन SC ने सरकार की ये मांग सख्ती के साथ खारिज कर दी। कोर्ट ने याद दिलाया कि पहले ही सरकार को पूरा समय दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया नोटिस।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके लिए कोर्ट ने एक महीने का समय दिया है।
दरअसल, असम में अभी सात डिटेंशन सेंटर हैं। इनमें से 6 तो जेल के अंदर बने हुए हैं। जबकि एक डिटेंशन सेंटर अलग है। इस डिटेंशन सेंटर में जनवरी तक 270 विदेशी नागरिकों को हिरासत में रखा गया है।बहरहाल अब देखना होगा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद इन विदेशी नागरिकों को वापस भेजने के लिए क्या कदम उठाती है ?